दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के विरोध में श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि दिल्ली के रिहायशी इलाकों में शराब की दुकान खोलना किसी भी तरह से उचित नहीं है। अपनी जेब भरने के लिए केजरीवाल इतने लालची हो गए हैं कि आज उन्हें सही और गलत की पहचान तक नहीं है। यही अरविंद केजरीवाल हैं जो महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते थे और अभी भी दूसरे राज्यों में जाकर लोगों को झूठी तसल्ली दे रहे हैं लेकिन क्या दिल्ली के रिहायशी इलाकों में शराब के ठेके खोलने से महिला एवं बच्चे सुरक्षित महसूस करेंगे, इस पर केजरीवाल ने एक बार भी नहीं सोचा।
श्रीमती लेखी ने कहा कि दिल्ली में शराब बांटने वाले केजरीवाल पंजाब में जाकर शराब बंदी की वकालत कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की नींव जो साल 2013 में रखी गई थी, उसे दिल्लीवाले साल 2025 में फेंकने वाले हैं। अरविंद केजरीवाल के जनविरोधी नीतियों और घोटालों के खिलाफ चाहे वह डीटीसी बस घोटाला हो या फिर जलबोर्ड घोटाला हो, आवाज उठाने पर केस कर दिया जाता है और डराया-धमकाया जाता है लेकिन केजरीवाल के इस तानाशाही से भाजपा डरने वाली नहीं है।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पूरी दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य दिल्ली की पूरी जनता को जगाना है और बताना भी है कि केजरीवाल जो यह कहते थे कि दिल्ली के अंदर कोई भी शराब की दुकान खोलेंगे तो वहां कि आरडब्ल्यूए और महिला संगठनों से अनुमति लेंगे या राय लेंगे लेकिन आज बिना राय या अनुमति लिए 850 दुकानें खोलने की तैयारी चल रही है और कई दुकानें खोल भी दी गई हैं।
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उन्होंने कहा कि राजघाट से हमने आंदोलन की शुरुआत की थी और अब यह प्रदेश के सभी मोर्चों के कार्यकर्ता के साथ और ज्यादा बृहद रूप से पूरे दिल्ली में होगा। उन्होंने बताया कि नई आबकारी नीति के खिलाफ हमारे आंदोलन को भरपूर जन समर्थन मिल रहा है। आज महिलाएं, आरडब्ल्यूए और व्यापारी वर्ग का साथ मिल रहा है। आज दिल्ली का एक भी व्यक्ति नहीं चाहता कि वह जहां अपने परिवार के साथ घरेलू बाजार करने जाते हों वहां शराब के ठेके हों। जहां-जहां भी शराब की दुकानें खोली गई हैं, वहां का माहौल खराब हुआ है और साथ ही बाजार पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है।
श्रीमती लेखी ने कहा कि दिल्ली के अंदर 70 प्रतिशत ऐसे इलाकों में शराब की दुकानें खोली जा रही हैं जहां निगम के नियमों और मास्टर प्लान का उलंघन किया गया है। ऐसे में तीनों निगमों ने उन सभी दुकानों को नोटिस देना और उन्हें सील करने का काम भी शुरू कर दिया है।
– जगदम्बा सिंह