अपने देश में ‘एसिड अटैक’ (Acid attack in India) की खतरनाक कुप्रवत्ति लगातार बढ़ती ही जा रही है। एसिड अटैक क्यों हो रहे हैं? इस प्रकार की मानसिकता दिन-प्रतिदिन क्यों बढ़ती जा रही है? यह व्यापक बहस का मुद्दा है किन्तु प्रमुख बात यह है कि जब एसिड की बिक्री खुलेआम प्रतिबंधित है तो लोगों को कैसे उपलब्ध हो जा रही है? देश में पिछले कुछ समय से इस प्रकार के अपराधों में खासा इजाफा हुआ है। एसिड अटैक (तेजाब से हमले) के कारणों की यदि चर्चा की जाये तो देखने में आता है कि प्रेम संबंधों में असफलता, सेक्स से इंकार, दहेज व भूमि संबंधी विवाद और चोरी-चकारी आदि की घटनाओं को लेकर मुख्य रूप से हो रहे हैं।
यह एक खतरनाक कुप्रवृत्ति है। किसी भी मामले में इसे हताशा एवं निराशा की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है। इस संबंध में सबसे अधिक आवश्यकता इस बात की है कि जो लोग एसिड की बिक्री करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एसिड अटैक से पीड़ित का इलाज यदि समय से न हो पाये तो यह सिर्फ त्वचा को ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है। प्रभावित अंगों के सिकुड़ जाने से तमाम तरह की दिक्कतें उत्पन्न होती हैं। चूंकि, इसका इलाज बहुत महंगा है। एसिड अटैक (Acid attack in India) के इलाज के संदर्भ में पीड़ितों के इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ निर्देश भी जारी किये हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कोई भी अस्पताल इलाज से इंकार नहीं कर सकता है। एसिड अटैक (Acid attack in India) पीड़ितों के लिए मुफ्त इलाज का प्रावधान है। कानून की धारा 326(ए) के अनुसार तेजाब हमले में स्थायी या आंशिक रूप से नुकसान को गंभीर जुर्म मानते हुए इसे गैर जमानती अपराध करार दिया गया है। इसके अंतर्गत दोषी को कम से कम दस वर्ष और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है। इन सबके बीच बात घूम-फिर कर वहीं आती है कि तेजाब की खुली बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश है तो सरेआम लोगों को तेजाब कैसे मिल जाती है?
एसिड अटैक (Acid attack in India) को रोकने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि जो भी इसे बेचता हुआ मिले, उसके खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि अन्य कोई व्यक्ति इसे बेचने की हिम्मत न जुटा सके। अभी हाल ही की घटना में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर में एक युवती के साथ दोस्ती टूटने से नाराज प्रेमी ने उस पर तेजाब जैसा पदार्थ फेंक दिया। इससे युवती का चेहरा लगभग 90 प्रतिशत तक झुलस गया, इससे उसकी आंखों को भी काफी हानि पहुंची है।
इस घटना के अतिरिक्त और भी एसिड अटैक (Acid attack in India) की तमाम घटनाएं घटित हो चुकी हैं। 6 दिसंबर को नागपुर (महाराष्ट्र) में अपने ढाई वर्षीय बेटे के साथ जा रही ‘लता’ नामक महिला पर बुर्का पहने 2 आरोपियों ने तेजाब से हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार हमलावरों ने महिला के पति के साथ विवाद का बदला लेने के लिए मां-बेटे को निशाना बनाया। कुल मिलाकर कहने का आशय यह है कि किसी भी कीमत पर ऐसी घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है।
– जगदम्बा सिंह