21 February 2025

धर्म

पुराणों में दिए गए कुछ दिव्य उपदेश… अनेकजन्मतपसा लब्ध्वा जन्म च भारते।  ये हरिं तं न सेवन्ते...
संसार में असंख्य व्यक्ति हैं, भिन्न-भिन्न रंग, रूप, रुचि-स्वभाव और मानसिक विकास के हैं, पृथक् पृथक् आदर्श...
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ||   सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं, जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं,...
सत्वगुण के साथ सन्मार्ग पर चलने वाले लोगों के जीवन में बहुत विघ्न बाधाएं आती हैं, जबकि...
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं – श्रीहरि स्त्रोतम (Shree Hari Stotram) जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं...