Skip to content
28 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • Uncategorized

सावधान! सच होने वाली है ‘भविष्यमालिका’ की भविष्यवाणी

admin 26 February 2024
Spread the love

अजय चौहान | आज से करीब ६०० वर्ष पूर्व बताई गई “भविष्यमालिका” की भविष्वाणी के अनुसार वर्तमान में कई घटनाएं उसी क्रम और आधार पर घटित होती दिख रही रही हैं। पंच शखाओं के द्वारा दी गई भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग के हज़ारों ही नहीं बल्कि लाखों वर्ष की आयु कम हो चुकी है और अब इसका अंत बहुत ही जल्द यानी आने वाले मात्र दो से तीन वर्षों में ही समाप्त होने वाली है। “भविष्यमालिका” के जानकारों के अनुसार कलियुग के विषय में पहले भी कई बार बताया जा चुका है कि कलियुग के पाप बढ़ते जा रहे हैं इसलिए युग का अंत आने ही वाला है। उन पापों के उदाहर हम देख भी रहे हैं और सहन भी कर रहे हैं, साथ ही साथ कहीं न कहीं हम स्वयं भी उन पापों के भागीदार बन रहे हैं।

पौराणिक तथ्यों के अनुसार कलियुग की जो निर्धारित आयु दी गई थी वह करीब ४ लाख ३२ हज़ार वर्ष है। लेकिन अब वह घट चुकी है और उसके घटने के कारण क्या हैं और कितने वर्ष कम हो चुके हैं और क्यों हो चुके हैं उन आंकड़ों पर भी एक नज़र डाली जाय।

१. विष्णु पूजा न होने से 7 हज़ार वर्ष कम हुए।
२. तुलसी पूजा न होने से 5 हज़ार वर्ष कम हुए।
३. अभक्ष का भक्षण करने की घटनाओं से 8 हज़ार वर्ष कम हुए।
४. पितृ-मात्र द्रोह की घटनाओं के कारण 13 हज़ार वर्ष कम हुए।
५. परधन अपहरण (चोरी) करने की घटनाओं से 10 हज़ार वर्ष कम हुए।
६. गो हत्या की घटनाओं के कारण सबसे अधिक 1 लाख वर्ष कम हुए।
७. झूठ बोलने की घटनाओं से 5 हज़ार वर्ष कम हुए।
८. मित्र द्रोह की घटनाओं से 6 हज़ार वर्ष काम हुए।
९. अतिथि सत्कार न होने की घटनाओं से 6 हज़ार वर्ष कम हुए।
१०. ब्राहमण के द्वारा होने वाली व्यभिचार की घटनाओं से 20 हज़ार वर्ष कम हुए।
११. गंगा में नग्न स्नान करने की घटनाओं से 12 हज़ार वर्ष कम हुए।
१२. दूसरे का धन अपहरण (चोरी) करने की घटनाओं से 10 हज़ार वर्ष कम हुए।
१३. भ्रूण हत्याओं की घटनाओं की घटनाओं से 7 हज़ार हज़ार वर्ष कम हुए।
१४. दान के दुरूपयोग की घटनाओं से १४ हज़ार वर्ष कम हुए।
१५. गोचर भूमि और शमशान भूमि का हरण (कब्ज़ा) करने की घटनाओं से ४० हज़ार वर्ष कम हुए।
१६. विधवा स्त्री हरण की घटनाओं से 17 हज़ार वर्ष कम हुए।
१७. पालतू पशु-पक्षी (बकरा, मुर्गा आदि) मारकर खाने की घटनाओं से ११ हज़ार वर्ष कम हुए।
१८. जाती (वर्ण) धर्म बंधन की अवमानना की घटनाओं के कारण 12 हज़ार वर्ष कम हुए।
१९. स्त्री हत्या की घटनाओं के कारण २२ हज़ार वर्ष कम हुए।
२०. मातृ हरण की घटनाओं के कारण ३५ हज़ार वर्ष कम हुए।
२१. माता–पीता की हत्या की घटनाओं के कारण २२ हज़ार वर्ष कम हुए।
२२. बहन और कन्या हरण की घटनाओं के कारण २५ हज़ार वर्ष कम हुए।
२३. विश्वासघात की बढती घटनाओं के कारण 10 हज़ार वर्ष कम हुए।

दिए हुए इन सभी वर्षों को यदि ४ लाख ३२ हज़ार वर्षों में से कम किया जाता है तो वर्तमान में हमारे सामने मात्र ५ हज़ार वर्ष ही शेष बचते हैं और ये वर्ष भी द्वापर युग की समाप्ति और कलियुग के प्रारम्भ होने के बाद से आज तक कट चुके हैं। अर्थात अब कलियुग समाप्त हो चुका है आने वाले सतयुग और जाने वाले कलियुग के बीच का जो मात्र १०० वर्षों का संधिकाल होता है वही चल रहा है। इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात तो ये है कि इस संक्रमणकाल की शुरुआत वर्ष १९४३ से ही प्रारम्भ हो चुकी है। अर्थात आने वाले वर्ष २०४३ में यह संधिकाल की अवधि समाप्त होने वाली है और कलियुग का पूर्णतः अंत होने वाला है।

श्री पांडा जी ने कहा है कि भविष्यमालिका के संकेतों के अनुसार सम्पूर्ण पृथिवी पर विभिन्न आपदाओं वाली वह स्थिति शुरू हो चुकी है। वर्ष २०३२ तक ईश्वर ने सब कुछ बदल देना है और उसके बाद वर्ष २०४३ तक स्थिति को सामान्य अवस्था में भी लाना होगा, इसलिए कई छोटी-बड़ी प्राकृतिक आपदाएं, मानव निर्मित आपदाएं, बड़े और भीषण युद्ध, मित्र देशों का विश्वासघात आदि सभी कुछ हमें २०३२ तक देखने को मिल जाएगा। जिसमें भारत के गुजरात क्षेत्र और ओडिशा के क्षेत्रों पर शत्रु देशों के द्वारा कुछ बड़े हमले जैसे परमाणु हमलों के भी संकेत मिल चुके हैं। हैरानी तो इस बात की है कि वर्तमान परिस्थितियां भी उसी दिशा में संकेत करती दिख रहीं हैं।

भविष्यमालिका पर पिछले कई वर्षों से गहन शोध कर रहे श्री पुलिन पांडा जी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा है कि भविष्यमालिका की ये जानकारियां आज हैरान करने वाली नहीं बल्कि उस ओर ध्यान देने वाली हैं कि कैसे हम आने वाली स्थिति का सामना कर सकते हैं और प्रभु के दर्शन कर सकते हैं या फिर उनके द्वारा रची जा रही लीला के काल का ग्रास बनेंगे।

श्री पांडा जी ने भविष्यमालिका के आधार पर यह भी कहा है कि एक स्थिति यह भी आने वाली है लगातार सात दिन और सात रातों की समयावधि तक सम्पूर्ण पृथिवी पर अँधेरा छाया रहेगा। हालाँकि उस प्रलय में समस्त सच्चे सनातन विष्णु भक्त परेशान तो खूब होंगे किन्तु अंत में सुरक्षित भी बचे रहेंगे और अगले युग में प्रवेश भी करेंगे, क्योंकि उन घटनाओं के पहले भगवान् विष्णु अपने भक्तों को सुरक्षित रखने की पहचान और गिनती भी कर चुके होंगे।

श्री पुलिन पांडा जी ने कहा है कि भविष्यमालिका की जानकारियां कुछ जटिल कोड युक्त शब्दों और आंकड़ों के आधार दी गई हैं जिनको समझना हर एक व्यक्ति के लिए आसान नहीं  हैं। यही कारण है कि आज लोग इनपर विश्वास भी नहीं कर पा रहे हैं। जबकि वर्तमान में घटित हो रही कई प्रमुख घटनाएं जस की तस घाट रहीं हैं जिनके बारे भविष्यमालिका के आधार पर मैं कई बार स्पष्ट बता चुका हूँ। यदि उन सभी घटनाओं के लिंक जोड़ते जायेंगे तो स्पस्ट संकेत है कि स्थितियां हमें क्या इशारा कर रहीं हैं।

श्री पांडा जी ने भविष्यमालिका के आधार पर दावा किया है कि भगवान् कल्कि का अवतार हो चुका है लेकिन अभी वे अज्ञातवास में हैं और संभवतः २०२५ या २०२६ के दौरान ही सामने आयेंगे, हालाँकि तब भी वे अपनी पहचान को उजागर नहीं करेंगे। उनका कहना है कि भविष्यमालिका की रचना करने वाले पांच शखा भी अभी पृथिवी पर मौजूद हैं और भगवान कल्कि के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश के जिस संभल में कल्कि अवतार की बात की जा रही है जबकि इस प्रकार के देशभर में 22 स्थान हैं और उत्तरप्रदेश के संभल का कहीं उल्लेख उल्लेख नहीं है, जबकि ओड़िसा के जाजपुर क्षेत्र में पड़ने वाले गया तीर्थ और संभलपुर के बारे में पुराणों में भी उल्लेख है और भविष्यमालिका में तो इसका विशेष विवरण दिया हुआ है।

उनका कहना है कि भगवान् जगन्नाथ और बलभद्र किसी अन्य रूप में जन्म ले चुके हैं और इस समय वे किसी अज्ञात स्थान पर तपस्या में रत हैं किन्तु वे तभी अपना रूप प्रकट करेंगे जब भगवान् कल्कि भी साक्षात् प्रकट होंगे।  उनका कहना है कि भगवान् कल्कि का संसार के समक्ष प्रकट होने का समय वर्ष २०२५ से २०२६ के मध्य का है और इसके बाद से वे पृथिवी पर महाविनाश की लीला प्रारंभ करेंगे और वर्ष २०३२ तक इसको विभिन्न प्रकार और रूपों में जारी रखेंगे।

श्री पुलिन पांडा जी का यह भी कहना है कि भविष्यमालिका में स्पष्ट लिखा है कि वर्तमान जनसंख्या का करीब-करीब ७० से ७५ प्रतिशत भाग आने वाले पांच से सात वर्षों में कम हो जाएगा। इसमें बचने वाली जनता पूर्ण रूप से सनातन विष्णु भगवान् में आस्था रखने वाली ही रहेगी। आश्चर्य की बात तो ये है कि यह भविष्यवाणी तो आज के विज्ञान का प्रमुख केंद्र नासा भी स्वयं ही कर रहा है। नासा के अनुसार आने वाले चार से पांच वर्ष के दौरान किसी बड़े युद्ध, प्राकृतिक आपदा, महामारी जैसी अनहोनी की और संकेत दिख रहा है। घटनाएं तेज़ी से घटित होती जा रही हैं क्योंकि सूर्य की कुछ विशेष किरणें पृथिवी पर तापमान को आवश्यकता से कहीं अधिक बढ़ाने की तैयारी में हैं  जिसमें तापमान करीब-करीब प्रत्येक स्थान पर ५५ डिग्री से भी अधिक हो सकता है।

श्री पुलिन पांडा जी का कहना है कि भविष्यमालिका में लिखा है कि २०३२ तक पृथिवी पर कई बड़े युद्ध होंगे और उनमें सबकुछ ख़त्म हो चुका होगा जबकि इस दौरान लडे जाने वाले युद्धों में सबसे बड़ा युद्ध भारत के ओड़िसा में होगा। उनका कहना है कि भारत पर १३ प्रमुख मुस्लिम देशों के साथ मिलकर चीन एक साथ हमला करेगा। ये हमले भारत के दो अलग-अलग स्थानों पर होंगे, जिनमें से एक गुजरात और दुसरा ओड़िसा है। इस हमले का कारण होगा भगवान् विष्णु के अवतार कल्कि को खोजना और उनको समाप्त करने के लिए यहाँ परमाणु बम गिराना, क्योंकि ये सभी शत्रु देश आज ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से इस विषय पर गुप्त रूप से शोध कर रहे हैं कि ओड़िसा क्षेत्र में कोई उनका शत्रु आने वाला है जो उनके लिए काल बनेगा।

श्री पुलिन पांडा जी का यह भी कहना है कि उस दौरान अमेरिका स्वयं भी इस स्थिति में नहीं रहेगा कि वो भारत की सहायता कर सके, क्योंकि अमेरिका स्वयं भी एक बड़े युद्ध में उलझा रहेगा और असहाय स्थिति में होगा। हालाँकि इंग्लैंड और फ्रांस सहायता का प्रयास करेंगे लेकिन वे स्वयं भी म्लेच्छों से त्रस्त होंगे इसलिए वे स्वयं भी असहाय ही रहेंगे। ऐसी स्थिति में भारत एक दम अकेला ही इस युद्ध को झेलेगा और बहुत बड़े विनाश का सामना करेगा। वर्तमान में भारत के साथ व्यवसाय का लाभ लेने के कारण कई मुस्लीम देश भारत के साथ छद्म दोस्ती का दिखावा कर रहे हैं किन्तु यही मुस्लिम देश आने वाले समय में हमला करने वाले हैं, भविष्यमालिका में ऐसे संकेत स्पष्ट दिख रहे हैं।

About The Author

admin

See author's posts

248

Related

Continue Reading

Previous: कड़वाहट कभी मीठी नहीं हो सकती
Next: “महायोगी” फिल्म के जरिये परमेश्वर का संदेश

Related Stories

Snakes research from Puranas
  • Uncategorized

Research on lifestyle of Snakes from Hindu Puranas

admin 22 March 2025
Mahakal Corridor Ujjain
  • Uncategorized

उज्जैन के रुद्र सरोवर का धार्मिक महत्त्व और आधुनिक दुर्दशा

admin 20 March 2025
Teasing to Girl
  • Uncategorized
  • विशेष

दुष्कर्मों का परिणाम और प्रायश्चित

admin 22 November 2024

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078190
Total views : 142566

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved