कृति ने शरीर की संरचना इस प्रकार की है कि चाहे जैसा वातावरण हो, मौसम हो, कोई भी क्षेत्र हो या शरीर का तापमान हो, हमेशा 36.8 डिग्री (98.4 डिग्री) के बराबर ही रहता है । यह शरीर का तापमान स्वस्थ शरीर में स्वतः ही बना रहता है। पसीना (Sweating) आना जितना स्वाभाविक है व आवश्यक सेहत के लिए उतना ही जरूरी भी है।
कुछ भी समझने से पहले ये जानिए कि पसीना (Sweating) होता क्या है और ये क्यों निकलता है। दरअसल, पसीना शरीर से निकलने वाली पानी की छोटी-छोटी बूंदें होती हैं जिनमें अमोनिया, यूरिया, नमक और चीनी आदि मौजूद होती है। जब भी हमारे शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो स्वेट ग्लैंड्स शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय हो जाती हैं और शरीर से पानी सोखकर त्वचा की ऊपरी सतह तक पहुंचाती हैं। शरीर से निकलने वाला ये पानी ही हमें हीट स्ट्रोक जैसे खतरे से भी बचाता है। इस पानी को ही हम सामान्य भाषा में पसीना कहते हैं।
शरीर से पसीना (Sweating) निकलना असहज महसूस करा सकता है लेकिन ये सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। गर्मी के मौसम में हर इंसान चाहता है कि उसका शरीर ठंड़ा रहे और पसीना न निकले। इससे बचने के लिए वह पंखा, कूलर और एसी की व्यवस्था भी करता है लेकिन क्या आपको पता है कि शरीर से पसीना निकलने से भले ही आप असहज महसूस करते हों लेकिन यह आपकी हेल्थ के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
यदि आपके शरीर से पसीना (Sweating) निकलता है, तो यह आपको कई तरह के लाभ पहुंचा सकता है. अच्छे हार्माेन्स को बढ़ाता है। जब आप एक्सरसाइज या कोई मेहनत वाला काम करते हैं तो आपको अच्छा महसूस होता है। इस हार्माेन को ‘एंडाॅर्फिन’ के नाम से जाना जाता है- ये एक ऐसा हार्माेन होता है, जो हमारे खुश होने पर बाहर निकलता है। कुल मिलाकर बात ये है कि पसीना बहाकर आप खुश रह सकते हैं।
हमारा शरीर एक तरह की मशीन है। अगर आप इसकी रेगुलर सफाई नहीं करेंगे, तो ये मशीन जल्दी खराब हो जाएगी इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर अच्छी तरह काम करता रहे और आप स्वस्थ रहें तो आपको अपने शरीर को डिटाॅक्सिफाई करना चाहिए। इसका सबसे आसान तरीका है पसीना बहाना। पसीना (Sweating) बहाने से आपके शरीर के अंदर के टाॅक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। चूंकि, पसीना (Sweating) आपकी त्वचा के रोम छिद्रों से बाहर निकलता है इसलिए आपके रोमछिद्र भी साफ हो जाते हैं और त्वचा लंबे समय तक खूबसूरत और जवान बनी रहती है।
व्यक्ति का मूड चेहरे और त्वचा पर दिखता है क्योंकि मूड कोलेजन उत्पादन को प्रभावित करने में सक्षम है। वर्कआउट के दौरान पसीना (Sweating) आने से मूड बेहतर होता है। भारी व्यायाम शरीर में अधिक एंडोर्फिन छोड़ने में मदद करता है, यह एक हैप्पी हार्माेन है जो खुशी को दोगुना कर देता है और एक्सरसाइज करने के बाद नींद भी आती है।
पसीना (Sweating) प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। पसीने में 95 प्रोटीन की पहचान की गई, उनमें से 20 नोवल डिफेंस प्रोटीन थे। एक अध्ययन से पता चलता है कि डर्मसीडिन सबसे प्रचूर मात्रा में स्वेट प्रोटीन छोड़ता है। डर्मसीडिन में विशेष रूप से पसीने की ग्रंथियां हैं जो पसीने का स्राव करती हैं और त्वचा की सतह तक पहुंचते हैं।
आपको पसीना (Sweating) नहीं आ रहा है तो इसका मतलब है कि आपके पोर्स बंद हैं और आपकी त्वचा पर मुहांसे (Acne) होने वाले हैं। साथ ही जब आपको अधिक पसीना आता है तो आपको अधिक प्यास भी लगती है। इस वजह से आप ज्यादा पानी पीते हैं, जो कई मायनों में आपके शरीर की लिए लाभकारी होता है। दो मुख्य प्रकार के पसीना ग्रंथियां हैं जो उनकी संरचना, कार्य, गुप्त उत्पाद, विसर्जन की तंत्र, शारीरिक संरचना और प्रजातियों में वितरण में भिन्न होती हैं।
