![Rampyari The Soul Has No Gender by Gitanjali A Singh in hindi](https://i0.wp.com/dharmwani.com/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-11-at-1.22.18-PM.jpg?fit=591%2C394&ssl=1)
ऋषि तिवारी | नई दिल्ली। प्रतिष्ठित लेखिका गीतांजलि ए. सिंह ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे प्रतिष्ठित “विश्व पुस्तक मेला 2024” में अपनी नवीनतम साहित्यिक कृति ‘Rampyari : The Soul Has No Gender (रामप्यारी : द सोल हैज नो जेंडर) लॉन्च की। यह एक साहित्यिक रत्न है, जो नायक राम के अनूठे चित्रण के लिए जाना जाता है, क्योंकि वह राम से रामप्यारी तक की दर्दनाक यात्रा के जरिये पहचान संकट की दर्दनाक जटिलताओं से गुजरता है। गीतांजलि का काम मानव अनुभव की जटिलताओं पर प्रकाश डालता है, जो लिंग के संदर्भ में पहचान के लिए संघर्ष के शायद ही कभी खोजे गए विषय पर प्रकाश डाला हो।
लेखिका का लेखन संवेदनशीलता और अनुग्रह से चिह्नित है, जो कथा को असाधारण गहराई और प्रतिध्वनि के स्तर तक बढ़ाता है। वह कहती हैं, ‘मैं हमारी आत्मा के कोनों को रोशन करने के लिए कहानी कहने की शक्ति में विश्वास करती हूं।’ इस पुस्तक में एक विचारोत्तेजक यात्रा है, क्योंकि यह कहानी के माध्यम से संवेदनशीलता और अनुग्रह का एक नाजुक संतुलन बनाए रखते हुए पहचान के सूक्ष्म संघर्षों को संबोधित करती है।’
गीतांजलि ए. सिंह, दो दशक से अधिक के अनुभव के साथ एक अनुभवी मास्टर न्यूमेरोलॉजिस्ट और सलाहकार हैं, जो साहित्यिक दुनिया में अपनी गहन अंतर्दृष्टि के साथ सामने आती हैं। उनका पहला काम ‘एंड गॉड स्पोक इन नंबर्स’ उनके पहले नाम गीतांजलि एलिजाबेथ मोर्दकै के तहत लिखा गया था, जिसका हाल ही में दूसरा संस्करण जारी हुआ, जो अंकशास्त्र में उनकी विशेषज्ञता का प्रमाण है।
इस बेस्टसेलिंग पुस्तक ने संख्याओं की रहस्यमय दुनिया और हमारे जीवन में उनके महत्व की व्यापक खोज के लिए प्रशंसा प्राप्त की है। विश्व पुस्तक मेले में लॉन्च कार्यक्रम में गीतांजलि ए. सिंह की नवीनतम रचना की गहराई का पता लगाने के लिए उत्सुक साहित्यिक उत्साही, आलोचकों और प्रशंसकों का जमावड़ा देखा गया।