
मप्र में OBC आरक्षण बढ़ाने के लिए भगवान श्रीराम और गुरु द्रोणाचार्य को जातिवादी बताने वाली सरकार का एक सच यह भी है कि इस आरक्षण में 94 OBC जातियां शामिल की गई हैं, जिनमें से 38 जातियां मुस्लिम हैं, जबकि संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण की साफ मनाही है। वैसे बता दूं कि मप्र में 50% की कैपिंग के पार सीधी भर्तियों में कुल आरक्षण 73% तक पहुंच चुकी है।
मंडल कमीशन बनाने (1979) और लागू करने (1990) वाली मोरारजी और वीपी सिंह सरकारों की पार्टनर पार्टी (जनसंघ/भाजपा) की अभी सरकार केंद्र और मप्र दोनों जगह (भाजपा) है।
यह पार्टी सत्ता में आने के बाद से केवल आरक्षण का खेल खेलती हुई हिंदू समाज को लगातार बांट और कमजोर कर रही है। पिछले 11 साल में आरक्षण का लगातार सिक्का उछालते हुए निम्न कार्य केंद्र सरकार कर चुकी है:-
– राहुल गांधी और कांग्रेस के जाति जनगणना वाले एजेंडे को लागू कर दिया।
– ओबीसी आयोग को संविधानिक दर्जा प्रदान कर दिया।
– SC/ST एक्ट को कठोर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया।
– अंबेडकर के नाम पर तीर्थ, जयंती की छुट्टी आदि बहाल।
– UPSC फ्री कोचिंग में मजहबी और जातिवादी आरक्षण लागू।
– हिंदू धर्म को समाप्त करने का ख्वाब देखने वाले दिलीप मंडल जैसों को सलाहकार बनाया।
– SC/ST कोटे से मुस्लिम-ईसाई को आरक्षण देने के लिए जस्टिस बालाकृष्णन आयोग का गठन कर दिया।
असल में इनका आरंभ से ही खेल OBC आरक्षण की आड़ में मुस्लिम-ईसाई आरक्षण को लागू करना है, जो यह धड़ल्ले से करते जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी स्वयं ANI को दिए साक्षात्कार में कह चुके हैं कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए वह 70 मुस्लिम जातियों को OBC कोटा का लाभ देते थे!
चुनाव के समय इनका नारा होता है- बंटोगे तो कटोगे! चुनाव जीतने के बाद ये लागू करते हैं SC/ST, OBC, मुस्लिम आरक्षण जैसी योजना। यही तथ्य है!
#SandeepDeo
साभार – संदीप देव की वाल से