पहला बुजुर्ग एक – मेरी एक पोती है, शादी के लायक है… बहुत अच्छी है, सुन्दर है, पढ़ी-लिखी है, नौकरी करती है, कद – 5″2 इंच है.. सुंदर है।
कोई लडका नजर में हो तो बताना..
दूसरा बुजुर्ग – आपकी पोती को कैसा परिवार चाहिए?
पहला बुजुर्ग – कुछ खास नहीं… बस लडका या तो कोई अच्छी सरकारी नौकरी कर रहा हो, या फिर डॉक्टर या इंजीनियर हो, अच्छी सैलरी, हो, बैंक बैलेंस भी हो. या फिर कोई अच्छा बिज़नेस कर रहा हो, उसका अपना घर हो, कार भी हो, घर में एसी लगा हो, वाशिंग मशीन भी हो और नौकर भी हो, घर के सामने अपने बाग बगीचा हो…
दूसरा बुजुर्ग – कुछ और मांग हो तो वो भी बता दो…
पहला बुजुर्ग – हाँ सबसे जरूरी बात… लड़का अकेला ही होना चाहिए…
मां-बाप, भाई-बहन नहीं होने चाहिए… वो क्या है कि लडाई झगड़े होते रहते हैं न इसलिए मेरी पोती की ये सब पसंद नहीं है।
दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई।
फिर आँसू पोंछते हुए बोला – मेरे एक दोस्त का पोता है. उसके भाई-बहन नही हैं, मां बाप एक दुर्घटना में चल बसे थे। लड़के के पास अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख से ज़्यादा सैलरी लेता है। गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर भी हैं।
पहला बुजुर्ग – तो करवाओ न बात. मेरी तरब से तो रिश्ता पक्का समझो।
दूसरा बुजुर्ग – मगर उस लड़के की भी कुछ ऐसी ही शर्तें हैं। पहली शर्त तो ये कि लड़की के भी मां-बाप, भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हों…
कहते कहते उस बुजुर्ग का गला भर आया।
फिर उस बुजुर्ग ने बोले – अगर आपका परिवार आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है… अगर ऐसा हो तो आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी और वो बहुत सुखी रहेगी…
पहला बुजुर्ग – ये क्या बकवास कर रहे हैं आप? हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या? कल को हमारी उस लड़की की खुशियों में, दुःख में कौन उसका साथ देगा, कौन उसके पास होगा…?
दूसरा बोला – वाह मेरे दोस्त, खुद का परिवार, परिवार है और दूसरे का कुछ नहीं…
इतना सुनते ही पहले वाले बुजुर्ग को बेहद शर्मिंदगी महसूस होने लगी।
उस व्यक्ति को शर्मिंदगी महसूस करते हुए देख कर वे फिर बोले – अगर शर्मिंदगी महसूस हो रही है तो आज से ही अपने बच्चों को परिवार का महत्व समझाओ, घर के बडे और छोटे सभी एक दूसरे के लिए जरूरी होते हैं… वरना तो इंसान खुशियों का और गम का महत्व ही भूल जाएगा, जिंदगी नीरस बन जाएगी…
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