“एकम सनातन भारत” नाम की एक ऐसी नई पार्टी की घोषणा हुई है जो दावा करती है की यदि उनको अवसर दिया गया तो वे राजनीतिक वादे नहीं बल्कि ऐसी सात सूत्रों पर कार्य करेंगे जो सिर्फ हिन्दू हितों और देश से जुड़े हुए हैं। “एकम सनातन भारत” के नाम से घोषित यह दल अपने आप को राजनीतिक दल कहलाने में इसलिए परहेज कर रहा है, क्योंकि वे कहते हैं कि हमारा उद्देश्य राजनीति करना नहीं बल्कि सनातन को पुनः स्थापित करना और हिन्दुओं को सुरक्षित कर उनके मंदिरों और गाय को सुरक्षित करना प्रमुख कार्य है।
“एकम सनातन भारत” दल की घोषणा करने वाले सदस्यों ने एक मत से गीता पर हाथ रख कर सौगंध खाई है कि वे इस पार्टी के सात सूत्रों के अनुसार ही कार्य करेंगे और अन्य धर्मियों को इसमें स्थान नहीं देंगे। लेकिन यदि कोई अन्य धर्मी इससे जुड़ना चाहता ही है तो उसे भी “एकम सनातन भारत” के सात सिद्धांतों का पालन करना ही होगा।
“एकम सनातन भारत” दल के “सात सूत्र” बताने हैं की यह पूरी तरह से हिन्दुओं के लिए ही समर्पित रहने वाले हैं और हिन्दू हितों के ही प्रमुखता से कार्य करेंगे। जबकि हिन्दुओं के वोट से बनी बीजेपी ने एक भी ऐसा कार्य नहीं किया है जो कि हिन्दुओं के लाभ का हो। जबकि अन्य धर्मियों को खूब लाभ दिया जा रहा है। अब तक बीजेपी को 9 वर्ष हो चुके हैं और जल्द ही 10 वर्ष भी पुरे होने को हैं लेकिन गाय को अब भी उसी प्रकार से मारा जा रहा है। मंदिरों की कमाई से आज भी दूसरे धर्मों को खूब मालामाल किया जा रहा है जबकि स्वयं हिन्दुओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।
“एकम सनातन भारत” नाम की इस अखिल भारतीय राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी का विकल्प देने वाले और इसकी नींव रखने वाले सनातनी व्यक्ति का नाम है अंकुर शर्मा जो की इसके अध्यक्ष। अंकुर शर्मा को लोग एकजुट जम्मू पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी जाते हैं। अंकुर शर्मा ने अपने अन्य सदस्यों के साथ मिलकर 27 मार्च को नवरात्री के शुभ अवसर पर एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी घोषणा की थी। उन्होंने यह घोषणा भी की है कि हमारी यह “एकम सनातन भारत” पार्टी देश भर में 2024 का संसदीय चुनाव भी लड़ेगी।”
अंकुर शर्मा, जो पेशे से एक वकील हैं और जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। अंकुर शर्मा ने कहा कि पार्टी का मिशन शुद्ध रूप से एक सनातनी राजनीतिक विकल्प बनाना है जो सभी भारतीयों के हितों का प्रतिनिधित्व करेगा, चाहे उनकी जाति, धर्म या क्षेत्र कुछ भी हो।
अंकुर शर्मा ने यह बात साफ़ तौर पर कह दी है कि उनकी पार्टी का उद्देश्य राजनीति में आने का मात्र यही है कि अन्य सभी पार्टियों के हिन्दू तथा देश और समाज विरोधी काले कारनामें रोकना और समाज को संस्कारों के मार्ग पर लौटाना है।
अंकुर शर्मा ने यह भी कहा कि नई पार्टी भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी लोगों की जरूरतों को केंद्र में रखते हुए देश के विकास की दिशा में काम करेगी।
कितना बड़ा दुर्भाग्या है कि आज़ादी के बाद पहली बार वर्ष 2021 के असेम्बली चुनावों के बाद की हिंसा में करीब 80 से 90 हज़ार हिन्दू बंगाल से पलायन कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं बोला। ये आंकड़े आसाम सरकार के मुखिया हेमंता विश्वशर्मा के हैं। हिन्दू बालिकाएं फिर से जोहर को विवश होती जा रहीं हैं, लेकिन केंद्र सरकार अन्य राज्यों पर दबाव नहीं डाल पा रही है।
