हिंदू मूर्ति पूजा से लेकर अंतिम संस्कार तक यदि अनुष्ठान करे तो अंधविश्वासी पोंगा पंडित, और फिल्म स्टार शाहरुख खान यदि मजहबी फूंक/थूक मारे तो भी प्रगतिशील और मानवतावादी?
हिंदुओं के अंदर यह जो ‘हीन भावना’ है उसी का लाभ उठाकर ‘पंचमक्कारों’ ने इस देश पर राज किया और आज भी हिंदू धर्म पर हमलावर हैं।
आज भी देख लो हिंदू अंतिम संस्कार में ‘मजहबी फूंक’ के अधिकांश समर्थक वो ब्रेनवाश्ड हिंदू मिलेंगे जो घूंघट प्रथा के विरोधी, लेकिन बुर्का का समर्थन कर रहे हैं!
असल में बाहरी से अधिक हमारे शत्रु वो हिंदू हैं, जो अपनी हीनताग्रंथि के कैदी हैं! उन्हें ‘ईगो’ है कि वो प्रगतिशील हैं, जबकि वास्तविकता में वो पंचमक्कारों के फैलाए एजेंडे को ढोने वाले ‘मूढ़ गदहे’ हैं!
असल में ऐसे हिंदू जड़विहीन वो ठूंठ हैं, जो केवल श्वानों के टांग उठाने के काम आता है! पंचमक्कार अपना टांग उठाने के लिए इन ‘ठूंठे हिंदुओं’ का ही सहारा लेते हैं!
– संदीप देव