अजय सिंह चौहान || ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) भले ही आज इस मुकाम तक पहुंचने के बाद उन शांतिप्रिय और खामोश हस्तियों के भी मुंह खुलवा कर उनके बयान दिलवाने के लिए प्रसिद्ध हो चुकी है जो पहले कभी मोब लिंचिंग का शोर मचाते रहते थे। एक समय था जब ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) और और उसके कर्ताधर्ता खान साहब ने इसका बहिस्कार कर इससे दूर रहने का भी आदेश दे डाला था। दरअसल, ‘कपिल शर्मा शो’ में हम आज तक जिस कपिल शर्मा को देखते आ रहे है वह तो इसका मात्र एक कर्मचारी ही है। लेकिन, जिस प्रकार से खबरें आ रहीं हैं उनके अनुसार ‘कपिल शर्मा शो’ का मालिक तो उस शांतिप्रिय और सैक्यूलर समाज से ही कोई है।
हालांकि, इस शो में वह शांतिप्रिय और सैक्यूलर व्यक्ति पर्दे के पीछे ही रहता है। लेकिन, किसी भी कंपनी में या किसी भी कार्यालय में होता वही है जा उसका मालिक चाहता है, और ‘कपिल शर्मा शो’ में भी यही हो रहा है। लेकिन, आज इस बात की जानकारी सभी को हो चुकी है कि कपिल शर्मा इस शो के माध्यम से किसी रंग के पट्टे को अपने गले में धारण किये हुए है।
इस समय यदि हम ‘कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) और ‘कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) के बीच चल रहे गर्मागर्म विवाद की बात करें तो यहां हमें विवाद कम और द कश्मीर फाइल्स का प्रचार अधिक से अधिक नजर आता है। यानी ‘कपिल शर्मा शो’ ने इस फिल्म की टीम को अपने सेट पर न बुलाकर जो गलती की है भविष्य में उसका खामियाज न सिर्फ इस शो को बल्कि इस शो के आकाओं और उस संपूर्ण बिरादरी को भी उठाना पड़ेगा।
आज यदी यहां हम कहें कि द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) ने न सिर्फ मुंबईया फिल्म उद्योग और द कपिल शर्मा शो पर बल्कि इसकी लगाम हाथ में रखने वाले उस संपूर्ण शांतिप्रिय और सैक्यूलरवादी समाज पर भी हिंदूत्व की ओर से की गई एक ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक है जो गलती छूटी हुई किसी मिसाइल की भांति नहीं बल्कि पीछले करीब आठ सौ वर्षों के उस अपमान के बदले की शुरूआत के तौर पर है जो आज हमें सिनेमाहालों में सीधे-सीधे दिख रहा है।
देखा जाये तो, जिस समय द कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show) ने इस फिल्म को नजरअंदाज करने की कोशिश की वहीं से इस फिल्म का असली प्रचार प्रारंभ होना प्रारंभ चुका था और वहीं से यह फिल्म भी आम लोगों के सामने आई है। जबकि इसके पहले शायद ही कोई जानता होगा कि ऐसी भी कोई फिल्म बन रही है या आने वाली है। यानी यहां ये भी कह सकते हैं कि इसका असली प्रचारक तो द कपिल शर्मा शो ही है, फिर भले ही उसका तरीका दूसरा रहा हो। यदि फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से किसी ने पूछा ही नहीं होता तो आज हम इस फिल्म को भी उन हजारों फिल्मों की भांति छोड़ देते और भूल जाते।
भारत का सांस्कृतिक अभ्युदय और राष्ट्रवाद
फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने जब अपने एक ट्वीटर यूजर फैंस को मात्र इतना सा ही जवाब दिया कि ‘‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को कपिल ने प्रमोट करने से मना कर दिया है’’ तो बस फिर क्या था, इसके बाद तो सोशल मीडिया पर एकाएक ‘बाॅयकाट कपिल शर्मा’ (The Kapil Sharma Show) ट्रेंड शुरू हो गया था और देखते ही देखते फिल्म का प्रमोशन हिंदू समाज के हर एक आम आदमी ने शुरू कर दिया जो हिंदू-मुस्लिम के बीच के उस असली फर्क को जानता है।
हालांकि कपिल शर्मा शो की असलियत को हर कोई नहीं जानता था लेकिन, इसके बाद तो ऐसी-ऐसी जानकारियां भी सामने आने लगीं जिनके बारे में किसी को भी पता नहीं थीं। कपिल शर्मा (The Kapil Sharma Show) ने इसके लिए अपनी सफाई में जो कुछ भी कहा उसको लेकर भी आम हिंदूओं ने अपने विरोध के रूप में लिया और खिंचाई शुरू कर दी।
उधर भारत का समाचार मीडिया, आज अखबार और टीवी चैनल को बड़े व्यावसाय और उद्योग के रूप में चला रहे हैं। इसलिए उन्होंने भी इस फिल्म का प्रचार करने से परहेज किया। और यह भी एक प्रकार से आग में घी डालने का काम रहा। एनडीटीवी ने तो इस फिल्म को एक छोटी सी खबर के माध्यम से सीधे-सीधे प्रोपगेंडा बता कर निकाल दिया, जबकि कई बेवजह की खबरों को बड़े और खास स्थान देकर उस शांतिप्रिय और सैक्यूलर समाज का ही प्रचार जारी रखा।
आज का संपूर्ण हिंदू समाज उस भ्रमजाल से काफी हद तक निकल चुका है तभी तो उसने उस शांतिप्रिय और सैक्यूलर समाज को द कश्मीर फाइल्स के जरिये सर्जिकल स्ट्राइक कर यह चेतावनी दे दी है कि बस अब बहुत हुआ वह अपमान जो उन्हें पिछले 70 वर्षों से दिया जा रहा है, क्योंकि अब हम भी जाग चुके हैं।