जहां एक ओर मई के महीने से शुरू होने वाली उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम दौर में हैं वहीं इसके लिए उत्साही पर्यटकों और दर्शनार्थियों ने गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के तमाम होटलों में करीब-करीब तीन करोड़ रुपये की एडवांस बुकिंग भी कर ली है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते अब इस वर्ष भी लगने लगा है कि कहीं पिछले साल की तरह तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों का मनोबल टूट ना जाये।
पिछले साल यानी सन 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते इस यात्रा को स्थगित करना पड़ गया था। जबकि, एक साल बाद फिर से देश और दुनिया में यह संकट पैर पसार रहा है और उसी के चलते उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
भले ही इस बार भी कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, बावजूद इसके, चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों में भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जहां एक ओर जीएमवीएन यानी गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में तीन करोड़ रुपये की एडवांस बुकिंग पेमेंट भी पहुंच चुकी है वहीं, तीन अप्रैल से केदारनाथ यात्रा के लिए शुरू हुई हेलीकाॅप्टर सेवा के 8,762 टिकटों की भी ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी है।
हालांकि, इस वर्ष के शुरूआती दो महीनों में कोरोना संक्रमण के थमने से उत्तराखण्ड के रोबारियों को चारधाम यात्रा और पर्यटन के पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी थी, जिसके चलते पर्यटन विभाग की ओर से इस बार चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी की गई हैं।
लेकिन, मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के मध्य तक कोरोना संक्रमण की कोरोना की दूसरी लहर के फिर से जोर पकड़ने के कारण लग रहा है कि मुश्किलें फिर से पिछले वर्ष जैसी ही हो सकती हैं।
तो सन 2021 के लिए उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा मई महीने से शुरू होने जा रही है जिसके लिए पवित्र धार्मिक स्थलों के कपाट खोलने की तारीख भी तय हो गई है।
सबसे पहले तो जैसे कि इस यात्रा का धार्मिक महत्व के अनुसार क्रम बताया गया है उसी के अनुसार सबसे पहले बारी आती है यमुनोत्री धाम की, उसके बाद गंगोत्री धाम। इसलिए यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट सबसे पहले 14 मई को आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जायेंगे।
उसके बाद धार्मिक महत्व के अनुसार इस क्रम में तीसरे धाम में बारी आती है बाबा केदारनाथ जी की। इसलिए बाबा केदारनाथ जी के कपाट 17 मई को खोले जायेंगे। और फिर क्रम के अनुसार चैथे धाम यानी बाबा बद्रीनाथ जी के धाम के कपाट 18 मई को खोले जायेंगे।
इस बार की चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज का कहना है कि भले ही पिछले साल की तरह इस साल भी चारधाम यात्रा में कोरोना का संक्रमण बाधा बन कर आये, लेकिन, इस बार की यात्रा को हम ज्यादा बाधित नहीं होने देंगे और इसमें आने वाले यात्रियों की क्षमता के आधार पर ही यात्रा को चलाएंगे।
इस बार हमने यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क को अनिवार्य कर दिया है। चार धाम यात्रा के दौरान केंद्र के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव प्रयासों पर एहतियात के तौर पर सख्ती बरती जा रही है ताकि चारधाम यात्रा सफल हो सके।
चारधाम यात्रा के पिछले दो सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में लगभग 32 लाख से भी ज्यादा तीर्थ यात्रियों के इस यात्रा में शामिल होने का रिकाॅर्ड बना था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में इसमें अब तक का सबसे बुरा असर पड़ा, क्योंकि इस दौरान इसमें मात्र 10 प्रतिशत तीर्थ यात्री ही आए थे। अप्रैल माह में कपाट खुलने के बाद भी यह यात्रा शुरू नहीं की जा सकी थी। जबकि जुलाई माह में केवल प्रदेश के ही लोगों के लिए यात्रा शुरू की गई है।
हालांकि, 25 जुलाई से प्रदेश के बाहर के लोगों को भी इसमें सशर्त अनुमति दी गई थी है। लेकिन, बावजूद इसके पिछले साल के नवंबर-दिसंबर माह तक चारधाम में 3.30 लाख तीर्थ यात्री ही दर्शन करने पहुंच सके थे।
दरअसल, पिछले वर्ष कोरोना महामारी के डर के कारण चारधाम यात्रा के लिए धामों के कपाट खुलने के बावजूद भी यात्रा का संचालन नहीं हो पाया था, जिसके कारण पर्यटन उद्योग को बड़ा आर्थिक झटका झेलना पड़ा था।
उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की तमाम गतिविधियां, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, बस आपरेटर, टैक्सी और प्रसाद सहीत कई प्रकार कह स्थानीय वस्तुओं उत्पादों का कारोबार ठप होने से करीबन 2.50 लाख लोगों के सामने रोजगार सहीत अन्य वित्तीय संकट खड़े हो गये थे।
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