Skip to content
15 May 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

हिंदू राष्ट्र: काशी बनेगी राजधानी, धर्म संसद में 750 पन्नों का संविधान हुआ तैयार

admin 13 August 2022
Hindu Rashtra ka Draft
Spread the love

अजय सिंह चौहान || हिन्दू राष्ट्र की बात तो करीब-करीब हर एक सच्चा हिन्दू करता ही है लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास भी हो रहा है या फिर ये सब हवा-हवाई बाते हैं? यदि कोई व्यक्ति या कोई संस्थान इस विषय पर कार्य कर रहे हैं तो वे कौन हैं, किस स्तर तक वे काम कर रहे हैं, कितना खतरा वे लोग मोल ले रहे हैं, अभी तक वे क्या-क्या कर चुके हैं, उनके साथ कौन-कौन खड़ा है, कौन उनके विरोध में हैं? उनको कितने लोगों का सहयोग मिल रहा है? हिन्दू राष्ट्र के लिए क्या कोई राजनीतिक पार्टियां भी काम कर रहीं हैं? कोई संत-महात्मा, समाज सेवी भी इसमें भागीदारी कर रहे हैं?  जिस संघ (RSS) जैसे संगठन पर आज हिन्दू सबसे अधिक भरोसा करते हैं वह हिन्दू राष्ट्र के लिए कुछ कर भी रहा है या फिर सिर्फ सत्ता तक ही सिमित है? हिन्दू राष्ट्र के लिए जो लोग अपने दम पर ही इस संघर्ष में हिन्दुओं के अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं क्या उन्हें आर्थिक सहयोग मिल रहा है या फिर वे स्वयं के धन से ही ये लड़ाई लड़ रहे हैं? भारत का वर्तमान संविधान और कानून उनके साथ है या उनके विरोध में?

इन सब प्रश्नों के उत्तर खोजने पर मुझे कई प्रकार के जवाब तो मिले, लेकिन जो प्रमुख जवाब मैंने खोजा उसमें मैं हैरान हूँ कि आम हिन्दुओं में से करीब-करीब 60 से 65 प्रतिशत को तो इस बात की बिलकुल भी जानकारी नहीं है कि ऐसा भी कुछ हो रहा है। इसके अलावा बाकी बचे उन 35 से 40 प्रतिशत आम हिन्दुओं को जानकारी तो है लेकिन इतनी नहीं कि वे इस विषय पर किसी से भी बहस कर सकें।

सबसे पहले तो ये बता दूँ कि हिन्दू राष्ट्र के लिए वास्तव में प्रयास चल रहे हैं और अगले वर्ष यानी 2023 में प्रयागराज में माँ गंगा के तट पर जो माघ मेला आयोजित होने वाला है उसमें एक धर्म संसद आयोजित होने वाली है जिसमें 32 पन्नों के हिंदू राष्ट्र के संविधान का मसौदा पेश किया जाएगा। हिंदू राष्ट्र के संविधान के अपने पहले मसौदे में कानून, व्यवस्था, शिक्षा, रक्षा, मतदान प्रणाली, राज्यों  के मुखिया के अधिकार, प्रशाशन व्यस्था आदि के बारे में बताया गया है।

हिंदू राष्ट्र के संविधान के इस मसौदे के अनुसार प्रमुख रूप से नई दिल्ली की जगह वाराणसी को देश की राजधानी के रूप में स्थान दिया जाएगा, इसके लिए काशी यानी वाराणसी में ‘धर्म संसद’ बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। एक प्रस्ताव ये भी है कि इसमें मुस्लिमों और ईसाईयों को वोट देने के अधिकार नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा और कृषि को पूरी तरह से कर मुक्त यानी टैक्स फ्री किया जाएगा।

कैसे अमल में आया –

दरअसल फरवरी 2022 में, प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद में भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था और एक हिंदुत्ववादी संविधान का विचार सामने आया था।

भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने के लिए जो मसौदा तैयार किया गया है वह एक बहुत ही बड़े और देश के कुछ विशेष लोगों के पैनल के द्वारा सोच-विचार के बाद तैयार किया गया है। यानी इस मसौदे को तैयार करने में विभिन्न क्षेत्रों की तीस प्रतिष्ठित हस्तियों ने योगदान दिया है। तब कहीं जाकर इस संविधान का मसौदा तैयार किया गया है।

