आज विवाह, विवाह न होकर धंधा हो गया है और इस धंधे को सपोर्ट कर रहा है भारत की तथाकथित महिला कानून व्यवस्था। लड़कियों की माएं और परिवार वाले इस कदर बेटी के ससुराल में दखल अंदाजी कर रहे हैं कि कोई विवाह बचना मुश्किल लगने लगा है! अब मोबाइल पर बेटी के ससुराल की रेसेपी भी बेटी की माएं तय कर रही हैं!
अमेरिका और भारत में विवाह टूटने और तलाक को लेकर एक सर्वे आया, जिसमें अमेरिका में विवाह टूटने का पहला कारण आपसी रिश्तों में चीटिंग था तो भारत में यह इन-लॉज की दखलंदाजी है।
कल एक होनहार AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने वीडियो बनाकर स्वयं को समाप्त कर लिया। और यह केवल एक अतुल की कहानी नहीं है, आज यह घर-घर की कहानी बनती जा रही है।
बेचारे लड़के, लड़कियों की मनमानी मांगे और ससुराल का दबाव न झेल पाने के कारण अपने आप को खत्म कर रहे हैं। कानून की आड़ लेकर भारत की विवाह संस्था को तबाह किया जा रहा है।
रामायण में कैकैयी को उसके मैके से आई मंथरा ने और महाभारत में गांधरी के सगे भाई शकुनी ने पूरी तबाही मचा दी, यह देखकर भी बेटियों के परिवार वालों की आंखें नहीं खुल रही हैं! और लड़कियां मत पूछिए, ऐसी-ऐसी डिमांड कर रही हैं कि एक मध्यमवर्गीय परिवार का लड़का उसे पूरा करने में सक्षम ही नहीं है!
भारत में महिला कानून और SC/ST कानून की आड़ में खुलेआम एक्सटॉर्सन का धंधा चल रहा है, लेकिन कोई कुछ बोलता नहीं। पुलिस, न्यायपालिका सब इस रैकेट का हिस्सा बन गये हैं। पता नहीं कैसे बचेगी भारत की विवाह संस्था?
एक बेटे के पिता होने के नाते मैं काफी डरा हुआ हूं। यदि मेरा बस चला तो मैं किसी अनाथालय की बच्ची से अपने बेटे का विवाह करना पसंद करूंगा।
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