केरल के इस्लाम छोड़ने वालों ने बनाया नया संगठन।
हर वर्ष जनवरी की 9 तारीख को घोषित किया ‘पूर्व मुस्लिम दिवस’।
अब तक 300 जुड़ चुके हैं ‘एक्स-मुस्लिम आफ केरल’ (Ex-Muslim of Kerala) से।
दक्षिण भारत के केरल जैसे उस राज्य में, जहां की राज्य सरकार वैचारिक तौर पर हिंदू विरोधी मानी जाती है, वहां 300 लोगों ने इस्लाम को छोड़ कर अपना एक नया संगठन बना लिया है ‘एक्स मुस्लिम आफ केरल’ (Ex-Muslim of Kerala)। यह खबर भले ही कुछ लोगों को हैरान करने वाली लगती हो लेकिन यह सच है।
‘एक्स मुस्लिम आफ केरल’ (Ex-Muslim of Kerala) का उद्देश्य भविष्य में न सिर्फ अपनी एकता और आपसी मेलजोल के लिए है बल्कि, इस्लाम छोड़ कर आने वाले उन सभी लोगों को कानूनी और आर्थिक सहायता प्रदान करना और समाज में सम्मान दिलाने का भी रहेगा। (Ex-Muslim of Kerala) ने हर वर्ष 9 जनवरी को ‘पूर्व मुस्लिम दिवस’ के रूप में मनाने की भी घोषणा करके सभी को हैरत में डाल दिया है।
Ex-Muslim of Kerala : ‘एक्स’ बनते मुस्लिमों ने कट्टरता को दी मात
केरल के कोच्चि में 9 जनवरी को मिले अन्य ‘पूर्व मुस्लिम’ सदस्यों ने भी इस फैसले का खुल कर समर्थन किया है। इस एक्स मुस्लिम आफ केरल (Ex-Muslim of Kerala) संगठन के अध्यक्ष लियाक्कथली सी एम (स्पलंाांजींसप ब् ड) ने कहा है कि देश में यह पहली बार है जब इस तरह का कोई आधिकारिक संगठन बनाया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार संगठन के अध्यक्ष लियाक्कथली सी एम (Liyakkathali C M) ने कहा है कि हमने 10 सदस्यीय कार्यकारी समिति का गठन किया है। इसका सदस्यता अभियान जारी है। शुरुआत में हमने इसमें फिलहाल 300 ऐसे मुसलमानों की पहचान की है जो वर्षों पहले ‘एक्स मुस्लिम’ हो चुके हैं। उन्होंने हमारे इस संगठन का खुले तौर पर समर्थन किया है।
लियाक्कथली ने आगे कहा कि संगठन का उद्देश्य इस्लाम छोड़ने वालों को न सिर्फ नैतिक समर्थन प्रदान बल्कि कानूनी सहायता प्रदान करना भी है, क्योंकि कई मुस्लिम ऐसे भी हैं, जो इस्लाम की खामियों का हवाला देते हुए ‘एक्स मुस्लिम’ तो हो चुके हैं, लेकिन, सार्वजनिक रूप से इस तथ्य को स्वीकारने से डरते हैं, क्योंकि ‘एक्स मुस्लिम’ को सामाजिक बहिष्कार के अलावा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
कई ‘एक्स मुस्लिम’ अपना धर्म छोड़ने के बाद भी अपनी पहचान छिपाकर जीने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके परिवार वालों ने भी उनसे मुंह फेर लिया है। कई पूर्व मुस्लिमों ने माना है कि कार्यस्थलों पर उनकों स्वीकार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हम उन ‘एक्स मुस्लिम’ लोगों को संगठन की तरफ से समर्थन और साहस देना चाहते हैं, जो अपने धर्म को छोड़ने के इच्छुक हैं।
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