हिंदू राष्ट्र का संविधान तैयार करने में जिन लोगों के नाम हैं उनमें समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप, शांभवी पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष हैं। इसमें कामेश्वर उपाध्याय, अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएन रेड्डी, रक्षा विशेषज्ञ आनंद वर्धन, सनातन धर्म के विद्वान चंद्रमणि मिश्रा, डॉ. विद्या सागर आदि शामिल हैं। इन नामों के विषय में कहा जा सकता है कि यह कोई मजाक नहीं बल्कि एक बहुत बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। 

हिंदू राष्ट्र का संविधान तैयार करने में जिन लोगों के नाम हैं उनमें समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप, शांभवी पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष हैं। इसमें कामेश्वर उपाध्याय, अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएन रेड्डी, रक्षा विशेषज्ञ आनंद वर्धन, सनातन धर्म के विद्वान चंद्रमणि मिश्रा, डॉ. विद्या सागर आदि शामिल हैं। इन नामों के विषय में कहा जा सकता है कि यह कोई मजाक नहीं बल्कि एक बहुत बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

हिंदू राष्ट्र के संविधान के कवर पेज पर क्या है? –

बात करें हिंदू राष्ट्र के संविधान के कवर पेज की तो इसमें सबसे पहले तो प्रस्तावित ‘अखंड भारत’ का मानचित्र दर्शाया गया है। ‘अखंड भारत’ के इस मान-चित्र के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि जो देश भारत से अलग हो चुके हैं, भविष्य में उनका विलय किया जा सकता है। इसके अलावा कवर पेज में कुछ मंदिरों के ऊपर भगवा झंडा भी दिखाया गया है।

साथ ही अंदर के पृष्ठों में देवी-देवताओं और भारत की कुछ महान हस्तियों की तस्वीरें और चित्र भी हैं, जिनमें माँ दुर्गा, भगवान राम, भगवान कृष्ण, गौतम बुद्ध, गुरु गोबिंद सिंह, आदि शंकराचार्य, चाणक्य, वीर सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, पृथ्वीराज चौहान, स्वामी विवेकानंद आदि शामिल हैं। इसमें सबसे बड़ी बात तो ये है कि वीर सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, पृथ्वीराज चौहान जैसी सनातन की ऐतिहासिक हस्तियों को भी प्रमुखता दी गई है जो कि आज के समय की मांग ही नहीं बल्कि आज के हिन्दू समुदाय के युवाओं के प्रमुख आदर्श भी हैं।

750 पन्नों का होगा हिंदू राष्ट्र का संविधान –

हिंदू राष्ट्र का संविधान तैयार करने वाली समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूपस्वामी के अनुसार हिंदू राष्ट्र का संविधान लगभग 750 पृष्ठों का हो सकता है जबकि इसके प्रारूप पर अब व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी।

विभिन्न क्षेत्रों के धार्मिक विद्वानों और विशेषज्ञों के साथ इसपर विशेष चर्चा और बहस होगी। इस आधार पर, संविधान का आधा हिस्सा (लगभग 300 पन्ने) प्रयागराज में अगले वर्ष आयोजित होने वाले माघ मेले यानि 2023 में जारी किया जाएगा, जिसके लिए विशेष धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।

हिंदू राष्ट्र का संविधान तैयार करने वाली समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप ने कुछ विशेषताओं के बारे में बात करते हुए मीडिया को बताया कि यह एक कार्यकारी प्रणाली होगी जिसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और सभी आदिवासियों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूर्ण अधिकार मिलेगा। हिन्दू राष्ट्र में रहने वाले हर जाति के लोगों को सुविधा और सुरक्षा होगी।

समिति के सदस्यों के अनुसार हिंदू राष्ट्र का मंत्रिमंडल चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्रिमंडल की तरह ही तैयार किया जाएगा, जिसमें सुरक्षा, शिक्षा, राजकीय प्रणाली, चिकित्सा व्यवस्था, रोजगार आदि के लिए नई व्यवस्थयाएँ होगीं।

