आज के दौर में मात्र संघी विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों को अपना आदर्श मानने वाले अधिकतर हिन्दू आज तक भी अपने धर्म के महत्व को न तो समझ पाए हैं और न ही बीजेपी को और न ही संघ के विचारों को समझ पाए हैं . इसीलिए धर्म के बजाय सिर्फ और सिर्फ व्यक्तिवाद और पार्टीवाद के दल-दल में में फंसकर सारे हिन्दू अपने मूल धर्म का ही नाश करते जा रहे हैं, जबकि अन्य धर्म के लोगों को देखे तो सबसे पहले वे अपने धर्म को ही महत्त्व देते हैं उसके बाद वे यह देखते हैं कि वे कौन से नेता या पार्टियाँ हैं जो उनके धर्म के लिए काम कर सकती हैं. जबकि इस बारे में हम हिन्दू बिलकुल भी नहीं सोचते और पार्टियों के साथ नेताओं के पीछे चलते रहते हैं.
ऐसे में यदि ध्यान दें तो पता चलेगा की आज जितने भी समाज सेवी संगठन हैं और जितने भी राजनीतिक दल हैं उन सभी के नामों तक में भी सनातन धर्म, सनातन संस्कृति या हिन्दू धर्म की झलक नहीं मिलती है, तो फिर वे हिन्दुओं के हीत में कार्य कैसे कर सकते हैं? यदि मस्जिद के ऊपर यदि हिन्दू मंदिर का बोर्ड लगा हो तो वह इमारत हिन्दू मंदिर नहीं समझी जा सकती है, लेकिन वहीं, यदि किसी मंदिर के ऊपर मस्जिद का बोर्ड लगा हो तो उसे तुरंत मस्जिद मान लिया जा सकता है, और उसे सुरक्षा भी दी जाती है, क्योंकि आज हमारी मानसिकता ही कुछ इस प्रकार से हो चुकी है की हम अपने धर्म को नहीं बल्कि पार्टी और उसके नेता को ही भगवान् मान बैठे हैं.
यहाँ ये भी समझना चाहिए कि खासकर कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी मानसिकता है कि, “क्या आप २०१४ से पहले ऐसा बोल पाते थे और सरकारों से सवाल पूछ पाते थे.” तो उनके लिए यहाँ ये भी जान लेना चाहिए की ऐसी बहुत सी घटनाएं, कानून, और स्थितियां रहीं हैं जिनके कारण २०१४ से पहले बोलने की आवश्यकता महसूस ही नहीं होती थी, और यदि आवश्यकता महसूस होती भी थी तो कुछ–कुछ सुनवाई भी होती थी.
यहाँ ऐसे ही कुछ विशेष प्रश्न हैं जो सटीक तो हैं लेकिन चुभने वाले हैं, खासकर उन हिन्दुओं को जो सिर्फ और सिर्फ संघ यानी RSS की मानसिकता और विचारधारा से जुड़े हैं और उसी के आधार पर अपना ऐसा “झूठा हिंदुत्ववादी जीवन” जी रहे हैं जो “रेट के ढेर पर” बना है. क्या आप ये बता सकते हैं कि –
- मंदिरों में स्थापित विग्रहों को अपमानित कर क्रेन से उखाड़ने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- पसमांदा वोटों की लालसा रखने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू बच्चों के हक़ की शिक्षा को अन्य धर्मियों को जबरजस्ती दे देने वाली पार्टी सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- काशी, उज्जैन, अयोध्या में प्राचीन मंदिरों को कोरिडोर और विकास के नाम पर तुड़वाने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- भगवा मतलब भाजपा नहीं और भाजपा मतलब भगवा नहीं कहने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जिस पार्टी के झंडे में हरा और केसरिया दोनों ही हो वो पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- कट्टर गांधीवादी सामजवाद और गांधवादी विचारधारा को आधार बनाकर राजनीति करने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- CAA को लागू नहीं करने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- दिल्ली के साहीन बाग़ में उस विशेष समुदाय के सामने सीधे-सीधे आत्मसमर्पण करने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- किसान आन्दोलन में पूरे देश को बंधक बनाकर रखने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- उत्तराखंड के मंदिरों को सरकारी कब्जे में लेने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- उत्तराखंड के मंदिरों को सरकारी कब्जे में लेने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र की पवित्र भूमि पर जगह जगह मजारों को उगाने में सहयोग करने वाली वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जम्मू कश्मीर में लैंड जिहाद को मदद करने के लिए बने “रोशनी एक्ट” को हटाने का फैसला देने पर कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका डालने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- देश के कई हिस्सों में अवैध मजारों के जरिये लैंड जिहाद को मूक दर्शक बनकर समर्थन देने वाली पार्टी और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- गोरक्षकों को गुंडा कहने और उनपर FIR दर्ज करवाने वाली सरकार, प्रधानमन्त्री और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- गोरक्षकों को गुंडा कहने वाले प्रधानमन्त्री और उसके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- भारत के हर प्रकार के सरकारी संसाधनों पर 30 से 35 प्रतिशत तक पहला हक उन विशेष समुदाय के लोगों को देने वाली सरकार और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- “सच्चर कमिटी” जो सिर्फ मुस्लिमों के हितों के लिए ही बनी है उसको गुपचुप तरीके से लागू करवाने वाली यह मोदी सरकार और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू धर्म और हिन्दू वोटर्स को सिर्फ यूज़ एंड थ्रो समझने वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू धर्म के पवित्र तीर्थ क्षेत्रों और तीर्थ स्थानों को पर्यटन का स्थान बनाकर उनसे उद्योग के तर्ज पर कमाई करने वाली वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू हितों की बात करने वालों को कानूनी दावपेंचों में उलझाने का डर दिखाने और प्रताड़ित करने वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू पर्वों और त्योहारों पर शोभायात्रा आदि को सुरक्षा न देने और शोभायात्रा आदि को रोकने वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- मोदी सरकार के आते ही भारत को गो मांस निर्यात देशों की श्रेणी के तीन प्रमुख देशों में स्थान दिलाने सरकार और इसकी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- हिन्दू पर्वों और त्योहारों पर शोभायात्रा आदि को सुरक्षा न देने और शोभायात्रा आदि की अनुमति न देने वाली और उन्हें रोकने वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जिस तथाकथित हिंदूवादी सरकार को केंद्र में बैठे अब तक करीब नौ वर्ष पूरे हो चुके हैं उस सरकार के पास आज भी न तो समय है और न ही वो क्षमता है कि वो अपने मूल वोटरों यानी हिन्दुओं के उत्पीडन से जुड़े विशेष मुद्दे और विशेष कानूनों पर गौर करे और उनका समाधान करने का प्रयास करे, तो फिर ऐसी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जनसँख्या नियंत्रण सम्बन्धी कानून और समान अधिकार कानून को लागू करवाने का झूठा वादा कर हिन्दुओं के वोटों से केंद्र और राज्यों में सरकार बनाने वाली पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जिस देश के मुखिया प्रधानमंत्री विदेश में जाकर कह रहे हैं कि- “INCREDIBLEINDIA को देखना है तो देश के लोगों में देखो, मंदिरों में क्या रखा है!” ऐसे भाषणों और शब्दों से यदि वे विदेशियों के सामने हिन्दू धर्म का अपमान करते हैं तो फिर ऐसी सरकार और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जिस संघ के मुखिया कह रहे हैं कि अगले 50 वर्षों के लिए मूर्ति पूजा को छोड़ दो, उसी विचारधारा को मानने और उसी विचारधार के आधार पर चलने वाली यह सरकार और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- जिस संघ के मुखिया कह रहे हैं कि हर मस्जिद के निचे शिवलिंग को क्यों ढूंडना, काशी और मथुरा के मंदिर हामारे अगेंड़े में नहीं हैं, अयोध्या विवाद में तो हम स्वभाव के विपरीत चले गए थे उसी विचारधारा को मानने और उसी विचारधार के आधार पर चलने वाली यह सरकार और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- एक ऐसे प्रधानमंत्री जो युक्रेन युद्ध में परमाणु हमले को तो रुकवा सकते हैं, विश्व में शान्ति कायम करवा सकते हैं लेकिन देश में अपनी ही पार्टी के और अपने ही हिन्दू वोटर्स पर मुस्लिमों की तरफ से हो रहे हमलों को रुकवा नहीं सकते, तो फिर ऐसी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- करोड़ों की संख्या में रोहंग्या और बंगलादेशी घूसपेठिये खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी हिन्दू जो की मात्र कुछ ही संख्या में भारत को अपना देश समझ कर बसने के लिए नागरिकता मागने आये थे उन्हें इसी सरकार के राज में रोते हुए वापस लौटना पडा, तो फिर ऐसी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र में हज़ारों हिन्दू जो की पकिस्तान से किसी तरह जान बचाकर आ गए थे आज भी कई वर्षों से बिना बिजली, पानी और अन्य किसी सुविधाओं के अभाव में किसी तरह जी रहे हैं लेकिन उन्हें कोई नागरिकता के लिए पूछने तक नहीं जाता, जबकि दूसरी तरफ इसी शहर में बंगलादेशी और अन्य को इसी तथाकथित हिंदूवादी केंद्र सरकार के द्वारा पीछे वर्ष पक्के मकान, अन्य सभी सुविधाएं और सुरक्षा भी दी गई हैं, तो फिर ऐसी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- करोड़ों की संख्या में रोहंग्या और बंगलादेशी घूसपेठिये भारतभर में खुलेआम घूम रहे हैं, और बड़े से बड़े अपराध कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद पाकिस्तानी हिन्दू जो की मात्र कुछ ही संख्या में भारत को अपना देश समझ कर नागरिकता मागने आये थे उन्हें इसी सरकार के राज में रोते हुए खाली हाथ पकिस्तान लौटना पडा, तो फिर ऐसी पार्टी और उनके नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
- दिल्ली दंगों में अपना बचाव करने वाले हिन्दुओं को ही दोषी ठहरा कर उन्हें सजा दिलवाई जाती हो और दोषियों को छोड़ दिया जाता हो, ऐसी सरकार और ऐसी पार्टी के नेता सिर्फ हिन्दुओं के लिए कैसे हो सकती है?
यहाँ ये जरुरी नहीं कि जितने भी मुद्दे इस समय हम दे रहे हैं सिर्फ इतनी ही गलतियाँ हमारी इस सरकार ने की हैं, बल्कि ऐसी और भी कई प्रकार की हो सकती हैं, लेकिन आवस्यकता है तो इस बात की इस विषय में आपको भी अपने क्षत्रिय स्तर पर यह देखना और अनुमान लगाना होगा की वे गलतियाँ कितनी और क्या–क्या हैं. आप को भी सोचना होगा हमारे ही वोटों से बनी ये सरकार हमारे ही विरुद्ध कितनी कठोर और अन्य धर्मियों के लिए कितनी हमदर्द बनती जा रही है.
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