कुछ लोग ज्यादा मॉडर्न होकर दूसरी संस्कृति की नकल तो करते हैं और उसका दिखावा भी करते हैं लेकिन वह संस्कृति कैसी है? उसके कपड़े कैसे हैं? उसके ब्रांडेड सामान कैसे हैं? और उनका इस्तमाल कब, क्यों, कैसे और किसको, कहां कहां करना चाहिए और उस वस्तु का महत्व क्या है ये किसी को पता नहीं होता। इसके लिए हम भारत के लोगों को ही नहीं बल्कि अमेरिका के लोगों को भी कह और समझ सकते हैं। जैसे की यह महिला।
बताया जा रहा है की यह एक अमेरिकन महिला है और भारत भ्रमण के दौरान इसने किसी पानवाले से यह थैला महंगे दाम देकर खरीदा था, जबकि वह पानवाला इसे मुफ्त में ही दे रहा था क्योंकि उसको इसकी जरूरत नहीं थी। लेकिन पराए देश और पराए सामान का क्रेज हमेशा दूसरे देश के लोगों को ही सबसे अधिक होता है।
जिस किसी भी व्यक्ति ने इसका फोटो खींचा होगा वह एक दम ठेठ भारतीय ही रहा होगा, वरना इस थैले का फोटो अमेरिका से भारत तक यूं ही नहीं चला आता। अमेरिका के लिए यह थैला एक फैशन हो सकता है लेकिन भारत के लिए यह बीड़ीछाप थैला ही है जो सामान भरने और किसी कोने में रखने के काम आता है। हालाँकि ग्रामीण लोगों के लिए यात्रा में काम आने वाले किसी महंगे सूटकेस के सामान है। लेकिन इस विदेशी महिला के लिए यह थैला एक फैशन और स्टेटस है. ठीक वैसे ही जैसे भारत में फटी जीन्स किसी गरीब को अलग पहचान देती है और किसी आमिर को अलग।
भारत के लिए यह एक मामूली सा बीड़ीछाप थैला हो सकता है लेकिन किसी अमेरिकन के लिए विदेशी वस्तु और वह भी ब्रांडेड।
संस्कृति बचाओ स्वदेशी अपनाओ।
– dharmwani.com