इस धर्म संसद की तरफ से हिंदू राष्ट्र के संविधान का जो मसौदा तैयार हुआ है उसमें बताया जा रहा है कि 16 साल की उम्र पूरी करने के बाद युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया जाएगा, जबकि चुनाव लड़ने की आयु भी 25 साल तय की गई है। मुस्लिम और ईसाई को वोट के अधिकार नहीं दिए जाएंगे, लेकिन अन्य सभी आम नागरिक के अधिकार मिलेंगे।

धर्म संसद के लिए कुल मिलाकर 543 सदस्य चुने जाएंगे। इसमें मुख्य रूप से ब्रिटिश काल के सभी नियमों और  न्याय प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा और इसके स्थान पर त्रेता और द्वापर युग के आधार पर दंड और न्याय की प्रणाली को स्थापित किया जाएगा। वर्ण व्यवस्था के आधार पर सब कुछ चलाया जाना तय होगा। शिक्षा व्यवस्था में मुख्या रूप से गुरुकुल प्रणाली को फिर से शुरू करके आयुर्वेद, गणित, नक्षत्र, भूगर्भ, ज्योतिष में शिक्षा, आदि की शुरूआत की जाएगी।

हिंदू राष्ट्र के लिए आवाज उठाने वाली प्रमुख हस्तियों में महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने का कहना है कि इस्लामी जिहाद के खिलाफ लड़ाई को तेज किया जाएगा। हम जानते हैं कि हमें रोकने के लिए भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी-बड़ी साजिशें रची जा रही हैं, लेकिन फिर भी हमारी मुहिम रुकेगी नहीं। हिंदू राष्ट्र बनाने व इस्लामी जिहाद खत्म करने के लिए हमारी अंतिम सांस तक हम लड़ेंगे। मुस्लिमों को इसमें ससम्मान घर वापसी का अवसर दिया जाएगा, और सभी मठ-मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करने का अभियान तेजी से चलाया जाएगा।

हिंदू राष्ट्र के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने आशंका जाहिर की है कि इस समय RSS और बीजेपी सहित तमाम राजनीतिक पार्टियां उनसे चिढ़ी बैठीं हैं और किसी भी प्रकार से साम, दाम, दंड, भेद के सहारे इन सदस्यों को परेशान करने और प्रताड़ित करने का प्रयास कर सकती है. जबकि संघ सहित इन पार्टियों ने बजरंग दाल, हिन्दू युवा वाहिनी, श्रीराम सेना, गो-रक्षक दल और विश्व हिन्दू परिषद् जैसे तमाम हिन्दू संगठनों और उनकी शक्तियों को पहले ही समाप्त कर दिया है।

इसमें आशंका तो ये भी है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ विशेष लोगों के साथ मिलकर हिंदू राष्ट्र के इस मसौदे के तहत एक अलग पार्टी का गठन कर सकते हैं जो 2024 में या फिर 2029 के लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और सत्ता हासिल करने के बाद हिंदू राष्ट्र के लिए कदम उठा सकते हैं।

दरअसल, भाजपा शाषित वर्तमान केंद्र सरकार और इसके मुखिया सहित तमाम बड़े पदाधिकारियों ने कई बार हिन्दू विरोधी एजेंडे और गतिविधियों सहित कई बार ऐसी बयानबाज़ी की है जिसके बाद योगी आदित्यनाथ को इस विषय पर विचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है। संघ भी अपने हिन्दू विरोधी अजेंडे और सेक्युलरवाद के दम पर हिन्दुओं के वोट लेकर उन्हीं को मुर्ख बना कर बीजेपी के माध्यम से देश पर राज कर रहा है और सेक्युलरवाद को मुफ्त की रेवड़ियां बाँट रहा है।

हालांकि, योगी आदित्यनाथ खुद इस समय बीजेपी से ही मुख्यमंत्री हैं लेकिन उनके वोटर्स ये बात जानते हैं कि उन्होंने बीजेपी को नहीं बल्कि योगी आदित्यनाथ को वोट है। योगी आदित्यनाथ के वोटर्स ये बात भी जानते हैं कि वे राजनीति के लिए नहीं बल्कि सनातन धर्म को बचाने के लिए ही सन्यासी बने हैं। ऐसे में तमाम हिन्दुओं के हिंदू राष्ट्र का सपना एकमात्र राजनीतिज्ञ योगी ही पूरा कर सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ के अलावा जिन लोगों पर विश्वास किया जा सकता है उनमें ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में पिता-पुत्र की जोड़ी यानी हरिशंकर जैन और विष्‍णु जैन भी शामिल है। क्योंकि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में हरिशंकर जैन और विष्‍णु जैन हिंदू पक्ष की पैरवी कर रहे थे, लेकिन अचानक एक षड्यंत्र या किसी के दबाव के कारण कानूनी मदद ले रही संस्था “विश्व वैदिक सनातन संघ” के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन को इस केस की पैरवी से हटा दिया और इस केस को एकदम कमज़ोर कर दिया।

संस्था का नाम भले ही “विश्व वैदिक सनातन संघ” है लेकिन अगर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में हरिशंकर जैन, विष्णु जैन को हटा कर इस केस को जानबूझ कर कमज़ोर किया गया है तो यह एक षड्यंत ही कहा जा सकता है। ऐसे में यहाँ इसका मतलब भी साफ़ है कि “विश्व वैदिक सनातन संघ” भी अन्य पार्टियों और संघ की तरह ही आगे चलकर हिन्दुओं को मुर्ख ही बनाना चाहता है।

इसी प्रकार के कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके चलते कयास लगाए जा सकते हैं कि योगी आदित्यनाथ कुछ विशेष लोगों के साथ मिलकर एक ऐसी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन कर सकते हैं जो पूरी तरह हिंदुत्ववादी हो और 2024 में या फिर 2029 में हिन्दू राष्ट्र के लिए सीधे-सिधे चुनाव लड़ सकते हैं।

हिन्दुओं को यहाँ ये भी जान लेना चाहिए कि ‘ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कुल पांच महिलाएं वादी थीं। जबकि उनके लिए यह केस पिता-पुत्र हरिशंकर जैन और विष्‍णु जैन लड़ रहे थे, लेकिन उनमें से एक वादी महिला जो कि “विश्व वैदिक सनातन संघ” के जितेंद्र सिंह बिसेन की भतीजी रेखा सिंह है उन्होंने भी एक षड़यंत्र के तहत इस पैरवी से हटने का निर्णय लिया है। लेकिन इसके बाद भी बाकी वादी चार महिलाओं की ओर से हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने खुद अपने दम पर इस मुकदमे की पैरवी करने का निर्णय लिया है, ताकि हिन्दू इस केस को जीत सकें।

ये वही हरिशंकर जैन और विष्णु जैन पिता पुत्र हैं जिन्होंने करीब 100 ऐसे मुक़दमे देश की अलग-अलग कोर्ट में दायर कर रखें हैं जो हिन्दुओं के पक्ष में हैं। जबकि उनकी इसी बात को लेकर उनके खिलाफ देश की सभी राजनितिक पार्टियों एकजुट होकर न सिर्फ उनका विरोध कर रहीं हैं बल्के उनके खिलाफ षड्यंत्र भी रच रहीं हैं।

About The Author

admin

See author's posts

1,187

Related

Continue Reading

Previous: दिल्ली सरकार ने दिल्ली को बरबाद करने का काम किया है
Next: Hindu Rashtra: Kashi will become the capital

Related Stories

What does Manu Smriti say about the names of girls
  • कला-संस्कृति
  • विशेष

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

admin 9 May 2025
Harivansh Puran
  • अध्यात्म
  • विशेष

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

admin 20 April 2025
ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

admin 16 April 2025

Trending News

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है? What does Manu Smriti say about the names of girls 1

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

9 May 2025
श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है? Harivansh Puran 2

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

20 April 2025
कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है  ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 3

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

16 April 2025
‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़? Masterg 4

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

13 April 2025
हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 5

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

30 March 2025

Total Visitor

077474
Total views : 140814

Recent Posts

  • कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?
  • श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?
  • कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 
  • ‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?
  • हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved