Skip to content
13 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • अध्यात्म

Know your Future : बड़ा आसान है अपने भविष्य को जानना

admin 7 January 2022
Past Life - Know your Past and Present
Spread the love

चाहे आस्तिक हो या नास्तिक, भविष्य जानने की उत्सुकता हर किसी के मन में होती है। और यही उत्सुकता हर किसी को ज्योतिषी के पास खींच लाती है। इसी कारण ज्योतिषियों की दुकानें भी चल रहीं हैं। लोगों का मानना है कि ज्योतिष भविष्य बताने की विद्या है। और कोई ज्योतिषी अगर वास्तव में महान ज्ञाता है तो अपने ज्योतिष के ज्ञान से किसी भी व्यक्ति का भविष्य कुछ हद तक तो बता ही सकता है। लेकिन, इन्हीं मान्यताओं और प्रभावों के जाल में हम अक्सर ऐसे ज्योतिषियों के फंदे में पड़ जाते हैं जो स्वयं अपना भविष्य तक नहीं जानते।

कुछ ज्योतिषी तो अपनी भविष्यवाणियों में आपके बारे में कुछ ऐसी बातें कह जाते हैं, जिन्हें सुनकर आपको लगता है कि वह बिलकुल सही कह रहा है। लेकिन, क्या कोई ऐसा ज्योतिष भी है जो कह सके कि आपका अतीत क्या था?

अगर कोई ज्योतिषी आपका वर्तमान तक नहीं बता सकता या फिर आपका अतीत जो आप सब कुछ जानते हैं उसमें से मात्र दो या चार बातें तक भी नहीं बता सकता तो फिर आप अपने उस भविष्य के बारे में उस पर कैसे विश्वास कर लेंगे जिसके बारे में सिर्फ और सिर्फ भविष्य ही बता सकता है। तभी तो अक्सर हम किसी भी बात के आखिर में यही कहते हैं कि सब कुछ भविष्य पर ही छोड़ दो।

लेकिन, ध्यान रखने वाली बात यह है कि हमारा वह भविष्य, जिसकी हम कल्पना करते हैं उसको हम ज्योतिष ज्ञान के माध्यम से भले ही सटीक न जान सकें, लेकिन अपने अतीत या अपने बिते हुए कल के माध्यम से हम उसका अंदाजा जरूर लगा सकते हैं।

श्रीमद् भागवत गीता में यह बात स्पष्ट रूप से कही गई है कि सारे सुखों का आधार धर्म है और वह धर्म हर किसी के मन में बसता है। तो प्रत्येक निर्णय से पूर्व स्वयं अपने हृदय से पूछ लो कि यह निर्णय स्वार्थ से जन्मा है या धर्म से? भविष्य के बदले धर्म का विचार करने से भविष्य अधिक सुखपूर्ण होगा या स्वार्थ के वश में आकर?

अक्सर हमें सुनने में आता है कि, बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए। अब चाहे इसे हम एक कहावत कहें या फिर एक मुहावरा। लेकिन इसमें एक ऐसी सच्चाई है कि हम इसे झूठ साबित ही नहीं कर सकते।

यानी, अगर अतीत में हममें से किसी ने बबूल के पौधो को ही सींचा होगा तो फिर बड़ा होकर वह आम का पेड़ कैसे बनेगा। दूसरी भाषा में हम इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि जैसी करनी वैसी भरनी। हमारा अतीत जिसे बिता हुआ कल कहा जाता है उसमें हमारे कर्म अगर अच्छे थे तो फिर कोई बात नहीं। लेकिन, अगर वही कर्म बुरे थे तो फिर कुछ भी कहा नहीं जा सकता।

क्योंकि, हमारा अतीत ही हमारे लिए अपनी मंजिल को हासिल करने में सहायक भी होता है और बाधाएं भी उत्पन्न करता है। यानी अतीत हमें वर्तमान या भविष्य में परेशान भी करता है और उपलब्धियां हासिल करने में सहायता भी करता है।

लेकिन, अगर आप अतीत के ऊपर ही निर्भर रह कर या अतीत को याद करते-करते जियेंगे तो भी आपको अपना वर्तमान किसी अतीत की तरह ही नजर आयेगा या महसूस होगा। और फिर उस अतीत के कारण वर्तमान परेशानियों में समाधान नहीं, बल्कि उलझन ही उलझन नजर आने लगती हैं।

दरअसल, अतीत किसी भी व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा माना जाता है। हम जो भी कर्म करते हैं वो हमारे अतीत यानी इतिहास के रूप में कैद हो जाते हैं, फिर चाहे हमारे कर्म अच्छे हों या हो बुरे। कर्म ना तो कभी मिटते हैं और ना मिटाये जा सकते हैं।

हिमालय के अमर प्राणियों से मुलाकात – भाग #1

लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि किसी भी व्यक्ति के अच्छे कर्म जो अतीत में किए गए होंगे वे भविष्य में कभी न कभी चमत्कारीक रूप से अपना प्रभाव जरूर दिखाते हैं, और उन्हीं अच्छे प्रभावों को हम अपनी अच्छी किस्मत कहते हैं।

लेकिन, अतीत में किए गए हमारे वही बुरे कर्म भविष्य में बुरा प्रभाव एक बार तो जरूर दिखाते हैं और हमारी समस्याओं तथा परेशानियों का कारण भी बनते हैं।

यहां हम यह भी कह सकते हैं कि, हम हमारे भविष्य की नींव को वर्तमान में ही रखते हैं। उसी तरह वर्तमान की नींव भी अतीत में ही रखी जा चुकी होती है। इसीलिए वर्तमान और भविष्य की अच्छी और बुरी घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं अतीत में किए गए बुरे तथा अच्छे कर्मों का योगदान अवश्य माना जाता है।

अतीत में किए गए कर्म पत्थर की लकीर जैसे होते हैं, जिन्हें न तो मिटाया जा सकता है और ना नहीं बदला जा सकता है। लेकिन, एक जो सबसे बड़ी बात होती है वो यह कि हम अपने अतीत से कुछ अच्छा और नया जरूर सीख सकते हैं और फिर भविष्य में आने वाली समस्याओं का कुछ हद तक समाधान जरूर निकाल सकते हैं। यही बात हमारा धर्म भी कहता है और धार्मिक ग्रन्थ भी कहते हैं।

यही बात हमारा इतिहास भी कहता हैै और ऐतिहासिक घटनाएं भी। यही बात हमारा वर्तमान कहता है और यही बात वर्तमान में घटने वाली हमारे आस-पास की तमाम अच्छी-बुरी घटनायें भी कहती हैं। याने कि हम अपने अतीत से कुछ अच्छा और नया जरूर सीख सकते हैं।

क्या आप भी रखते हैं देवीय शक्तियों में विश्वास? | Divine Powers & Social Life

हमारी आदत है कि हम इतिहास का अध्ययन नहीं करते। और इतिहास का अध्ययन नहीं करते हैं तो हम ना तो यह समझ पाते हैं और ना ही हम उस बात को सटीक तरीके से जान पाते हैं कि हमारे साथ अतीत में क्या अच्छा या बुरा हुआ था। हम ऐसा क्या करें कि उसे और अधिक बेहतर बना सकें।

इतिहास चाहे किसी व्यक्ति का हो, वस्तु का हो या फिर हमारे देश का या किसी धर्म का ही क्यों न हो। हर प्रकार का इतिहास हमें यह बताता है कि ऐसी कौन-सी घटनाएँ थीं जो हमारे लिए अच्छी और बुरी थीं। और कैसे हम उन गलतियों को दोहराने से बचें या सावधान रहें।

जिस प्रकार से हमें अपने इतिहास का ठीक से ज्ञान नहीं है उसी प्रकार से हमने अपने धर्म और धार्मिक गं्रथों का अध्ययन करना भी लगभग बंद ही कर दिया है। हमें यहां यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि हमारे सभी धार्मिक गं्रथ भी तो हमारा इतिहास ही है। फिर चाहे वह रामायण हो या फिर महाभारत। या फिर कोई भी वेद या पुराण।

सनातन संस्कृति के लगभग सभी धार्मिक ग्रंथों और पुराणों या महापुराणों से भी यही शिक्षा मिलती है कि अतीत के कर्म ही भविष्य की रचना करते हैं। रावण तथा कंस द्वारा किए गए बुरे कर्मों की वजह से ही उन्हें भविष्य में बुरा फल प्राप्त हुआ और युधिष्ठिर द्वारा अतीत में किए गए अच्छे कर्मों की वजह से ही उसे भविष्य में प्रशंशा मिली।

हमारा धर्म जो सीख देता है उसमें एक सबसे बड़ी बात यह है कि हमारा अतीत ही भविष्य का रचयिता है। अतीत या इतिहास ही भविष्य का पाठ है। अतीत के अच्छे कर्मों द्वारा हम उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं इसलिए भविष्य की घटनाओं से सीखकर हमें अपने उज्जवल भविष्य और एक उन्नत समाज का निर्माण करना चाहिए।

हमारी और हमारे समाज की सबसे विनाशकारी समस्या यह बन गई है कि हम अपने उस अतीत को नजरअंदाज करते जाते हैं जिसमें हमने कई गलतियां की होती हैं और वर्तमान में भी वही गलतियां करते जाते हैं। यह बात सच है कि भविष्य के बारे में कोई भी नहीं जानता कि क्या होने वाला है। लेकिन, उससे भी बड़ा सच यह है कि हम सभी जानते हैं कि हमारा भविष्य क्या होने वाला है। क्योंकि यह उसी बात पर या उसी कर्म पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या कर रहे हैं।

– गणपत सिंह, खरगौन (मध्य प्रदेश)

About The Author

admin

See author's posts

1,127

Related

Continue Reading

Previous: वैदिक काल के कुछ चमत्कारिक ऑपरेशन | Surgery in Ayurveda
Next: Dholavira : गुजरात की प्राचीन सभ्यता की झांकी है धोलावीरा

Related Stories

Harivansh Puran
  • अध्यात्म
  • विशेष

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

admin 20 April 2025
RAM KA DHANUSH
  • अध्यात्म
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

admin 19 March 2025
SRI VISHU JI ON GARUD
  • अध्यात्म
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

गरुडगमन तव चरणकमलमिह

admin 14 March 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

077969
Total views : 141999

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved