यह मामला है उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मज़दूरों को रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अर्नाल्ड डिक्स से जुडी हुई। फोटो में दिख रहे पीली जैकेट पहने महाशय हैं अर्नाल्ड डिक्स जो बाबा बौखनाथ जी के मंदिर के आगे घुटनों पर बैठे है और स्थानीय पंडित जी से परंपरागत पूजा करवा रहे हैं।
विदेशी टनल एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स जितने बार भी टनल (Uttarkashi tunnel collapse) के अंदर गए और बाहर निकले, उतनी बार पास वापस स्थापित पूजा स्थल के आगे घुटनों पर बैठकर हाथ जोड़े और आंख बंद करके अरदास किया। विदेशी मीडिया ने तो इस विषय पर खूब रिपोर्ट्स प्रसारित की हैं, लेकिन भारतीय मीडिया को क्या दिक्कत है पता नहीं।
दरअसल, उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मज़दूरों को रेस्क्यू ऑपरेशन कर के निकाले के लिए जिस विशेषयज्ञ को लगाया गया था उसका नाम है अर्नाल्ड डिक्स। और अर्नाल्ड डिक्स ने भारत की उन सुपर नेचुरल शक्तियों पर शत प्रतिशत भरोशा किया जिनपर एक आम सनातनी हिन्दू तो भरोशा करता है लेकिन तथाकथित हिन्दू सरकार नहीं।
आश्चर्य तो इस बात का भी है कि किसी अन्य धर्म का एक विदेशी व्यक्ति बाबा बौखनाथ जी के मंदिर के आगे घुटनों पर बैठकर सार्वजनिक तौर पर प्रार्थना करता है लेकिन हिंदूवादी सरकार के किसी भी नेता ने वहां ऐसा क्यों नहीं किया? क्या वे हिन्दू नहीं हैं या फिर हिन्दुओं के वोटों से बनी एक विधर्मी सरकार है?
आश्चर्य की बात है कि अमेरिकन मीडिया के अनुसार, इन्हीं अमेरिकी एक्सपर्ट ने आते ही टनल के मुहाने से हटाए गए पूजा स्थल को वापस रखवाया था और कहा कि हिमालय ने गुस्सा दिखाया है और हमारे मजदूरों को बंधक बनाया है। अब हिमालय ही जब चाहेगा, तब उनको छोड़ेगा। जबकि भारतीय मीडिया ने कहा है की गांव वालों ने उस मंदिर को वहां फिर से रखा है। और गांव वाले स्वयं भी यही कह रहे हैं की मंदिर को इन्हीं अमेरिकी एक्सपर्ट महाशय ने वहां पर फिर से रखवाया है।
हुआ भी ऐसा ही। अमेरिका से मंगाई गई “आगर” नाम की मशीन भी पहली बार किसी मिशन पर टूट गया और दरवाजे तक पहुंचकर भी सारे एक्सपर्ट लाचार हो गए थे।
इस मशीन के बारे में दावे किए जाते हैं की यह पत्थरों को भी काटकर उनमें आसानी से घुस जाती है। लेकिन यहां तो कच्चे और गीले पहाड़ हैं। फिर भी काम नहीं कर सकी और हर पांच सात फीट के बाद इसके पुर्जे टूट रहे थे।
विदेशी मीडिया के अनुसार, अमेरिकी टनल विशेषज्ञ ने काम शुरू करने से पहले ही कह दिया था कि उन्होंने मां काली से एक डील की है। क्योंकि वे स्थिति को जानते हैं। संभव ही की शायद भविष्य में वे उस आध्यात्म अनुभव को साझा भी करेंगे।
अमेरिकन मीडिया के अनुसार, मिशन पूरा होने वाले दिन भी अर्नाल्ड ने उस छोटे से चबूतरे वाले मंदिर में देवी, भोलेनाथ और बाबा बौखनाथ की पूजा की और बहुत देर तक वहीं बैठे रहे। लेकिन भारतीय मीडिया को या तो इन बातों की जानकारी नहीं थी या बताना ही नहीं चाहते।
विदेशी मीडिया के अनुसार, सबसे अजूबा तब हुआ, जब इसी पूजा स्थल के पीछे चट्टान पर पानी की धारा निकल गई। और उससे बाबा भोलेनाथ की आकृति सी बन गई। मौसम अचानक साफ हो गया। जबकि हैरानी की बात तो ये थी कि उस समय बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने बता रखा था। उसके बाद भी अर्नाल्ड ने कहा था कि आज हिमालय और यहां के बाबा भोलेनाथ खुशखबरी देने वाले हैं और ये मौसम भी थोड़ी देर में ठीक होने वाला है।
आश्चर्य की बात है कि एक दूसरे धर्म के प्रख्यात इंजीनियर द्वारा हिंदू धर्म की मान्यताओं को इस स्तर तक समझना और इज्जत देना काफी कुछ कह जाता है। जहाँ विज्ञान डगमगाता है। वहीं से आस्था की शुरूआत होती है। विज्ञान और धर्म विपरीत नहीं बल्कि पूरक है।
ये बात बड़े बड़े वैज्ञानिक ओर अर्नाल्ड डिक्स जैसे लोग तो समझते है लेकिन भारत मे ही कुछ अधकचरे वामी और ऑक्सफोर्डिया नही समझते।
#dharmwani