ऋषि तिवारी
मोहन गार्डन (दिल्ली)। नवरात्र के दिनों में अगर रामलीला की यादों नहीं गुजरें तो यह त्योहार अधूरा लगता है। ऐसे में सांस्कृतिक विरासत समेटे राजधानी दिल्ली इसके आयोजन के लिए तैयार है। उत्तराखंड रामलीला एवं सांस्कृतिक मंडल के अध्यक्ष जीवन चंद्र उप्रेति, मंच निर्देशक हरीश चंद्र पांडेय द्वारामोहन गार्डन में रामलीला का आयोजन किया गया है जिसमे सैकड़ों की संख्या में लोग रामायण पर आधारित नाटक (रामलीला) देखने के लिए शाम होते ही पहुंचते हैं। जिसमे नटराज नृत्य कला केंद्र एकेडमी की तरफ से प्रोग्राम में भाग लिया गया है, जिसमे सबसे पहला प्रोग्राम गणेश वंदना, शिव तांडव, काली तांडव, राधा कृष्ण के भाव नित्य आगमन किया गया है जिसमे नटराज नृत्य कला केंद्र संस्थापक, टिचर कुसुम द्रिवेदी है।
पूरे साल लोग ऊर्जा से भरपूर इस त्योहार का इंतजार करते हैं और रामलीला इसकी एक सबसे बड़ी वजह है। सैंकड़ो सालों से चलती आ रही रामलीला का जोश अभी भी लोगों में उसी प्रकार मौजूद है, जैसा कि आज से सैंकड़ों साल पहले हुआ करता था। अयोध्या प्रभु राम की जन्मभूमि है। ऐसे में इस बात पर कोई शक नहीं होना चाहिए कि यहां की रामलीला अपने आप में अद्भुत होती होगी। देश भर से लोग नवरात्रि के समय रामलीला का आयोजन करते आ रहे है।
महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ सबसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में से एक है। संस्कृत में लिखा गया यह ग्रंथ भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम के ऊपर आधारित है। जिसमें उनके जीवन संघर्षों, मूल्यों, मानव कल्याण के लिए किये गये कार्यों का वर्णन किया गया है। रामायण के ही आधार पर रामलीला का मंचन किया जाता है, जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन का वर्णन देखने को मिलता है।