आम आदमी के जीवन में वैसे ही समस्याएं बहुत हैं, ऊपर से मिलावटखोरी ने लोगों का जीवन नरक बना दिया है। नकली दवाओं एवं नकली खाद्य पदार्थों से किसी व्यक्ति का कब पाला पड़ जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता है। जो भी लोग इस तरह का कार्य कर रहे हैं, वे कमीनेपन की सारी सीमा पार कर चुके हैं। वैसे तो, मिलावटखोरी का कार्य करने वाले सभी लोग पकड़ में नहीं आ पा रहे हैं परंतु जितने भी लोग पकड़ में आ रहे हैं उन्हें कानून ऐसी सजा दे जिससे भविष्य में ऐसा कार्य करने वालों की रूह कांप जाये। कोरोनाकाल में नकली रेमेडेसिविर एवं नकली दवाओं का कारोबार खूब फला-फूला।
वर्तमान समय में देखने में आ रहा है कि असमय तमाम लोगों के किडनी एवं लीवर खराब हो रहे हैं। यदि पड़ताल की जाये तो किडनी एवं लीवर के खराब होने में नकली दवाओं, नकली इंजेक्शन एवं मिलावटी खाद्य सामानों की भूमिका बहुत अधिक मिलेगी। मिलावटखोरी का कारोबार करने वाले मालामाल भले ही हो रहे हैं किन्तु इससे मौत के मुुंह में जाने वालों की भी संख्या कम नहीं है जबकि इस सृष्टि में मानव शरीर प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है और हमारे धार्मिक गं्रथों, वेदों एवं पुराणों में व्यापक रूप से यह व्याख्या की गई है कि बहुत ही पुण्य कर्मों की बदौलत मानव का जन्म होता है। यदि मानव शरीर मिलावटखोरों की वजह से बर्बाद हो जाये तो इससे दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है?
कोरोना की दूसरी लहर के बीच कुंभ मेले के आयोजन को लेकर सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी और यह कहा गया था कि देश में कोरोना फैलाने में कंुभ मेले की बहुत अधिक भूमिका रही। कुंभ मेले में आने वालों की कोरोना जांच के लिए प्रशासन ने बेहद व्यापक स्तर पर व्यवस्था कर रखी थी किन्तु यही जांच देश का सबसे बड़ा फर्जी कोविड टेस्ट घोटाला बन गया। इसका खुलासा फरीदकोट के एक एल.आई.सी. एजेंट की सतर्कता से हुआ।
एल.आई.सी. एजेंट विपिन मित्तल को 22 अप्रैल को एक एस.एम.एस. मिला जिसमें बताया गया था कि उनका सैंपल कोराना जांच के लिए कलेक्ट कर लिया गया है और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि उन्होंने कोरोना टेस्ट करवाया ही नहीं था। जांच-पड़ताल में पता चला कि हरद्विार की एक लैब ने 50 लोगों को पंजीकृत करने के लिए एक ही फोन नंबर का उपयोग किया, वहीं एक एंटीजन टेस्ट किट से 750 लोगों का टेस्ट किया गया।
राशन, खाद्य तेलों, मसालों, दवाइयों एवं अन्य सामानों में जिस स्तर पर मिलावटखोरी हो रही है उससे बहुत से लोगों का जीवन संकट में आ गया है। अब कदम-कदम पर इस बात की जांच कैसे होगी कि लोग जो भी खा-पी रहे हैं, शुद्धता की कसौटी पर बिल्कुल खरा है। आज आवश्यकता इस बात की है कि मिलावटखोरी एवं फर्जीवाडे़ पर सख्त से सख्त कदम उठाये जायें और इस तरह के कार्यों में जो भी दोषी मिले उसके साथ देशद्रोही की तरह व्यवहार किया जाये और उसकी पूरी संपत्ति भी जब्त कर ली जाये।
– जगदम्बा सिंह, संपादक- युग सरोकार