Skip to content
1 July 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • धर्मस्थल
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

Nageshwar Jyotirling: शिव पुराण में क्या है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की कथा

admin 8 January 2022
Nageshwar Jyotirling in Gujarat
Spread the love

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में 10वें स्थान पर पूजे जाने वाले भगवान नागेश्वर के ज्योतिर्लिंग मंदिर की महिमा के सम्बन्ध में शिव पुराण में जो कथा प्रचलित है उसके अनुसार बताया गया है कि आखिर क्यों और कैसे यहां पर भगवान नागेश्वर के ज्योतिर्लिंग मंदिर की स्थापना हुई? क्यों इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा है और इसके इस नाम के पीछे का रहस्य क्या है? तो शिव पुराण के अनुसार –

एक बार की बात है, दारुका नाम की एक राक्षसनी अपने राक्षस पति दारुक के साथ जंगल में रहती थी। माँ पार्वती ने दारुका को वरदान दिया था कि तुम इस वन संपदा को अपने साथ कहीं भी ले जा सकती हो। जिसका लाभ उठाते हुए उसने व उसके पति ने पूरे वन में उथल-पुथल मचा राखी थी जिसके कारण इस क्षेत्र के और आस-पास के सभी लोग उनके अत्याचारों से परेशान हो गए थे। इसलिए वे सभी महर्षि और्व के पास गए और दारुका और दारुक के अत्याचारों कैसे पीछा छूटे इसका समाधान पूछा।

पुराण श्रृंखला का भाग-1 | पुराणों को सबसे बड़ा आक्रमण बौद्ध काल में झेलना पड़ा

तब महर्षि ने उन लोगों की रक्षा के लिए दारुका और दारुक को श्राप दे दिया कि अगर अब अगर ये राक्षस पृथ्वी लोक पर हिंसा करेंगे या फिर यज्ञ में बाधा डालेंगे तो उसी समय नष्ट हो जायेंगे। महर्षि के द्वारा दारुका और दारुक को दिए गए श्राप की खबर जब देवताओं को लगी तो उन्होंने तुरंत ही उन राक्षसों पर आक्रमण कर दिया। ऐसे में सभी राक्षस सोचने लगे कि अगर वे देवताओं का सामना करेंगे और उनसे युद्ध लड़ेंगे तो उसी उसी समय नष्ट हो जायेंगे और अगर युद्ध नहीं लड़ेंगे तो युद्ध में परास्त माने जायेंगे।

तब राक्षसनी दारुका के मन में विचार आया कि क्यों न माता पार्वती के वरदान का लाभ उठाया जाय और इस वन सम्पदा को अपने साथ ले जाकर समुद्र के बीच रहा जाय। ऐसे में महर्षि के श्राप से भी बच सकते हैं और कोई हरा भी नहीं पायेगा। तुरंत ही उस राक्षसनी ने माता पार्वती के वरदान का लाभ उठाया और उस जंगल को उड़ा कर समुद्र के बीच में ले गयी जहां अन्य सभी राक्षस उस समुद्र के बीच आराम से रहने लगे।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगः कब जायें, कहां रूकें, कितना खर्च होगा? || About Mahakaleshwar Jyotirlinga Yatra, with Full Details

एक दिन उसी समुद्र के मार्ग से होकर कुछ नावें उस जंगल की तरफ आ रही थी, जिनमें मनुष्य सवार थे। उन राक्षसों ने उन सभी मनुष्यों को बंधक बना लिया। उन बंधकों में एक सुप्रिय नाम का वैश्य भी था जो भगवान शिव का परम भक्त था। वह बंधक होते हुए भी उस कारावास में नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता रहा। भगवान शिव की पूजा अर्चना किये बिना वह भोजन ग्रहण नहीं करता था।

सुप्रिय ने अपने साथ बंधक उन सभी लोगों को भी उस कारावास में भगवान शिव की नियमित आराधना और पूजा-पाठ करना सिखा दिया और उसके बाद वे सभी बंधक प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा और ओम नमः शिवाय का जाप करने लगे। इस बात की खबर जब दारुक राक्षस को लगी तो उसने सुप्रिय को कहा कि यदि तुम निरंतर शिव की पूजा करते रहोगे तो मैं तुम्हें मार डालूंगा। क्योंकि तुम्हें यहां से बचाकर ले जाने वाला कोई भी नहीं है।

उसी क्षण सुप्रिय ने भगवान शिव को याद किया और सभी भक्तों को कष्ट से मुक्त करने की विनती की। अपने भक्तों को कष्ट में देख कर भगवान शिव वहां उस बंदीगृह में बने एक छोटे से छिद्र में से निकलकर तुरंत नाग के रूप में उपस्थित हो गए और उन्होंने एक ही क्षण में उन सभी राक्षसों को नष्ट कर दिया।

भगवान शिव ने अपने उन सभी भक्तों को वहां से मुक्त करवा दिया और उन्हें यह वरदान दिया कि आज से राक्षसों का यहाँ कोई स्थान नहीं है। दारुक यह देखकर दंग रह गया और अपनी पत्नी दारुका के पास भाग गया।

भगवान का यह वचन सुनकर राक्षसी दारुका भयभीत हो गयी और एक बार फिर माता पार्वती की शरण में गई। दारुका ने माता पार्वती से विनती करते हुए कहा कि माता मेरे वंश की रक्षा कीजिये। तब माता पार्वती ने उसे आश्वासन दिया और भगवान भोलेनाथ से कहा कि- इन राक्षसों को भी यहां आश्रय दे दीजिये, क्योंकि मैंने ही इस दारुका राक्षसी को वरदान दिया था। तब भगवान शिव ने कहा कि, ठीक है, ऐसा ही होगा। मैं भी अपने भक्तों की रक्षा के लिए यहाँ सदा के लिए विराजमान हो जाता हूँ।

और क्योंकि अपने परम भक्त सुप्रिय की प्रार्थना सुनकर भगवान शिव वहां एक छिद्र में से नाग के रूप में प्रकट हुए थे इसलिए उन्हें नाग देवता का रूप माना गया और वहां स्थापित शिवलिंग को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम दिया गया। इस प्रकार अपने भक्तों का सदा भला चाहने वाले शिव भगवान वहां सदा के लिए नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हो गए।

संकलन- dharmwani

About The Author

admin

See author's posts

3,049

Related

Continue Reading

Previous: Maihar Sharda Shakti Peeth की उत्पत्ति के पौराणिक तथ्य
Next: कौन सा है असली नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर? | Nageshwar Jyotirling

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078232
Total views : 142680

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved