
पटना (बिहार), 13 नवम्बर, 2025 को परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ की 33-दिवसीय (12 अक्टूबर से 13 नवम्बर) ऐतिहासिक ‘गौमतदाता संकल्प यात्रा’ का आज पटना में भव्य और सफल समापन हुआ। इस यात्रा ने बिहार के गाँव-गाँव और शहर-शहर जाकर सनातनी समाज में गौ-रक्षा के लिए ‘गौमतदाता’ बनने का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर परमाराध्य श्री अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी ने कहा कि बिहार की धरती से सनातनी राजनीति की देश में नई शुरुआत हुई है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान महसूस किए गए गहन भावों को व्यक्त करते हुए मुख्य निष्कर्षों और संकल्पों को परिभाषित किया।
परमाराध्य का संकल्प और सनातनी हृदय का उद्गार इस प्रकार से है-
1. बहुसंख्यक समाज की पीड़ा: गाय केवल दूध नहीं, साक्षात् आशीर्वाद है।
2. परमाराध्य ने भावुक होते हुए कहा कि देश में बहुसंख्यक सनातनी ही हैं, लेकिन उनकी भावना या पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं है। गौ-रक्षा का मुद्दा केवल राजनीति का नहीं, उनके अस्तित्व और आस्था का प्रश्न है।
3. गाय केवल दूध देने का व्यावसायिक साधन नहीं है। वह प्रेम और मन से सेवा करने वाले को साक्षात् आशीर्वाद देती है।
4. नारा: परमाराध्य ने संकल्पित स्वर में कहा, “सिर्फ दूध नहीं, आशीर्वाद के लिये गो सेवा का संकल्प लीजिए।”
5. विलुप्त होती देसी नस्लें: गौ-हत्या से बड़ा है पाप। परमाराध्य ने बिहार की मूल देसी नस्लों बछौर, गंगातीरी और पूर्णिया के विलुप्त होने पर गहन चिंता व्यक्त की।
6. “कानूनी प्रतिबंध के बावजूद, हमारी नस्लें इसलिए समाप्त हो गईं क्योंकि हमने उन्हें कम दूध के कारण उपेक्षित किया। आर्थिक उपेक्षा, संकरण (Cross-breeding) और अवैध तस्करी के रूप में किया गया यह पाप, गौ-हत्या से कम नहीं है।”
साथ ही उन्होंने दूध के लोभ में शुद्ध गौवंश का संकरीकरण (Cross-breeding) बंद करने का आह्वान किया।
7. मतदाता का ‘वोट’: पाप या पुण्य का भागीदार। परमाराध्य ने सनातनी मतदाताओं से आह्वान किया कि वे अपने मतदान के महत्व को समझें। यह भी विचार करें कि कहीं उनका दिया गया वोट उनको गोहत्या जैसे पाप का भागीदार तो नहीं बना रहा?
“मतदाता यह न सोचें कि ‘हमारे कुछ वोट से क्या होगा।’ सत्य यह है कि बिहार के लोगों का दिया गया एक-एक वोट गौ-माता की रक्षा की बहुत बड़ी सामर्थ्य लेकर आएगा। आपका एक मत आपको गौ-हत्या के पाप का भागीदार बना सकता है, या गौ-रक्षा के पुण्य का अधिकारी।”
उन्होंने मतदाताओं को संकल्प दिलाया कि वे केवल उसी उम्मीदवार को वोट दें जो गौ-रक्षा के लिए कृतसंकल्प हो। इसके साथ ही उन्होंने जन-जन को यह नारा दिया:- “करे जो गोमाता पर चोट, कैसे दें हम उसको वोट?”
परमाराध्य ने कहा कि इस यात्रा से बिहारवासियों के प्रति उनका भाव और बढ़ गया है, यह देखकर कि उनमें अपनी संस्कृति, धर्म और परम्परा के प्रति आज भी कितना गहरा लगाव विद्यमान है, विशेषकर गौ-माता के प्रति। उन्होंने शिवहर नगर परिषद् के अध्यक्ष श्री राजन जी का विशेष आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से वहाँ गौ-माता को ‘नगर माता’ घोषित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। साथ ही, प्रस्ताव रखने वाले मोहम्मद रईस और समर्थन करने वाले मो. सकलैन जैसे लोगों के प्रति भी आभार व्यक्त किया। परमाराध्य ने इस यात्रा में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिन-जिन लोगों ने किसी भी तरह का सहयोग, समर्थन और स्नेह प्रदान किया है, उन सबको अपना नारायणस्मरणात्मक आशीर्वाद प्रदान किया है।
जारीकर्ता: गौमतदाता संकल्प यात्रा समिति, पटना
पूज्य पशुपति बाबा जी के प्रकट्योत्सव के अवसर पर आयोजित सहस्रचण्डी यज्ञ में पधारे परमाराध्यचरण
पूज्यपाद बाबा जी से जुडे स्वयं के संस्मरणों को मंच से बताकर उनके प्रति अपनी श्रद्धासुमन समर्पित किए।
उपस्थित गौभक्तों को गौमतदाता बनाया गया।
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स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरिः
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