ॐ की शक्ति और महत्त्व | Benefits of Chanting ‘ॐ’ in Science and Health
ॐ का जाप करने से किसी भी जापकर्ता के शरीर में प्राण शक्ति का संचार होने लगता है। ॐ का जाप करने से न सिर्फ धर्म का प्रचार होता है बल्कि विज्ञान का महत्त्व भी समझ में आता है। आध्यात्मिक दृष्टि से देखे तो संपूर्ण सृष्टि का वास ॐ की शक्ति में है। यही कारण है कि इसे प्रतिदिन जपना ईश्वर को प्रसन्न करने का सीधा और सरल तरीका माना गया है। ॐ के जाप में न सिर्फ विज्ञान का महत्त्व समाहित है बल्कि इसके परिणाम भी शीघ्र ही मिलने लगते हैं। जैसे कि –
एक घडी, आधी घडी, आधी में पुनि आध।
तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध।।
1 घड़ी = 24 मिनट
1/2 घडी़ = 12 मिनट
1/4 घडी़ = 06 मिनट
क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मिनट में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं?
उत्तर है – हाँ हो सकते हैं। वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि…
सिर्फ 6 मिनट ॐ का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते।
छः मिनट ॐ का उच्चारण करने से मस्तिष्क में विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है और ऑक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।
क ॐ के उच्चारण से कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है, स्मरण शक्ति बढती है।
लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में ऑक्सीजन लेबल बढता है।
रक्त चाप, हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।
क ॐ के उच्चारण से कंठ में विशेष कंपन होता है, मांसपेशियों को शक्ति मिलती है।
क ॐ के उच्चारण से थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं।
एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से पाचन तन्त्र, लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं।
उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है।
फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
ॐ के उच्चारण से आयु बढती है।
ॐ के उच्चारण पर सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं। जरूरत है छः मिनट रोज करने की।
ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करना चाहिए।
ॐ का जाप करने का सही तरीका क्या है? –
ॐ का जाप करने का सबसे अच्छा समय सुबह 6 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 6 बजे का होता है, इसके अलावा इसे संध्या काल या शुभ समय के रूप में जाना जाता है।
शुरुआत में आप ॐ का जाप 108 बार से शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे इसे 200-300 तक भी बढ़ा सकते हैं। यदि संभव हो सके तो महीने में एक बार 1008 बार जाप भी कर सकते हैं। हालाँकि इसके अलावा आप जितनी बार चाहें उतनी बार ॐ का जाप कर सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार जब भी चाहें तब कर सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी पूजा या किसी संकल्प के तहत कर रहे हैं तो इसे नियम के साथ ही करें.
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