जब भी आपको पसीना (Sweating) आता है तो आपके शरीर से काफी मात्रा में मिनरल्स और नेचुरल साॅल्ट बाहर निकालता है, जो एक नेचुरल सब्स्टिट्यूट का काम करता है। इसकी मदद से आपके ब्लाॅक्ड पोर्स खुल जाते हैं और आपकी त्वचा में मौजूद सारी धूल-मिट्टी भी बाहर आ जाती है। साथ ही रूखी त्वचा और एलर्जी वाले लोगों के लिए भी पसीना काफी लाभकारी होता है।
पसीने के फायदे वजन घटाने से लेकर शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने तक, कई तरह से हमारे लिए अहम हैं-
– वजन घटाने में मददगार:- पसीने के साथ-साथ शरीर की अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न होती है। यही वजह है कि ढेर सारी कसरत करके या स्टीम बाथ को तमाम वेट लाॅस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया जाता है। कसरत के बाद जितना अधिक पसीना बहेगा उतनी अधिक कैलोरी घटेगी।
– शरीर की सफाईः- शरीर में इकट्ठा हुए कई टाॅक्सिक तत्व पसीने के साथ बाहर निकल जाते हैं। इससे किडनी, लिवर और आंतों की सफाई होती रहती है और इनसे संबंधित समस्याओं से बचाव होता है।
– तनाव से राहतः- तनाव से राहत पाने के लिए भी पसीना निकलना जरूरी है। यही वजह है कि तनाव के दौरान कसरत व शारीरिक श्रम पर जोर दिया जाता है जिससे शरीर से पसीना निकले और शरीर का ताप कम हो इससे स्ट्रेस दूर होता है।
खुश रहने के लिए शरीर से पसीना निकलते रहना ही एक उपयुक्त समाधान है –
– शरीर का केमिकल बैलेंसः- पसीने के साथ शरीर से अतिरिक्त सोडियम व पोटैशियम भी बाहर निकलता है जिससे शरीर में इनका बैलेंस बना रहता है। इससे हृदय से लेकर हड्डियों के रोगों से बचाव होता है।
– रक्त संचारः- बहुत अधिक पसीने की वजह से त्वचा को रक्त की ज्यादा जरूरत पड़ती है जिससे सभी अंगों में रक्त का संचार तेजी से होता है यानी रक्त संचार ठीक रखने के लिए थोड़ा पसीना फायदेमंद है।
– त्वचा को फिर से जीवंत करता हैः- ह्यूमिड फीलिंग के अलावा पसीना आने की वजह से आपकी त्वचा को फ्रेश महसूस होता है. अगर कभी भी वर्कआउट के बाद या फिर काफी देर तक चलने के बाद शीशे में देखा होगा तो जरूर इस बात पर ध्यान दिया होगा कि इतना पसीना बहाने के बाद त्वचा ग्लो कर रही है और जीवंत दिख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी त्वचा पूरी तरह से हानिकारक चीजों से मुक्त हो जाती है।
– पसीना आना त्वचा के एक्सफ्लोएटिंग के बराबर हैः- जब भी पसीना आता है तो आपके शरीर से काफी मात्रा में मिनरल्स और नेचुरल साॅल्ट बाहर निकालता है जो एक नेचुरल सब्स्टिट्यूट का काम करता है। इसकी मदद से ब्लाॅक्ड पोर्स खुल जाते हैं और त्वचा में मौजूद सारी धूल-मिट्टी भी बाहर आ जाती है। साथ ही रूखी त्वचा और एलर्जी वाले लोगों के लिए भी पसीना काफी लाभकारी होता है।
– पसीने से आपके शरीर के टाॅक्सिन बाहर निकलते हैंः- पसीना आने से आपके शरीर में मौजूद सभी हानिकारक टाॅक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। अगर ये टाॅक्सिन्स पसीने के रूप में बाहर नहीं निकलते हैं तो इससे आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। इस कारण आपको पिंपल, मुहांसे और ब्लाॅक्ड पोर्स की समस्या हो सकती है।
इसलिए शरीरिक श्रम प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक उतना ही आवश्यक है जितना हमारे शरीर के लिए हवा, पानी व भोजन। पसीना निकाले और स्वस्थ और खुश रहने की दिशा में सीढ़ी और चढ़े।
संकलन – सम्पदा जैन