राजामौली ने तो स्वतंत्रता सेनानी श्रीराम राजू के विषय में 2022 में फिल्म बनाई है…
50 साल कैद की सजा पाए वीर सावरकर तो 100 साल पहले रत्नागिरी की नजरबंदी में उनके विषय में लिख रहे थे।
और सिर्फ श्रीराम राजू नहीं अंग्रेजों के खिलाफ सशक्त क्रांति करने वाले अनेक वीरों से विषय में उन्होंने जम कर लिखा है जैसे उन्हें पहले ही पता था कि एक दिन आएगा जब हमें रटा दिया जाएगा कि आजादी अहिंसा से मिली है।
इससे बड़ा झूठ कुछ हो नहीं सकता कि सावरकर ने काला पानी के बाद अंग्रेजों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा। बल्कि उनका लिखा हर पन्ना हर शब्द प्रखर राष्ट्रवाद की अलख है
कभी भी हार न मानने वाला राष्ट्रवाद
समझौता न करने वाला राष्ट्रवाद
जिनकी सराहना करने को ही सावरकर ने लेख का आधार बनाया
आज देखिए सारा देश उस वीर को बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्सुक है
समाज अपना नायक ढ़ूढ ही लेता है
खैर, फिल्म में जो ध्वज दिखाया गया है वो सावरकर द्वारा बनाया गया वो ही तिरंगा है जैसे मैडम भीकाजी कामा ने सबसे पहले जर्मनी में फहराया था….
साभार : अविनाश त्रिपाठी जी