
वर्तमान हिन्दू समाज में कुछ ऐसी वीभत्स ख़बरें देखने और सुनने को मिल रहीं हैं जो दिल को न सिर्फ डरा रहीं हैं बल्कि भविष्य के लिए भी इस बात की चेतावनी है की यदि परिवारों में संस्कारों की पाठशाला दोबारा शुरी नहीं हुई तो समाज नर्क बन जाएगा। उदाहरण के तौर पर कुछ ऐसी चुनिंदा खबरें दीं हैं जो हाल ही में हिंदू परिवारों में घटित हुई हैं। असल में अब ये खबरें समाज के लिए साधारण और आम हो चुकी हैं। लेकिन ऐसा क्यों हुआ है इनपर संभवतः किसी हिंदू परिवार ने ठीक से ध्यान नहीं दिया है। हां एक “#स्वामीनिग्रहाचार्यजी” हैं जिन्होंने इस विषय पर संकेत किया था। लेकिन आमजन ने उनको भी ध्यान से नहीं सुना होगा।
असल में पिछले करीब पचास वर्षों पूर्व से भारत में जिन शैतानी आत्माओं को जाग्रत किया जा रहा था वे अब धीरे-धीरे जागती जा रही हैं और अपना असर दिखाने लगीं हैं। भले ही कोई इसको मजाक समझ रहा हो लेकिन हिंदू महिलाओं और कन्याओं को इसमें खुलकर शिकार बनाया जा रहा है और वो भी सीधे नहीं बल्कि उनकी गतिविधियों पर नजर रख कर।
हिंदू महिलाएं घर, कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और खेत-खलिहान जहां भी आती जाती हैं उनके मार्गों और खानपान आदि पर गहरी तरह से नजर रखकर इनपर कुछ विशेष काला जादू, टोने -टोटके आदि से वश में करना या फिर उनका मन भटका देना, मस्तिष्क को कंट्रोल कर लेना और फिर मन चाहे अपराध करवा देना आदि आम बातें हो चुकीं हैं।
मेरठ के नीले ड्रम का जो चर्चित कांड हुआ था उसमें तो खुलकर जादू टोने का मामला सामने आया था। लेकिन हिंदुओं ने वहां भी इसको साधारण सी घटना मानकर मजाक में उड़ा दिया था।
असल में देखा जाय तो इन परिस्थितियों के पीछे का कारण बहुत ही साधारण लेकिन आज की परिस्थितियों में विवादास्पद भी है। विवादास्पद इसलिए क्योंकि आज की अधिकतर हिंदू महिलाओं या कन्याओं को आप अपने मूल धर्म में आस्था और विश्वास के साथ निडरता से उसमें डटे रहने के लिए प्रेरित या अनुरोध तो कर सकते हैं किन्तु दबाव नहीं डाल सकते। जबकि विधर्मी महिलाओं के साथ ठीक इसका उल्टा ही है। यानी उनमें महिलाओं को आवश्यकता से अधिक बंदिशें होने के बाद भी वे प्रसन्न हैं और इसीलिए उनमें ऐसा बहुत कम होता है। भले ही उनके घरों में अन्य प्रकार की समस्याएं हितों हैं किन्तु वे लोग उनको मिलकर सुलझा भी लेते हैं। जबकि हिंदू समाज में इसका अभाव सबसे अधिक है। क्योंकि हिंदू समाज की महिलाएं स्वच्छंदता पसंद करने लगीं हैं जो की जितनी अच्छी है उतनी ही उनकी अपवित्रता के लिए घातक भी।
ऐसा कौन और क्यों कर रहा है यह कहना वैसे तो बहुत आसान है लेकिन उससे भी आसान है इस षडयंत्र को समझना। यदि आप भी समझ सकते हैं तो समझ जाइए। इतना अवश्य समझ लें कि हिंदू परिवारों में जो मॉडर्न युग समय से पहले आ चुका है यह उसी का परिणाम है।
ये भी समझ लें कि इसमें मीडिया, सरकारें, बॉलीवुड से लेकर, न्यायपालिका, विधायिका और कॉरपोरेट जगत का भी सीधा दखल है तभी तो इनके पक्ष में कानून भी बन रहे हैं और संरक्षण भी मिल रहा है। इन तस्वीरों में ऐसे ही कई उदाहरण हैं जिनसे समझना एकदम आसान है।