Skip to content
10 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • धर्मस्थल
  • विशेष

दुनिया के एकमात्र शाकाहारी मगरमच्छ का निधन

admin 11 October 2022
Vegetarian-Crocodile-Dies_Kasaragod-district-in-Kerala
Spread the love

दक्षिण भारतीय राज्य केरल राज्य के कासरगोड जिले में स्थित मजेश्वरम तहसील के प्रसिद्ध श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील के एक दिव्य और पवित्र रक्षक ‘बबिया’ नाम के मगरमच्छ का निधन (Kerala’s Vegetarian Crocodile Babiya Dies) हो गया है। लगभग 75 वर्ष की उम्र के बबिया ने 9 अक्टूबर 2022 की रात को मंदिर की उसी झील में अंतिम श्वास ली थी। बबिया नामक यह मगरमच्छ मंदिर के लिए एक लोकल गार्जियन की तरह माना जाता था इसलिए यह दुनियाभर में प्रसिद्ध था।

केरल में कासरगोड जिले के कुंबले में स्थित नौवीं शताब्दी के इस प्रसिद्ध श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सूत्रों के अनुसार, बबिया की उम्र (Kerala’s Vegetarian Crocodile Babiya Dies) लगभग 75 वर्ष आंकी गई थी। बबिया यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं बल्कि देश-विदेश के तमाम पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र हुआ करता था।

श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर के अनुसार बबिया की विशेषता यह थी कि वह पूरी तरह से शाकाहारी था। इसलिए वो सिर्फ चावल और गुड़ से बना मंदिर का प्रसाद बड़े ही बड़े प्यार से खाता था। उसके खान-पान के लिए तैनात वहां के कर्मचारियों और पुजारियों को वह किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था। मंदिर में पूजा समाप्त होने के बाद स्वयं पूजारी निडर होकर अपने हाथों से बबिया को प्रसाद के रूप में वह भोजन खिलाते थे, क्योंकि वह किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता था।

श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में रहने वाले उस बबिया मगरमच्छ के विषय में माना जाता है कि बीते करीब 70-72 वर्षों से यह दिन-रात मंदिर की झील में ही रह रहा था इसलिए एक प्रकार से यह मंदिर की सुरक्षा कर रहा था। बबिया मगरमच्छ की खासियत थी कि वह प्रतिदिन मंदिर में पूजा होने के बाद ही खाना खाता था। इसके अलावा मंदिर में आने वाले कई लोग भी अपने हाथों से बबिया को प्रसाद खिलाते थे।

श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर में पूजा के बाद झील के संरक्षक के रूप में छह फुट लंबे ‘बबिया मगरमच्छ’ की भी प्रतिदिन पूजा की जाती थी। उस पूजा के बाद उसे पके हुए चावल और गुड़ से युक्त ‘नैवेद्य‘ यानी प्रसाद का भोग या भोजन दिन में दो बार खिलाया जाता था।

मंदिर के कर्मचारियों का कहना है कि वो मंदिर के लेक में मौजूद मछलियों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था। यही वजह है कि लोग उसके मुंह में ऐसे खाना डालते थे जैसे किसी हाथी के मुंह में डाल रहे हों। हालांकि, आम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए डर के कारण ऐसा कर पाना आसान नहीं होता था इसलिए बहुत ही कम लोग होते थे जो उसे अपने हाथों से खाना खिला पाते थे।

तमिलनाडु के मंदिरों का कल, आज और कल | Future of Temples in Tamilnadu

स्थानीय लोगों एवं मंदिर के पुजारियों का मानना है कि यह मगरमचछ भगवान का संदेशवाहक था, तभी तो कई बार उसने मंदिर परिसर में घटने वाली कुछ खास घटनाओं को लेकर पहले ही आगाह किया था, बाद में पता चलता था कि बबिया ने भी अपने अंदाज में इस बात के लिए हमें आगाह किया था।

कहा जाता है कि, ‘बाबिया’ से पहले भी यहां एक अन्य मगरमच्छ हुआ करता था। लेकिन, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक ब्रिटिश सैनिक ने उसे गोली मार दी थी, जिसके बाद उसी दिन उस ब्रिटिश सैनिक की भी सांप के काटने से मौत हो गई थी।

एक दिव्य और पवित्र रक्षक होने के कारण ‘बबिया’ नामक यह मगरमच्छ इस मंदिर का विशेष आकर्षण भी हुआ करता था, इसलिए खासतौर से स्थानीय लोगों को इसके निधन से काफी दुःख हुआ है। बबिया मगरमच्छ को श्रद्धांजलि देने और उसके अंतिम संस्कार के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे, जिसके बाद ‘विष्णु सहस्रनाम’ के जाप के साथ पारंपरिक तरीके से बबिया का अंतिम संस्कार किया गया।

कहा जाता है कि बबिया अधिकतर झील के पानी की गहराई में ही रहता था और बहुत ही कम समय के लिए भक्तों के सामने प्रकट होता था। जब कभी भी वह बाहर आता था तो श्रद्धालुओं के लिए यह भगवान के दर्शनों के समान होता था।

– अजय सिंह चौहान

About The Author

admin

See author's posts

1,301

Related

Continue Reading

Previous: Fight or Fear with Autism, ADHD and Seizures
Next: One and only Vegetarian Crocodile Babiya Died

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

077933
Total views : 141926

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved