क्या किसी ने ध्यान दिया है कि भारतीय मीडिया में हमास और इजराइल युद्ध के शुरू होने के दो दिनों के बाद से इजराइल का विरोध और गाजा का समर्थन शुरू हो चुका है। अगले दो दिनों में इसका असर खुल कर सामने आने लगेगा। क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित देश की कई प्रमुख राजनीतिक पार्टियों और नेताओं सहित पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपई का वो पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने RSS के मंच से फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन किया था।
दरअसल, आज की भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से उस समय यानी 1977 में जनता पार्टी की सरकार बानी थी। जनता पार्टी की जीत के बाद 1977 में अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक सम्बोधन भाषण दिया था। उस भाषण में उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि एक गलतफहमी पैदा की जा रही है कि जनता पार्टी की सरकार बन गई है। वो अरबों का साथ नहीं देगी, इजरायल का साथ देगी। मोरारजी भाई स्थिति को स्पष्ट कर चुके हैं। गलतफहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं। हम हरेक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे। लेकिन मध्य पूर्व (Middle East) के बारे में ये स्थिति साफ है कि अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करनी होगी। आक्रमणकारी आक्रमण के फलों का उपभोग करे ये हमें अपने संबंध में स्वीकार नहीं है। जो नियम हमपर लागू है वो औरो पर भी लागू होगा। अरबों की जमीन खाली होनी चाहिए। जो फिलिस्तीनी हैं उनके अधिकारों की प्रस्थापना होनी चाहिए।
आज की बात करें तो पीएम मोदी के द्वारा सात मुस्लिम देशों से जो उन्हें बड़े और प्रमुख अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं उनका भी हिसाब उनके वोटरों के द्वारा मांगा जा रहा है। आज भले ही भारत ने खुलकर इजराइल का समर्थन कर दिया है लेकिन सच तो ये है की वर्तमान लोकसभा सहित आना कई राजनैतिक पार्टियों और उनके विधायकों तथा सांसदों के द्वारा इजराइल के विरोध में सुर उठने शुरू हो चुके हैं, भले ही ये सुर अभी दबी आवाज़ में हैं लेकिन जल्दी ही खुल कर सुनाई देने लगेंगे। फिलहाल तो एक ही विचारधारा और एक ही मजहब के सांसद और विधायक ऐसा कर रहे हैं। इसमें भी उनको समस्या ये आ यही है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए वह खुलकर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
अगर आप भी इसके पीछे का सच जानना चाहते हैं तो अपनी आंख, नाक और कान खुले रखें और राजनीति के अनुसार नहीं धर्म के अनुसार ही सोचें। क्योंकि हिंदू धर्म में राजनीति तो चल सकती है लेकिन भारतीय राजनीति में हिंदू धर्म के अलावा अन्य कोई भी धर्म खुल कर चल सकता है। अब यहां में यह भी बता दूं कि अब जितनी भी खबरें हमारे मीडिया में मिल रहीं हैं या वीडियो दिख रहे हैं उनमें फिलिस्तीन के पीड़ित, पलायन, भूखे, प्यासे लोगों के बारे बैन ही बाते हो रहीं हैं।
इसके अलावा भारतीय मीडिया ने अब इस युद्ध में मानवता को भी घुसा दिया है और इस “मानवता बम” के माध्यम से हमारा मीडिया इस बात को भी अब साफ बता रहा है की वे लोग जो मानवता कर दुश्मन हैं उनमें इजराइल और उसके का समर्थन करने वाले लोग ही दोषी हैं और वे इस समय कई निर्दोषों को मार रहे हैं, उनमें से कई भूखे हैं, प्यासे हैं, और बीमार भी हैं उन निर्दोष बच्चों बुजुर्गों और महिलाओं को मार रहा हैं जिनको इससे कोई लेना देना नहीं है।
– गणपत सिंह, खरगोन, मध्य प्रदेश