Skip to content
5 July 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • धर्मस्थल
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

माँ शारदा ने एक चरवाहे को दिया था दर्शन | Maihar Sharda Peeth

admin 8 January 2022
Maihar Mata Sharda Peeth Mandir 3
Spread the love

मध्य प्रदेश के सतना जिले में चित्रकूट के नजदीक और मैहर शहर में स्थित मैहर की माँ शारदा का शक्तिपीठ मंदिर (Maihar Sharda Peeth) देवी सती के 52 शक्तिपीठों में से एक है। शक्तिपीठ मंदिर के विषय में माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती की देह से उनके गले का हार गिरा था, और क्योंकि यहां माता के गले का हार गिरा था, इसलिए इस शक्तिपीठ के साथ-साथ इस क्षेत्र को भी मैहर यानी ‘मैया का हार’ के नाम से जाना जाने लगा, जो बाद में मैहर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

इस पवित्र तीर्थस्थल और माता मैहर देवी (Maihar Sharda Peeth) की उत्पत्ति के बारे में यहां प्रचलित एक अन्य रोचक दन्तकथा भी प्रचलित है जिसके अनुसार- बताते हैं कि सैकड़ों साल पहले मैहर में एक महान ज्ञानी राजा शासन करता था। वह राजा मां शारदा का परम भक्त था। उसी राजा के राज्य का एक चरवाहा गाय चराने के लिए जंगल की उन पहाड़ियों पर जाया करता था। इस भयावह और सुनसान जंगल में वह निडर होकर अपनी गायों को चराया करता था।

Maihar Mata Sharda Peeth : मैहर शारदा शक्तिपीठ की संपूर्ण जानकारी

Maihar Mata Sharda Peeth Mandir 2एक दिन उस चरवाहे ने देखा कि उसकी गायों के झुण्ड के साथ एक सुनहरी गाय भी कहीं से आ गई और शाम होते ही वह गाय अचानक कहीं चली गई। दूसरे दिन वह चरवाहा फिर से जब इस पहाड़ी पर अपनी गायें लेकर आया, तो देखा कि फिर वही गाय इन गायों के झुण्ड में शामिल होकर चर रही है। उस चरवाहे ने निश्चय किया कि आज शाम को जब यह गाय वापस जाएगी तब उसके पीछे-पीछे मैं भी जरूर जाऊंगा और देखूंगा कि आखिर यह गाय आती कहां से है।

गाय का पीछा करते हुए उसने देखा कि वह पहाड़ी की चोटी में स्थित एक गुफा में चली गई और उसके अंदर जाते ही गुफा का द्वार बंद हो गया। वह चरवाहा वहीं द्वार पर बैठ गया। कुछ देर के बाद वह द्वार खुला तो उसमें से एक बूढ़ी महिला के दर्शन हुए। तब चरवाहे ने आश्चर्यचकित होकर उस बूढ़ी महिला से विनती करते हुए कहा कि- माई, मैं आपकी गाय को चराता हूं, इसलिए मुझे पेट के वास्ते कुछ तो दे दो। आज मैं इसी इच्छा से आपके द्वार पर आया हूं।

बूढ़ी माता अंदर गई और जौ के कुछ दाने उस चरवाहे को देते हुए कहा कि अब तू इस जंगल में अकेले न आया कर। इस पर वह चरवाहा बोला कि- माता मेरा तो काम ही जंगल में गाय चराना है, लेकिन आप इस जंगल में अकेली क्यों रहती हैं? क्या आपको यहां डर नहीं लगता? तो बूढ़ी माता ने उस चरवाहे को हंसते हुए जवाब दिया- बेटा यह जंगल, ऊंचे पर्वत-पहाड़ ही मेरा घर है, वर्षों से इसी तरह मैं यहीं निवास कर रही हूं। क्योंकि देवी शारदा यहां मेरी रक्षा करती है इसलिए मुझे यहां किसी बात का डर नहीं है। इतना कह कर वह बुढ़ी महिला उस गुफा में चली गई और गायब हो गई।

सिकंदर शाह मिरी ने शारदा महाशक्ति पीठ (Sharda Peeth) को किया था तबाह

वैदिक पद्धति और शिक्षा का प्रमुख केंद्र था श्री शारदा महाशक्तिपीठ (Sharda Peeth) मंदिर

चरवाहे ने जब घर आकर जौ के दाने वाली उस पोटली को खोला, तो वह हैरान हो गया। उसमें जौ की जगह हीरे-मोती चमक रहे थे। उस चरवाहे ने सोचा- भला मैं इन सबका क्या करूंगा। सुबह होते ही राजा के दरबार में जाऊंगा और उन्हें इस चमत्कार के बारे में सुनाकर ये सारे हीरे-मोती उन्हें दे दूंगा।

अगले दिन वह चरवाहा उन हीरे-मोतियों को लेकर राजा के दरबार में पहुंचा और अपनी उस आपबीती को सुना दिया। चरवाहे की उस आपबीती कहानी को सुनकर राजा ने दूसरे दिन वहां जाने की घोषणा कर दी और अपने महल में सोने चला गया। उसी रात में राजा को सपना में चरवाहे द्वारा बताई उस बूढ़ी माता के दर्शन हुए।

स्वप्न में उस बुढ़ी माता ने महाराजा को वहां मूर्ति स्थापित करने का आदेश दिया और कहा कि मेरे दर्शन मात्र से सभी लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होगी। सुबह होते ही राजा ने माता के आदेशानुसार सारे कार्य करवा दिए। शीघ्र ही इस स्थान की महिमा चारों ओर फैलने लगी। माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालु कोसों दूरे से आने लगे और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होने लगीं। इसके बाद माता के भक्तों ने उस स्थान पर मां शारदा का मंदिर बनवा दिया। और क्योंकि माता का यह मंदिर मैहर नामक राज्य में बना, इसलिए इसे मैहर वाली देवी माँ शारदा (Maihar Sharda Peeth) का नाम दिया गया।

– मनीषा परिहार, भोपाल

About The Author

admin

See author's posts

1,609

Related

Continue Reading

Previous: Maihar Sharda Peeth : मैहर शारदा शक्तिपीठ की संपूर्ण जानकारी
Next: Maihar Sharda Shakti Peeth की उत्पत्ति के पौराणिक तथ्य

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078323
Total views : 142911

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved