भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि गन्ना सीजन 2021-22 के लिए चीनी मिलों द्वारा देय गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य निर्धारण को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी है। 10 प्रतिशत की रिकवरी के आधार पर एफआरपी 290 रुपये/क्विंटल निर्धारित किया गया है जो अब तक का उच्चतम समर्थन मूल्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय से देश के लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों, उनके आश्रितों और इस क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए यह भी निर्णय लिया है कि उन चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं होगी जहां वसूली 9.5 प्रतिशत से कम है।
श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार में जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आई है, तब से लगातार गन्ना किसानों की चिंता की जा रही है। पिछले चीनी सीजन 2019-20 में लगभग 75,845 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 75,703 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 90,959 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया में से 23 अगस्त, 2021 तक किसानों को 86,238 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया, धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। गन्ने के निर्यात में वृद्धि और गन्ने से इथेनाॅल बनाने की प्रक्रिया से किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई है।
सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि गन्ना किसानों को उनकी बकाया धनराशि समय पर मिले। गन्ने के रस से सीधा एथेनाॅल बने, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी मिलों को साॅफ्ट लोन के रूप में साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज दिया है। अधिकतर चीनी मिलों ने एथेनाॅल बनाने का काम शुरू कर दिया है।
विपक्ष पर हमला करते हुए सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि यूपीए सरकार में ब्राजील से 40 लाख मीट्रिक टन चीनी आयात की गई थी जबकि देश को इसकी आवश्यकता नहीं थी। इस चीनी को डेढ़ वर्ष तक देश में खपाने का काम किया गया।
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अब तक 9 किस्तें जारी कर दी गई हैं जिसमें किसानों के एकाउंट में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। लगभग 2 करोड़ से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कृषि ऋण दिया गया और कृषि ऋण पर ब्याज दर में छूट का प्रावधान किया गया। साथ ही, क्।च् खाद के लिए सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला भी लिया गया। इस बार फसलों की एमएसपी में बढ़ोत्तरी के साथ रिकाॅर्ड खरीद हुई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं। किसानों को फसल बेचने की आजादी दी गई है।
– जगदम्बा सिंह