– दुनियाभर में उपहास का पात्र बना चर्च
– चर्च में सेक्स पार्टी (Sex Party) के खुलासे से ब्रिटेन, वेटिकन में हड़कंप
– भारतीय मीडिया ने चर्च की इन ख़बरों को छुपाया
भारत के मीडिया को यदि छोड़ दें तो भारत से बाहर, दुनियाभर के बड़े से बड़े और करीब करीब सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने इस Sex Party की खबर को प्रमुखता से भले ही न लिया हो, लेकिन कुछ विशेष महत्त्व देकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन के सेंट मैरी न्यूकैसल कैथेड्रल में कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में एक एडल्ट पार्टी (Party In Church of London) पर ख़बरें प्रकाशित की हैं।
इस विशेष एडल्ट पार्टी (Party In Church of London) पर दुनियाभर के मीडिया में जो ख़बरें प्रकाशित हो रहीं हैं उनके अनुसार जहां एक और इस पार्टी के खुलासे से उस विशेष धर्म के कुछ अनुयाइयों और उनके धर्म गुरुओं में खलबली मच गई है वहीं चर्च के कुछ अनुयाई इसे मात्र एक आम, साधारण और लॉक डाउन के कानूनों का उल्लंघन बता रहे हैं. उनका मानना है कि इसमें कोई बुराई नहीं है, क्योंकि यह एक खुली मानसिकता वाला धर्म है और इस प्रकार के सम्बन्ध तो कहीं भी बनाये जा सकते हैं।
जबकि दूसरी तरफ इस घटना के खुलासे के बाद ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु जो की पोप कहलाते हैं और उनका मूल निवास स्थान वेटिकन शहर में होता है, वे इस हरकत के खुलासे के बाद से ऐक्शन में आ गए हैं और इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
आरोप है कि इस सेक्स पार्टी (Sex Party) का आयोजन एक माइकल मैककॉय नामक पादरी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान किया था। खबर है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान वह ऊब चुका था और खाली पड़े चर्च में अकेलापन महसूस कर रहा था। उसी अकेलेपन का इलाज खोजते हुए उस पादरी ने चर्च के अंदर सेक्स पार्टी का आयोजन कर दिया था।
खबरों के अनुसार आरोपी पादरी (Sex Party In Church of London) के खिलाफ होने वाली जांच का नेतृत्व लीवरपूल के आर्कबिशप कर रहे हैं। हालाँकि माइकल मैककॉय नामक वह पादरी 57 साल की उम्र में साल 2021 में आत्महत्या कर चुका है। लंदन से प्रकाशित होने वाली खबरों के अनुसार यह खुलासा तब हुआ जब कैथोलिक चर्च के शीर्ष अधिकारी रॉबर्ट बयर्ने के इस्तीफे के खिलाफ जांच शुरू हुई।
रॉबर्ट हेक्हम और न्यूकास्टले के पूर्व बिशप थे। खबरों के अनुसार मैककॉय को चर्च के डीन के रूप में रॉबर्ट का स्थान लेना था. जबकि (Party In Church of London) के आरोपी पादरी मैककॉय के बारे में बताया जा रहा है कि उसने दिसंबर 2020 में चर्च में स्थित अपने निजी निवास में चर्च में आने वाले अनुयायिओं को कथित रूप से ‘सेक्स’ पार्टी’ के लिए आमंत्रित किया था। जबकि उस लॉकडाउन के दौरान किसी भी स्थान पर सार्वजनिक तौर पर भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं थी। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने चर्च के कुछ उपासकों से पूछा था कि क्या वे सेंट मैरी कैथेड्रल से जुड़े परिसर के अंदर ‘एडल्ट पार्टी’ में जाना चाहेंगे.
पश्चिमी मीडिया के अनुसार जब से यह खबर सार्वजनिक हुई है, तभी से बड़ी संख्या में लोग मैककॉय के खिलाफ गवाही देने के लिए सामने आ रहे हैं। संडे टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों द्वारा कई बार इस पार्टी (Party In Church of London) की शिकायत की जा चुकी थी, लेकिन भी कोई सुनने को तैयार नहीं था, लेकिन आज इस बात का खुलासा हुआ है तो हमें ख़ुशी हो रही है। संडे टाइम्स के अनुसार, चर्च के एक सूत्र ने कहा है कि आज यह चर्च दुनियाभर में उपहास का पात्र बन गया है।
खबरों के अनुसार, आरोपी पादरी माइकल मैककॉय ने 57 वर्ष की उम्र में वर्ष 2021 में आत्महत्या कर ली थी। मैककॉय ने आत्महत्या का यह कदम तब उठाया था जब पुलिस ने उसके खिलाफ बाल यौन उत्पीड़न के मामले में जांच शुरू की। आरोपी मैककॉय को डीन के रूप में चुना गया था। जबकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि मैककॉय को डीन के रूप में चुनने वाले रॉबर्ट ने भी उस सेक्स पार्टी में हिस्सा लिया था या नहीं।
यहाँ यदि हम इस पार्टी को लेकर भारत के मीडिया के टेलीविज़न और अखबारों की बात करें तो दरअसल भारतीय मीडिया उसी चर्च मानसिकता और अजेंडे पर ही कार्य करता है और उसके तलवे चाटता है इसलिए चाहते हुए भी इस खबर को नहीं दिखा सकता। लेकिन कुछ छोटे स्तर की वेब समाचार पोर्टल्स यानी वेब साइट आदि ने इस खबर को प्रमुखता से स्थान दिया है, ताकि भारत में रहने वाले हिन्दू भी इस खबर को जान सके कि जो हिन्दुओं के विरोधी धर्म और समुदाय हैं वे कितने पवित्र और ख़ास विचारधार और अध्यात्म के महत्त्व के हैं।
– dharmwani.com