देश के कौने-कौने से उठ कर सामने आ रहे हिजाब, हलाल मीट और अजान विवाद का मामला ठीक प्रकार से ठण्डा भी नहीं हो पाया कि अब हल्दीराम के स्नैक्स पैकेट (Haldiram’s namkeen in controversy) पर लिखी उर्दू भाषा से सोशल मीडिया में खलबली मच गई है। हल्दीराम के वो स्नैक्स पैकेट जिसको हिंदू समाज अपने व्रत और त्योहारों के दौरान सबसे पवित्र और शुद्ध समझ कर खाते हैं।
हल्दीराम के स्नैक्स पैकेट (Haldiram’s namkeen in controversy) के इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने अब एक कदम और आगे को सोचना प्रारंभ कर दिया है और भारतीय रेलवे के संकेतों से लेकर सड़कों और भारतीय मुद्रा पर लिखी उर्दू भाषा और उर्दू संकेतों को भी हटाने की मांग कर डाली है।
दरअसल यह विवाद उस समय उठा जब सुदर्शन न्यूज चैनल (Sudarshan News Channel) की एक रिपोर्टर ने बुधवार 6 अप्रैल को देश के एक मशहुर स्नैक्स ब्रांड हल्दीराम का पैकेट दिखाते हुए अपनी पड़ताल में इस बात का खुलासा कर दिया कि यदि उर्दू भाषा के लोग जब हिंदू व्रत और त्योहारों को मानते ही नहीं है तो फिर इन स्नैक्स पैकेट पर उस भाषा का क्या काम?
सुदर्शन न्यूज चैनल (Sudarshan News Channel) की महिला रिपोर्टर जब हल्दीराम के एक स्टोर मैनेजर से पूछती है कि इस पैकेट में क्या है और इस पर उर्दू में ही क्यों लिखा गया है और इस बारे में आप अपनी राय दें। वह महिला रिपोर्टर यह भी पूछती रही कि मेरे लिए और संपूर्ण हिंदूओं के लिए आज यह जानना जरूरी है कि इस पैकेट में ऐसा क्या और क्यूं लिखा गया है, तो स्टोर के कर्मचारियों ने उसका विरोध करना शुरू कर दिया और स्टोर के गेट को भी अंदर से बंद कर दिया।
दरअसल, सुदर्शन न्यूज चैनल (Sudarshan News Channel) की वह महिला रिपोर्टर जानना चाहती थी कि इस पैकेट पर ऐसा क्या लिखा है जिसको उर्दू भाषा में ही लिखा गया है। उस रिपोर्टर का कहना था कि- ‘‘मैं स्टोर के उन कर्मचारियों और मैनेजर से मात्र इतना ही पूछना चाहती थी कि आखिर इस भाषा का प्रयोग हिंदुओं के लिए तैयार की गई व्रत सामग्री और स्नैक्स सामग्री पर ही क्यों लिखा है? क्या आप इसके जरिए कुछ ऐसा छूपाना चाहते हैं या परोसना चाहते हैं जिससे उनका व्रत नष्ट हो जाये?’’ तो इसके जवाब में स्टोर मैनेजर का कहना था कि, जो करना है कर लो, हल्दीराम ऐसे चुलबुलेपन का मनोरंजन नहीं करेगा।
जबकि स्टोर के एक कर्मचारी ने इसकी एक वजह यह भी बताई गई है कि यह टेक्स्ट इसलिए लिखा गया है क्योंकि इसे मिडिल ईस्ट के देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। जबकि उस रिपोर्टर ने यह भी सवाल उठाया कि अगर यह सामग्री मिडिल ईस्ट के देशों में एक्सपोर्ट की जाती है तो फिर इसको भारत में क्यों बेचा जा रहा है?
उस महिला पत्रकार ने वहां के कर्मचारियों से बार-बार पूछा कि क्या हिंदुओं के लिए तैयार हल्दीराम के व्रत और नाश्ते में जानवरों के तेल का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है? तो उसके जवाब में वहां की एक महिला कर्मचारी ने ही उल्टा पत्रकार पर यह सवाल दाग दिया कि आपको उसी भाषा का विवरण क्यों पढ़ना है जो आप पर लागू नहीं होती है?
बहरहाल, सुदर्शन न्यूज चैनल (Sudarshan News Channel) की इस रिपोर्टिंग ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया है और कुछ ने तो यहां तक बता दिया है कि पैकेट पर लिखी हुई भाषा अरबी है और इसको मिडिल ईस्ट के देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है इसलिए इसमें प्रयोग की जाने वाली खाद्य सामग्री भी उसी प्रकार की है जो हिंदुओं के लिए न सिर्फ घ्रणित मानी जाती है बल्कि हमारे व्रत और त्योहारों को नष्ट और भ्रष्ट करने का कार्य करती है और यह एक प्रकार से हमारे विरूद्ध षडयंत्र रचा जा रहा है।
भले ही सुदर्शन टीवी (Sudarshan News Channel) पर दिखाई जाने वाली इस प्रकार की अन्य सामग्रियों और विचारों को हिंदू समाज एक अच्छा कदम मानता है लेकिन, बावजूद इसके देश का सुप्रीम कोर्ट उसकी आलोचना कर चुका है। लेकिन, कहीं न कहीं हिंदुओं को भी यह सोचना होगा कि इस सच्चाई से वे भी अवगत हों और भविष्य में इस प्रकार की साम्रगियों से दूर रहें और अपने धर्म को भ्रष्ट और नष्ट होने से बचाया जाये।
– dharmwani.com