हमारे शास्त्रों में मुख्य रूप से भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन आता है इन सभी 24 अवतारों की उपासना अलग-अलग कार्य की सिद्धि के लिए की जाती है। और यह भी मान्यता है कि जिस अवतार में जिस गुण की प्रधानता रहती उस गुण से संबंधित कार्य उस अवतार की उपासना से जल्दी सिद्ध होते हैं।
यहां पर हम उन सभी 24 अवतारों के नामों के साथ यह भी चर्चा करेंगे कि उनकी उपासना कौन-कौन से विशेष कार्यों के लिए की जा सकती है –
01. सनकादि अवतार : ब्रह्म ज्ञान।
02. वराह अवतार : भूमि संबंधित समस्या।
03. नारद अवतार : अखंड भक्ति, ज्योतिष ज्ञान, पंचरात्र विधि सिद्धि के लिए।
04. नर नारायण अवतार : तपस्या की सिद्धि के लिए।
05. कपिल अवतार : सांख्य योग ज्ञान।
06. दत्तात्रेय अवतार : अवधूत ज्ञान, तंत्र मंत्र का ज्ञान।
07. यज्ञ अवतार : संपूर्ण मनोकामना।
08. ऋषभ अवतार : ब्रह्म ज्ञान।
09. पृथु अवतार : कृषि संबंधित समस्या।
10. मत्स्य अवतार : लुप्त होती चीजो की रक्षा के लिए।
11. कूर्म अवतार : स्थिरता के लिए।
12. धनवंतरी अवतार : आरोग्यता की प्राप्ति के लिए।
13. मोहिनी अवतार : रूप सौंदर्य व आकर्षण की प्राप्ति के लिए।
14. भगवान नरसिंह : शत्रु विजय, तंत्र-मंत्र आदि सुरक्षा के लिए।
15. वामन अवतार : सब जगह से हार जाने के बाद अंतिम शरण।
16. हयग्रीव अवतार : विद्या प्राप्ति के लिए।
17. बलराम अवतार : पराक्रम प्राप्ति।
18. परशुराम अवतार : शस्त्र विद्या के ज्ञान के लिए और पराक्रम की प्राप्ति के लिए।
19. वेदव्यास अवतार : शास्त्र ज्ञान के लिए।
20. हंस अवतार : मोक्ष धर्म के ज्ञान के लिए।
21. श्री राम अवतार : सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए।
22. श्री कृष्ण अवतार : सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए।
23. बुद्ध अवतार : बुद्धत्व की प्राप्ति के लिए।
24. कल्कि अवतार : कलियुग के दोषो से रक्षा के लिए।
– संकलन