नव शरीर की संरचना इतनी जटिल रहस्यमयी और अकल्पनीय है कि पूरा का पूरा शरीर छोटे-छोटे अनगिनत कणों से संचालित और क्रियाशील रहता है। मानव को भूख, प्यास, निद्रा, सोचने, समझने और याद रखने जैसी क्रियाएं स्वतः ही घटित होती रहती हैं और ये घटनायें नियमित और निरंतर होती रहती हैं। हमारा शरीर निद्रा अवस्था में भी न केवल अपने आप काम करता है बल्कि मनुष्य द्वारा किये गये दिनभर के कृत्य और आने वाली संभावनाओं का भी चिंतन-मनन करता रहता है।
मनोवैज्ञानिकों की भाषा में अगर कहा जाये या समझा जाये तो यह चेतन और अचेतन मन द्वारा की गई क्रियाओं के द्वारा संचालित होता रहता है और स्वप्न के माध्यम से परिलक्षित होता रहता है। वह स्वपन अवस्था में मानव लोक-परलोक दोनों देखता और भांपता है। अधिकतर स्वप्न की अवस्थाएं वर्तमान काल से संबंध रखती हैं परंतु पवित्र मन, पवित्र आत्माएं और आध्यात्मिक व्यक्तित्व लिए हुए मानव भविष्य काल की घटनाओं को भी इशारों-इशारों में भांप सकता है। स्वप्न अवस्था में केवल व्यक्ति विशेष ही यह जान सकता है कि वह स्वप्न देख रहा है या भ्रमित हकीकत के दौर से गुजर रहा है।
देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने विशेषकर मनोवैज्ञानिकों ने स्वप्न को कई प्रकार से अध्ययन करने का प्रयास किया है, जैसे कि सोते वक्त बाहरी वातावरण का प्रभाव, अधिक सोचने का प्रभाव, अधिक बुना उधेड़ी वाली दिनचर्या का प्रभाव, चंचल व अनियमित प्रभाव, आध्यात्मिक व्यक्तित्व का प्रभाव इत्यादि-इत्यादि।
स्वप्न के विषय में सबसे महत्व की खोजें डाक्टर सिगमंड फ्रायड ने की हैं। उन्होंने अपने अध्ययन से यह निर्धारित किया कि मनुष्य के भीतरी मन को जानने के लिए उसके स्वप्नों को जानना नितांत आवश्यक है। ‘इंटरप्रिटेशन आॅफ ड्रीम्स आॅव ड्रीम्स’ नामक अपने ग्रंथ में उन्होंने यह बताने की चेष्टा की है कि जिन स्वप्नों को हम निरर्थक समझते हैं, उनके विशेष अर्थ होते हैं। उन्होंने स्वप्नों के संकेतों के अर्थ बताने और उनकी रचना को स्पष्ट करने की चेष्टा की है। उनके कथनानुसार स्वप्न हमारी उन इच्छाओं को सामान्य रूप से अथवा प्रतीक रूप से व्यक्त करता है जिसकी तृप्ति जागृत अवस्था में नहीं होती।
पिता की डांट के डर से जब बालक मिठाई और खिलौने खरीदने की अपनी इच्छा को प्रकट नहीं करता तो उसकी दबी इच्छा स्वप्न के द्वारा अपनी तृप्ति पा लेती है। जैसे-जैसे मनुष्य की उम्र बढ़ती जाती है, उसका समाज का भय जटिल होता जाता है। इस भय के कारण वह अपनी अनुचित इच्छाओं को न केवल दूसरों से छिपाने की चेष्टा करता है वरन वह स्वयं से भी छिपाता है।
डाक्टर फ्रायड के अनुसार मनुष्य के मन के तीन भाग हैं। पहला भाग वह है जिसमें सभी इच्छाएँ आकर अपनी तृप्ति पाती हैं। इनकी तृप्ति के लिए मनुष्य को अपनी इच्छा शक्ति से काम लेना पड़ता है। मन का यह भाग चेतन मन कहलाता है। यह भाग बाहरी जगत से व्यक्ति का समन्वय स्थापित करता है।
मनुष्य के मन का दूसरा भाग अचेतन मन कहलाता है। यह भाग उसकी सभी प्रकार की भोगेच्छाओं का आश्रय है। इसी में उसकी सभी दमित इच्छाएँ रहती हैं। उसके मन का तीसरा भाग अवचेतन मन कहलाता है। इस भाग में मनुष्य का नैतिक स्वत्व रहता है। डाक्टर फ्रायड ने नैतिक स्वत्व को राज्य के सेन्सर विभाग की उपमा दी है। जिस प्रकार राज्य का सेंसर विभाग किसी नए समाचार के प्रकाशित होने के पूर्व उसकी छानबीन कर लेता है।
डाक्टर फ्रायड का कथन है कि स्वप्न के दो रूप होते हैं – एक प्रकाशित और दूसरा अप्रकाशित। जो स्वप्न हमें याद आता है वह प्रकाशित रूप है।
प्रमुख अवस्थाएं तीन होती हैंः-
जागृत, सुषुप्ति और स्वप्न। सजग रहते हुए क्रियाशील होने को जागृत अवस्था कहते हैं। सोने अर्थात गहरी निद्रावस्था को सुषुप्ति तथा सोने और जागने (सुषुप्ति एवं जागृत) के बीच की अवस्था ही स्वप्न कहलाती है। स्वप्न कई प्रकार के होते हैं। जैसेः- अच्छे फल वाले, अशुभ समय का पूर्वाभास कराने वाले, तो कुछ निष्फल भी होते हैं।
स्वप्न हमारे मन की उपज होती है और स्वप्न पर किसी का काबू नहीं होता है इसलिए जो स्वप्न हम देखते हैं उनके फल के बारे मे तो अवश्य जान सकते हैं।
शुभ स्वप्न –
– सपने में लड़की दिखना शुभ माना जाता है।
– सपने में खुद को पुस्तक पढ़ते देखना मान-सम्मान और प्रतिष्ठा के संकेत मिलते हैं।
– सपने में दिया सलाई देखना भाग्योदय का सूचक होता है।
– जो व्यक्ति सपने में आग देखता है उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है।
– सपने में सफेद दाढ़ी देखना शुभ माना जाता है।
– अगर कोई सपने में अपना अपमान होते देखे तो आगामी जीवन में वह ढेर सारी उन्नति करता है।
– सपने में तीर्थ यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है और यह मान-सम्मान भी बढ़ाता है।
– सपने में अंडे देखना सफलता मिलने के संकेत है।
– सपने में किसी को बिच्छू काट ले तो उसे धन की प्राप्ति होती है।
– सपने में पूजा-पाठ करता देखें तो शुभ माना जाता है।
– स्वप्न में खुद को किसी वृक्ष पर चढ़ते हुए देखते हैं तो कहीं से अचानक धन प्राप्त हो सकता है।
– स्वप्न में नृत्य करती हुई स्त्री अथवा कन्या दिखाई देती है तो यह भी धन प्राप्ति का संकेत माना जाता है।
– अगर कोई व्यक्ति सपने में खुद को तैरते हुए देखे तो यह उसके जीवन में होने वाले शुभ कार्य का संकेत है।
– सपने में काफल दिखे तो यह आयु बढ़ने का संकेत होता है।
– सपने में अपने भाई को देखने से भाई की आयु बढ़ती है।
– स्वप्न में कानों में बाली या कानों में बाली धारण किए हुए देखते हैं तो यह भी धन प्राप्ति का संकेत है। स्वप्न में खुद को अंगूठी पहने हुए देखते हैं तो आपको धन लाभ हो सकता है।
– स्वप्न में स्वयं को या किसी और को पूजा-पाठ करते देखें तो समझना चाहिए कि आपको कोई बड़ा लाभ या खुशी होने वाली है।
– खाने-पीने की चीजों के स्वप्न दिखें तो यह स्थान परिवर्तन का संकेत है।
– सपने में खुद को रोते हुए देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार जल्द ही आपको खुशियां मिलेंगी।
अशुभ स्वप्न –
