20 January 2025

श्रद्धा-भक्ति

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ||   सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं, जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं,...
शाक्तसम्प्रदायोक्त राजदन्तोपासनान्तर्गत पञ्चसप्तद्वादशाग्निसाधनम् … राजदन्तोपासना क्या है? जैसे दृढ़ दांतों वाला व्यक्ति कठोर वस्तुओं को भी बलपूर्वक...
विष्णु वंदना : शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं...
एक मशहूर धनुर्धर थिम्मन एक दिन शिकार के लिए गए। जंगल में उन्हें एक मंदिर मिला, जिसमें...