अजय सिंह चौहान || उज्जैन हमारे धर्म, अध्यात्म और पौराणिक इतिहास की सबसे पवित्र, पावन और पवित्र नगरियों में से एक। शायद इसीलिए यह मंदिरों का प्रमुख नगर भी है। उज्जैन के बारे में एक प्रचलित है कहावत है कि, “अगर कोई, उज्जैन में एक बोरी भर कर चावल ले जाये और यहां के हर एक सिद्ध और प्रसिद्ध मंदिर में एक-एक दाना भी चढ़ाये, तब भी दाने कम पड़ जायेंगे, लेकिन, मंदिरों की संख्या कम नहीं होगी”। इस कहावत के अलावा उज्जैन न सिर्फ धार्मिक नगरी है बल्कि यह अनेकों ऐतिहासिक स्थानों और पर्यटन स्थानों के लिहाज से भी प्रसिद्ध है।
ऐसी पवित्र और प्रसिद्ध उज्जैन नगरी में जाकर अगर आप भी धन्य होना चाहते हैं तो कम से कम समय में तो यहां के सभी मंदिरों में दर्शन करना संभव नहीं है, लेकिन, आप यहां जाकर सिर्फ और सिर्फ, श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ही दर्शन करना चाहते हैं तो आप के लिए यहां एक दिन का समय ठीक रहेगा। और, अगर आप यहां के कुछ अन्य महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध गिने-चुने मंदिरों और धर्म स्थानों के दर्शन करना चाहते हैं या घुमना चाहते हैं तो उसके लिए यहां आपको कम से कम एक दिन और लग सकता है।
उज्जैन के अनगिनत दर्शनीय स्थलों पर जाना तो संभव नहीं है लेकिन, यहां आपको कम से कम 3 से 4 दिनों का समय निकलकर लगभग सभी पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के सिद्ध, प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्थानों के दर्शन करने का अवसर मिल जाता है।
उज्जैन कोई बहुत बड़ा व्यावसायिक शहर नहीं है बल्कि एक प्राचीन और पौराणिक महत्व का तीर्थ स्थान है। इसलिए यहां लगभग हर गली और चैराहे पर कोई न कोई मंदिर देखने को मिल ही जाता है। ऐसे में अगर आप उज्जैन दर्शन के लिए सुबह लगभग 7 बजे भी निकलते हैं तो शाम तक आसानी से इन सभी विशेष और गिने-चुने स्थानों की सैर कर सकते हैं।
उज्जैन के ये सभी प्रमुख धार्मिक स्थान आपको लगभग 80 से 90 किलोमीटर की यात्र में आसानी से कवर हो जाते हैं। लेकिन, उसके लिए आपको यहां के किसी भी टैक्सी स्टैंड पर जाकर संपर्क करना होगा जहां से आप ‘उज्जैन दर्शन’ के लिए अपनी सुविधा के अनुसार कार या टैक्सी आदि बुक करते हैं।
‘उज्जैन दर्शन’ (Ujjain Darshan) पैकेज के हिसाब से यहां आपको 4 सीट वाली कार के लिए लगभग 80 किलोमीटर तक का 1,800 रुपये से 2,000 रुपये तक लग जाता है। लेकिन, अगर आप यहां कोई 6 सीट वाली कार बुक करते हैं तो उसके लिए आपको 3,000 हजार रुपये तक लग जायेंगे। हालांकि, इसमें भी अगर आप उनसे मोलभाव करेंगे तो कुछ कम भी हो सकता है।
जिनमें श्री महाकालेश्वर मंदिर, श्री हरसिद्धि मंदिर, श्री बड़े गणेश मंदिर, श्री नवगृह मंदिर, श्री चारधाम मंदिर, श्री राम जनार्दन मंदिर, श्री गोपाल मंदिर, श्री चिंतामन गणेश, श्री गढ़ कालिका मंदिर, श्री काल भैरव, श्री सिद्धवट, श्री भ्रतहरी गुफा, श्री मंगलनाथ मंदिर, श्री संदीपनी आश्रम, वेधशाला यानी जंतर-मंतर, श्री चैबीस खम्भा माता मंदिर, कलियादेह पैलेस, शिप्रा नदी का रामघाट, एवं इस्कोन मंदिर जैसे कुछ प्रमुख मंदिर और स्थान हैं।
लेकिन, अगर आपका बजट इससे भी कम है तो आपके लिए यहां चलने वाली ‘उज्जैन दर्शन’ बस की सुविधा सबसे उत्तम हो सकती है। क्योंकि यहां आने वाले अधिकतर यात्री इसी बस सेवा से ‘उज्जैन दर्शन’ (Ujjain Darshan) का आनंद लेते हैं। ‘उज्जैन दर्शन’ के नाम से चलने वाली यह बस 40 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर प्रति दिन देवास गेट बस अड्डे से प्रातः 7 बजे और दोपहर 2 बजे चलती है।
कैसे पहुंचे – उज्जैन शहर रेलवे नेटवर्क के द्वारा देश के सभी शहरों से जुड़ा है। कई प्रमुख शहरों से सीधे उज्जैन तक पहुँचने के लिए सीधी रेल सेवा है। लेकिन, अगर किसी शहर से सीधे उज्जैन तक यह सेवा नहीं भी है तो आप नागदा जंक्शन, या फिर इंदौर या देवास होते हुए भी उज्जैन तक जा सकते हैं। नागदा, इंदौर या फिर देवास जैसे शहरों से उज्जैन की दूरी अधिक नहीं है इसलिए चाहें तो बस से भी जा सकते हैं।