“एकम सनातन भारत” पार्टी की घोषणा के दिन ही ट्विटर सहित शोसल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों पर इसकी धूम मच गई और “एकम सनातन भारत” लगातार अगले दो दिनों तक ट्रेंड करने लगा। देश-विदेश के कई लोगों ने सीधे-सीधे “एकम सनातन भारत” पार्टी को निस्वार्थ समर्थन और सहयोग देने का वादा भी किया है। लोगों का कहना है कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया में पहली बार कोई राजनीतिक पार्टी ऐसी बानी है जो सिर्फ हिन्दू नाम और हिन्दू हितों के लिए बचनबद्ध है, जबकि बीजेपी ने हिन्दुओं से जो वादे किये थे चुनाव जितने के बाद ठीक इसके उलटे ही काम किया है।
यही कारण है कि “एकम सनातन भारत” दल ऐसे सप्त यानी सात सूत्र तैयार किये हैं जो अब तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं दिए। जबकि घोषणा पत्रों के माध्यम से सभी पार्टिया हिन्दुओं को मुर्ख बनाने में लगी रहती हैं। इन सात सूत्रों को पड़ने के बाद बीजेपी में हलचल तेज हो चुकी है और कई नेताओं ने बीजेपी और आरएसएस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
“एकम सनातन भारत” पार्टी के नाम से कई विरोधियों ने अपने वेबसाइट बुक कर लिए हैं, सोशल मीडिया पर कई अकाउंट बन चुके हैं और उन्हें नुक्सान पहुंचाने का प्रयास शुरू हो चुका है। इसलिए ध्यान रखें कि “एकम सनातन भारत” पार्टी की एक मात्र आधिकारिक वेबसाइट सिर्फ और सिर्फ यही है जिसका लिंक यहां दिया जा रहा है। अभी वेबसाइट तैयार नहीं है लेकिन इसका सदस्य बने के लिए फार्म तैयार किया गया है।
एकम सनातन भारत के संस्थापक सदस्य बनने के लिए यहां क्लिक करें (Click here to become a Founder Member of Ekam Sanatan Bharat)
अगर आप भी अपने देश और सनातन धर्म को बचाना चाहते हैं तो इस “एकम सनातन भारत” से जुड़ने के लिए कृपया 111 रुपये में इसकी सदस्यता लेकर अपने धर्म और परिवार के बच्चों को बचाने की पहल के रूप में इसके सदस्य बनकर “अपना स्वयं का सहयोग” करें।
“एकम सनातन भारत” पार्टी के सप्त सूत्र कुछ इस प्रकार से हैं :
1). संविधान में संशोधन कर केवल 5% से कम जनसंख्या वाले समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा देना।
2). मंदिर और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाना। कश्मीर स्थित भगवान भास्कर के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर की पुनर्स्थापना करना।
3). J&K का पुनर्गठन कर कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट, हिंदू बहुल जम्मू संभाग को स्वतंत्र राज्य बनाना।
4). गो-हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध। गाय, गंगा और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना।
5). वक्फ एक्ट, Places of Worship Act, 1991 एवं सच्चर कमेटी के क्रियान्वयन को तत्काल निरस्त करना। संविधान के अनुच्छेद 30 को संशोधित कर हिंदुओं को भी अपने स्वायत शिक्षण संस्थान स्थापित एवं संचालित करने का मौलिक अधिकार देना। धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक लगाना।
6). जनसांख्यिकी हमले (Demographic Invasion) को रोकना और जनसांख्यिकी संतुलन स्थापित करना।
7). केवल विकास नहीं, अध्यात्म, संस्कृति, इतिहास, स्थानीय भाषा और पर्यावरण के साथ संपूर्ण विकास!
– धर्मवाणी