18 November 2024

श्रद्धा-भक्ति

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ||   सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं, जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं,...
‘स्तूयतेऽनेनेति स्तोत्रम्’ अर्थात – ऋक् मन्त्रों के गान सहित जो देव स्तुति की जाती है उसे स्तोत्रम्...
मणिद्वीपोत्सव कार्यकम में लेंगे भाग वाराणसी | 14 जुलाई 24 | परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री:...
संसार में सब जीव-जन्तु ‘प्राणी’ कहलाते हैं। जिनमें प्राण हैं, वे प्राणी हैं। सभी प्राणी सदा कुछ-...
शाक्तसम्प्रदायोक्त राजदन्तोपासनान्तर्गत पञ्चसप्तद्वादशाग्निसाधनम् … राजदन्तोपासना क्या है? जैसे दृढ़ दांतों वाला व्यक्ति कठोर वस्तुओं को भी बलपूर्वक...
एक बार की बात है तीनों लोकों के भ्रमण में निरत दिव्यदर्शन देवर्षि नारद जी स्वेच्छानुसार पर्यटन...
विष्णु वंदना : शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं...
विवाह सहित अन्य सभी प्रकार के मंगल पूजा इत्यादि कार्य करने के बाद सामर्थ्य होते हुए भी...