संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) ने सीधे-सीधे हिंदूफोबिया को स्वीकार करते हुए घोषणा की है कि अगर अमेरिका के अगले यानी वर्ष 2024 के चुनावों में वे जितते हैं तो वाशिंगटन डीसी में वे एक ‘‘हिंदू होलोकाॅस्ट स्मारक’’ (Hindu holocaust memorial in Washington DC) बनवा कर हिंदुओं को धन्यवाद देंगे। एक दिवाली कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी कहा कि यह हिंदुओं की वजह से ही हो सका था कि उनकी पार्टी ने वर्ष 2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीता।
अमेरिका के फ्लोरिडा में आयोजित दिवाली कार्यक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की ओर से बजाई जा रही जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट के बीच दिल पर हाथ रखते हुए कहा, ‘मैंने वाशिंगटन डीसी में ‘‘हिंदू होलोकाॅस्ट स्मारक’’ (Hindu holocaust memorial in Washington DC) बनाने के विचार का पूरी तरह से समर्थन किया है, क्योंकि मैं हिंदुओं की भावनाओं को समझता हूं।’
दरअसल, Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) ने फ्लोरिडा के अपने मार-ए-लागो रिसाॅर्ट में आयोजित रिपब्लिकन हिंदू गठबंधन यानी आरएचसी द्वारा आयोजित दिवाली मिलन कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। इस कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों ने भाग लिया और एक दूसरे को दिवाली का शुभकामनाएं दीं।
Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) ने दोहराया कि ‘हमें हिंदू आबादी यानी महान हिंदू लोगों ने दोनों बार (वर्ष 2016 और वर्ष 2020) समर्थन दिया और भारत से भी हमें सोशल मीडिया के माध्यम से अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ था। यही कारण है कि मैंने वाशिंगटन डीसी में एक हिंदू होलोकाॅस्ट स्मारक (Hindu holocaust memorial in Washington DC) बनवाने का विचार किया ताकि, हिंदुओं द्वारा किये गये उस समर्थन का मैं और मेरी पार्टी धन्यवाद दे सके। मुझे लगता है कि यही सही समय है जब हम इस इसे पूरा करने का साहस दिखा सकते हैं।’
इसके अलावा, ट्रम्प ने आगे कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र में भारत से संबंधित अन्य कई मुद्दों को उठाएंगे और साथ ही साथ यह भी वादा किया कि अगर वे वर्ष 2024 के चुनावों में राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को फिर से ऊंचाईयों तक ले जा सकेंगे।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप एक अमेरिकी राष्ट्रवादी ‘रिपब्लिकन पार्टी’ (Republican Party) के न सिर्फ नेता हैं बल्कि स्वयं भी एक अच्छे राष्ट्रवादी विचारधारा के मानने वाले हैं। अपने पिछले संपूर्ण कार्यकाल के दौरान उन्होंने यही प्रयास किया था कि दुनिया में कहीं भी किसी भी क्षेत्रा में कोई छोटा से छोटा युद्ध न होने पाये। क्योंकि यदि कहीं भी कोई युद्ध होता है तो उसके कारण मानवता को कितनी हानि पहुंचती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। जबकि अमेरिका की अन्य पार्टियां या नेता हमेशा युद्ध के पक्ष में ही कार्य करते रहते हैं ताकि उनके हथियार बिक सकें और अमेरिका को आर्थिक लाभ मिलता रहे।
हालांकि, Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) के खिलाफ, उन्हीं के देश अमेरिका में पद पर रहते हुए तरह-तरह के षड्यंत्रा रचे गये, दुष्प्रचार किया गया और उन्हें बुरी तरह से बेइज्जत भी किया गया। जबकि, अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप को भारत की आम जनता में उनके अपने देश से भी कहीं अधिक प्यार और सम्मान से देखा जाता रहा और आज भी उन्हें उतना ही सम्मान और प्यार मिलता है। इस बात का अंदाजा हमें सोशल मीडिया के माध्यम से हो आसानी से हो जाता है।
बात करें यदि Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) के उस वादे की जिसमें वे ‘‘हिंदू हाॅलोकास्ट स्मारक’’ (Hindu holocaust memorial in Washington DC) बनवाने का वादा कर रहे हैं यानी जिसमें इतिहास से लेकर आज तक के करोड़ों हिंदुओं के खिलाफ हुई तमाम शाजिशों और युद्धों में मौत की याद में बनने वाला स्मारक जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके तो यह अपने आप में हिंदुओं के इतिहास में अब तक की एक सबसे बड़ी घोषणा कही जा सकती है।
अभी तक अन्य किसी भी देश में तो क्या स्वयं भारत में और भारत की किसी भी राजनीतिक पार्टी ने या फिर राजनेता ने भी ऐसा सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ऐसा कोई मंदिर या कोई छोटा सा भी स्मारक यानी ‘‘हिंदू हाॅलोकास्ट स्मारक’’ (Hindu holocaust memorial in Washington DC) बनवाया जा सकता है जहां एक आम हिंदू अपने उन पूर्वजों को या अपने उन नजदीकियों को श्रद्धांजलि दे सके जो अब तक के इतिहास में किसी न किसी युद्ध, दंगे, जेहाद और षड्यंत्रों के तहत विपरित धर्मों और समुदायों के द्वारा मार दिये गये हों।
अल-बिरूनी से लेकर अब तक के तमाम इतिहासकारों ने अपने-अपने आंकड़ों में हिंदुओं के खिलाफ हुई तमाम शाजिशों, हत्याओं, यातनाओं और खानाबदोशी के आंकड़ों पर नजर डालें तो मुगलों के आक्रमणों से लेकर अंग्रेजी सत्ता और उसके बाद के तमाम दंगों और जेहादों में लगभग 35 से 40 करोड़ से अधिक हिन्दुओं का कत्लेआम हो चुका है जो मानवता के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और विशेष आंकड़ा है। लेकिन फिर भी इसके खिलाफ किसी ने आवाज़ तक नहीं उठाई।
हालांकि, भारत में स्वयं हिंदुओं के द्वारा वर्ष 2014 में अपने यानी ‘‘हिंदुओं के हृदय सम्राट’’ कहे जाने वाले प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद देकर उनकी सरकार बनाने के बाद भी हिंदुओं के खिलाफ षड़यंत्रा कम नहीं हुए और वर्ष 2014 से आज तक भी सैकड़ों हिंदुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसे में यदि अपने ही देश यानी भारत में न सही अन्य किसी भी देश में कोई दूसरे समुदाय से भी अगर ‘‘हिंदू हृदय सम्राट’’ बन कर उभरता है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए।
हालांकि, Donald Trump (डोनाल्ड ट्रम्प) के इस वादे को भारत में राजनीतिक दलों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है, लेकिन, अभी तक हिंदुओं के वोटों से बनी मोदी सरकार ने इसमें सीधे-सीधे कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। जाहिर है कि हिंदुओं के वोटों से बनी मोदी सरकार अब सेक्युलरवाद का ढोल पीटने लगी है इसलिए हिंदुओं से नफरत को देखा या महसूस किया जा सकता है।
– अजय सिंह चौहान