– सपने में खुद के बाल कटते हुए देखना अशुभ माना जाता है।
– खुद को घोड़े से गिरते हुए देखना बहुत ही अशुभ होता है।
– सपने में काला नाग-सांप दिखना अशुभ होता है।
– सपने में आप खुद को ठहाके लगाकर हंसते हुए पाएं तो समझ जाएं कि जल्द ही आपको किसी दुखद स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
– सपने में झाड़ू दिखना अशुभ होता है, झाड़ू दिखना आर्थिक कमी का संकेत होता है।
– सपने में काला भैंसा दिखना बहुत ही खराब माना जाता है।
– सपने में कौआ नजर आता है तो यह काफी अशुभ होता है।
– सपने में खुद को यात्रा करते हुए देखना अशुभ होता है।
– सपने में मुंडन करवाते हुए देखना काफी अशुभ होता है।
– सपनों में कोई सूखे फूलों की माला पहनाता है तो यह भी अशुभ होता है।
– सपनों में यदि खुद को गधे की सवारी करते हुए देखते हैं तो यह मृत्यु का सूचक माना जाता है।
– सपने में सफेद कपड़ा देखना वियोग का संकेत माना जाता है।
– सोना, जेवर, गहने से सम्बंधित स्वप्न दिखे तो यह बीमारी का संकेत है।
– सपने में आंवला देखते हैं और उसे खाते नहीं तो आपकी इच्छा अधूरी रह सकती है।
– सपने में इमली खाते हुए दिखना पुरुष के लिए अशुभ माना जाता है।
– सपने में बिल्ली देखना कपट और विश्वासघात का सूचक है।
– सपने में छिपकली को शिकार करते हुए, कीड़े-मकोड़े खाते या हमला करते हुए या सपने में छिपकली को मारना छिपकली से डरना या रेंगती हुई छिपकली के सपने आते हैं तो बहुत ही अशुभ माने जाते हैं।
– सपने में फटी हुई जेब देखना या चोरी होते देखना धन हानि का संकेत है।
– सपने में पर्स का खोना भी निकट भविष्य में आने वाली आर्थिक परेशानी का संकेत देता है।
– सपने में खाली दुकान देखना भी पैसों संबंधी परेशानियों के बारे में बताता है।
– सपने में उल्लू को देखना भी अच्छा नहीं माना गया है।
– सपने में यदि स्वयं को घर का फर्नीचर या खिड़की आदि तोड़ते हुए देखें तो शीघ्र ही उसकी स्थिति भिखारी जैसी हो सकती है।
– सपने में चिड़िया को रोते हुए देखते हैं तो शीघ्र ही वह सड़क पर आ सकता है यानी उसका धन, वैभव व ऐश्वर्य आदि सभी कुछ नष्ट हो सकता है।
– स्वप्न में स्वयं को पाताल में देखना भयंकर मुसीबतों और कठिनाइयों का सूचक है।
– सपने में दुर्घटना देखने का अर्थ है कि आप निजी कठिनाइयों से घिर जाएंगे।
– सपने में व्यभिचार दिखना आने वाली मुसीबतों का लक्षण है।
वैसे तो शुभ और अशुभ स्वप्नों की न कोई गिनती है और न ही कोई ठोस फलादेश की कुंजी है मगर फिर भी ज्ञानी पुरुष आचार, व्यवहार, वातावरण, परिस्थितियां और अनुभव के आधार पर सटीक फलादेश को इंगित कर सकता है परंतु व्यक्ति विशेष स्वयं ही स्वप्नफल का चिंतन-मनन कर ज्यादा सटीक व्याख्या कर सकता है क्योंकि उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, प्रकाशित या अप्रकाशित, वातावरण व परिस्थितियों का ज्ञान इत्यादि की सही-सही जानकारियां होती हैं। मात्र शुभ-अशुभ उपरोक्त में दिये हुए इशारों को समझकर विश्लेषण कर सकता है और पूर्वाभास का लाभ उठा सकता है।
संकलन- श्वेता वहल