Skip to content
15 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष

इंसान की जिंदगी में पांच सबसे बड़े दुख क्या हैं?

admin 25 December 2022
Rural Indian woman working hard in village
Spread the love

ये बात तो सबको पता है कि मनुष्य के जीवन में सुख और दुख का आना-जाना एक आम बात होती है। कभी-कभी तो हमें इतनी अधिक खुशी मिलती है कि उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकते। जबकि, इसके ठीक उलट, कभी-कभी दुख भी हमारे जीवन में इतने अधिक आते हैं कि उस समय हम कुछ और सोचने या समझने के लायक नहीं रह पाते हैं। ऐसे में अक्सर यही होता है कि करीब-करीब हर एक प्रकार का बड़े से बड़ा दुख भी हमारी जिंदगी से अपने आप ही जैसे आता है वैसे ही निकल भी जाता जाता है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सुख और दुख को लेकर दुनिया के बड़े से बड़े मनोविज्ञानिकों का यही कहना है कि हर एक व्यक्ति के जीवन में सुख कम और दुख सबसे अधिक बार आते हैं और यही कारण है कि व्यक्ति के जीवन में सुख से कहीं अधिक समय तक, दुख कायम रहता है। मनोविज्ञानिकों का कहना है कि कुछ दुख तो इस प्रकार के होते हैं कि वे जिंदगी भर पीछा नहीं छोड़ते।

अगर हम किसी से पूछें कि सबसे बड़ा दुख क्या है? तो सामने वाले का उत्तर वही होगा जो दुख उसने या तो अभी हाल ही के दिनों में झेला होता है या फिर वो जो उसने किसी अन्य के साथ घटित हुई किसी ऐसी घटना या दुर्घटना के बारे में सूना या देखा होता है जिसके कारण उसके पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।

दरअसल, दुनिया में सबसे बड़ा दुख क्या है? इस प्रश्न को सुलझाने के लिए पूरी दुनिया के बड़े से बड़े मनोविज्ञानिक हमेशा से ही उलझन में रहे हैं। क्योंकि हर एक व्यक्ति का दुख उसकी अपनी नजर में, अपने अनुसार छोटा या बड़ा, कम या फिर ज्यादा होता है। और उसका वही दुख दुनिया में सबसे बड़ा दुख बन जाता है। इसलिए अधिकतर मनोविज्ञानी आज तक ये नहीं जान पाये हैं कि किस प्रकार के दुख को सबसे बड़ा दुख माना जाये और किसको नहीं।

जबकि, हैरानी तो इस बात पर होती है कि दुनियाभर के मनोविज्ञानियों और जानकारों में से अधिकतर इस बात पर एक मत दिखते हैं कि दुनिया में सबसे बड़ा दुख अगर कोई है तो वो है स्वयं के द्वारा, स्वयं के लिए वर्तमान में या फिर अपने बीते समय में उत्पन्न की हुई कुछ ऐसी समस्यायें, जिनको की बाद में वही व्यक्ति विवश होकर झेलता है, और यही सबसे बड़ा दुख बन जाता है। हालांकि, कुछ दुख ऐसे भी होते हैं जो अनायास ही आते हैं, लेकिन, वे इतने अधिक नहीं होते हैं जो स्वयं के द्वारा, स्वयं के लिए उत्पन्न दुखों के समान भयंकर हों।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर के तमाम मनोविज्ञानियों और जानकारों ने ऐसी ही कुछ समस्याओं का जिक्र किया है उनमें से अधिकतर तो पहली नजर में बहुत ही साधारण या फिर आम बात लगती है। लेकिन, सच तो ये है कि कोई इस बात पर विश्वास ही नहीं करना चाहता कि आपका वर्तमान और भविष्य ऐसी समस्याओं में उलझ कर रहा जाता है।

जिन अलग-अलग समस्याओं का जिक्र करते हुए मनोविज्ञानियों ने उनकी सूची बनाई उनमें से कुछ समस्याएं तो इस इस प्रकार से हैं कि हम उनके बारे में कभी सोच भी नहीं पाते कि भविष्य में हमें उनको झेलना भी पड़ सकता है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, नंबर एक पर जो समस्या है उसके अनुसार- वही इंसान सबसे अधिक दुखी वही होता है जिसको कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं से संतोष नहीं होता। क्योंकि ऐसा व्यक्ति लाख सुखों व विलाषिताओं से घिरा क्यों न हो उन्हें अधिक से अधिक पाने की लालसा में वह अपने को सुख और शांति से वंचित कर लेता है। और बाद में यही उसके सबसे दुख बन जाता है।

नंबर दो पर है कि- वही इंसान सबसे अधिक दुखी होता है जो खुद पर आत्मविश्वास नहीं रखता, और दूसरों के फैसलों का अधिक से अधिक समर्थन करता है।

नंबर तीन के अनुसार- एक ही बात पर ज्यादा और बार-बार सोचने वाला व्यक्ति बाद में सबसे अधिक दूखी पाया गया है।

नंबर चार कुछ इस प्रकार से है कि- दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी वे लोग होते हैं जिनको कब्ज बना रहता है, और उनका पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता।

नंबर पांच पर ऐसे लोग होते हैं जो कर्ज में डूबे रहते हैं। क्योंकि ऐसे लोग हमेशा जिंदगी से समझौते करते रहते हैं और दबावभरी जिंदगी गुजार देते हैं, और यही उनके लिए सबसे बड़ा दुख होता है।

इसीलिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि अगर इंसान का शरीर स्वस्थ है, तो उसे सारी दुनिया आनंदमय लगती है। लेकिन अगर इंसान का शरीर स्वस्थ नहीं है, तो उसे धन-दौलत और यह पूरी दुनिया सब कुछ बेकार लगने लगती है। इसलिए दुनिया में सबसे बड़ा सुख हमारा अपना स्वस्थ शरीर ही होता है, और सबसे बड़ा दुख भी हमारे इसी बीमार शरीर के कारण ही झेलना होता है।

जिंदगी चाहे कितने भी बुरे दौर से क्यों न गुजर रही हो। हमें हर दिन सुबह ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए कि उसी के कारण हमारे जीवन में आने वाला हर दिन एक ऐसा समय लेकर आता है जिसे हम और आप फिर से आरंभ करते हैं और खुशी-खुशी गुजारते जाते हैं।

– अमृति देवी

About The Author

admin

See author's posts

3,829

Related

Continue Reading

Previous: Research : गुस्से से पड़ता है दिल, दिमाग, पेट, याददाश्त पर बुरा असर
Next: स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के उत्तर में थी खजाने की जानकारी थी

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078018
Total views : 142110

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved