सोशल मीडिया में मोदी जी तथा भाजपा के आईटी सेलिया एवं समर्थकों ने इस तस्वीर के माध्यम से पार्टी के नाम और नेताओं के नाम भी खूब वायरल किया है, और कहा जा रहा है कि देखो हिंदू भाईयों बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में इन पार्टियों के कोई भी नेता नेता प्रदर्शन, विरोध, या ट्वीट आदि कुछ भी नहीं कर रहे हैं।
लेकिन, यहां हम ऐसे ही सभी भाजपा के आईटी सेलिया एवं समर्थकों से पूछना चाहते हैं कि क्या भाजपा, संघ और NDA के समर्थक किसी भी पार्टी या किसी छोटे-बड़े नेता ने भी इसके खिलाफ आवाज़ या इसका विरोध किया है? क्या भाजपा, संघ और NDA के समर्थक किसी भी पार्टी या किसी छोटे-बड़े नेता की इन घटनाओं की जानकारी भी नहीं है कि ऐसी कोई घटनाएं हो भी रहीं हैं या नहीं ?
क्या NDA से जुड़ा कोई भी नेता या पार्टी भी नहीं चाहते कि बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में आवाज़ उठाई जाय या इन घटनाओं का विरोध किया जाय? और यदि किसी संघी, भाजपाई या किसी NDA के नेता ने इसक विरोध में आवाज उठाई है तो यहां उनके बारे में कोई उल्लेख क्यों नहीं है, उसका नाम बताने का कष्ट क्यों नहीं किया?
क्या खुद को हिन्दुओं के ठेकेदार समझने वाले मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी, या फिर NDA के नेताओं में से नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, अजीत पवार, एकनाथ शिंदे, अनुप्रिया पटेल, झारखंड में NDA के सहयोगी, कर्नाटक से JDS पार्टी, एच. डी. देवेगौड़ा वाली, या फिर कोई भी और कहीं भी जो NDA को समर्थन दे रही सभी पार्टियों के कोई भी छोटे या बड़े नेता जो मोदी सरकार का समर्थ कर रहा हो, वे लोग बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कोई भी ट्वीट या फिर प्रदर्शन आदि क्यों नहीं कर पा रहे हैं ? क्या वे समर्थ नहीं हैं अथवा किसी का डर है या फिर किसी का दबाव है? या फिर वे स्वयं भी इसके लिए गुप्त रूप से समर्थक हैं ?
मान लिया जाय की यदि भाजपा और NDA के सभी सहयोगी दलों ने देश के किसी भी हिस्से में बांग्लादेशी हिन्दू समाज के समर्थन में कहीं भी कोई प्रदर्शन या विरोध किया है तो उसकी कोई खबर क्यों नहीं दिखाई दे रही हैं? यह सच है कि यदि बांग्लादेशी हिन्दुओं के समर्थन में NDA ने आवाज़ उठाई तो हिंदुस्थान का मुसलमान NDA से नाराज हो जायेगा। यही कारण है कि मुसलमानों को नाराज करना किसी पार्टी के वश में नहीं है, क्योंकि जातियों में बटा हिंदुओं के दर्द को सुनने वाला, कोई नेता या पार्टी भारत में नहीं है।
आज दुनिया किसी भी हिस्से में रहने वाला हिंदू लावारिश ही है, क्योंकि मुस्लिम वोट के लालच ने भारत में किसी पार्टी को नहीं छोड़ा है लेकिन अपने मूल वोटरों को जरूर छोड़ दिया है।
– गणपत सिंह