कई चीनी सैनिक भी मरे, भारतीय सैनिकों का भांगड़ा
अपने आप को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनाने के चक्कर में चीन आजकल भारत के साथ युद्ध के सपने देख रहा है। लेकिन सच तो ये है कि एलएसी पर उसके सैनिकों की हालत इतनी पतली हो चुकी है कि भारत की सीमा से लगे बर्फीले क्षेत्रों में उसके सैनिकों की ही नहीं बल्कि टाॅप कमांडरों की भी मौत हो चुकी है। भले ही चीन अपने सैनिकों से जुड़ी खबरों को उजागर नहीं करना चाहता लेकिन, कुछ खबरें अपने आप ही सामने आ जाती हैं।
दरअसल, खबर ये है कि एलएसी यानी कि भारत-चीन की सीमा रेखा पर तैनात चीनी सैनिक विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। पिछले 17 महीनों से चीन भारतीय सीमा पर अपने 50,000 से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर चुका है जिसके चलते दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। लेकिन उसके सैनिकों के बीमार पड़ने की वजह से उसका सपना न सिर्फ मजाक बनता जा रहा है बल्कि अपने ही देश में उसे कोसा भी जा रहा है।
खबरों के मुताबिक एलएसी पर तैनात जिन चीनी सैनिकों को गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है उनमें भारत की सीमा पर डंटे चीनी सैनिक और तिब्बत में तैनात चीनी कमांडर और सैनिक लगातार पेट दर्द, हृदय, फेफड़ों और मानसिक रोग जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि हजारों फीट ऊंची यहां की बुलंद चोटियों के बीच और बर्फीले रेगिस्तान पर इन चीनी सैनिकों को ज्यादातर समय अपने तंबुओं के अंदर ही गुजारना पड़ रहा है।
खबरों के मुताबिक हिमालय की भयंकर ठंड को चीनी सैनिक नहीं झेल पाते हैं जिसके कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है और वे आपस में ही लड़ने लगे हैं। लद्दाख के सख्त मौसम और डंठ की मार उन पर लगातार पड़ रही है जसके चलते उनमें युद्ध लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे कजोर होती जा रही है।
चीनी सैनिकों को इस वातावरण में रहने की आदत नहीं है इसलिए उन्हें लगातार आक्सीजन कम होने की वजह से मचली, सिर दर्द, नींद और भूख न लगना और बेहद कमजोरी जैसे लक्षण हो रहे हैं। दरअसल, मुश्किल जगहों पर तैनाती की वजह से उनके फेफड़ों में पानी भर रहा है। दिमाग में सूजन या फिर दिल दौरे जैसी जानलेवा बीमारियां हो रही है।
जहां एक ओर एलएसी पर चीनी सैनिकों का दमखम बवाब दे चुका है वहीं भारतीय सेना को इन इलाकों में रहने का अच्छा अनुभव है और वे वातावरण के अनुरूप खुद को ढाल चुके हैं। भारतीय सेना सिर्फ लद्दाख में ही नहीं बल्कि कारगिल और सियाचिन जैसी ऊंची और बर्फीले इलाकों में भी चट्टान पर खड़ी रहती है।
भारतीय सैनिक इन क्षेत्रों में अक्सर योगाभ्यास और तरह-तरह के खेल और भांगड़ा नृत्य के जरिए अपना मनोरंजन करते नजर आते हैं वहीं चीनी सैनिकों को कांपते और हांफते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है।
भारतीय सैनिकों को इन क्षेत्रों में तैनाती के लिए विभिन्न प्रकार की कठीन प्रक्रियाओं से गुजरकर करीब-करीब 100 प्रतिशत तक गुजरना पड़ता है वहीं चीनी सैनिकों को इसका 10 प्रतिशत भी अनुभव नहीं है।