Skip to content
29 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • इतिहास
  • पर्यटन

Sun Temple Modhera: सात अजूबों में से भी बढ़कर है मोढेरा का सूर्य मंदिर

admin 1 May 2021
Sun Temple_Modhera_3
Spread the love

अजय सिंह चौहान || गुजरात के मेहसाणा से 30 किलोमीटर दक्षिण की ओर मोढेरा नाम के गांव में स्थित सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple) के विषय में इतिहास बताता है कि इस मन्दिर का निर्माण सूर्यवंशी राजा भीमदेव प्रथम ने सन 1026 ईसवी में करवाया था। यहां से प्राप्त शिलालेखों से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि सोलंकी वंश के राजा भीमदेव इस मन्दिर में अपने अराध्य देव भगवान सूर्य की आराधना किया करते थे। मन्दिर के गर्भगृह की दीवार पर लगे एक शिलालेख पर इसके निर्माणकाल की तारीख विक्रम संवत 1083, यानी सन 1025-1026 ईसवी अंकित है।

मोढेरा का यह सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple) भारत के तीन सबसे महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों में से एक है। जिसमें उड़ीसा में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर, कश्मीर का मार्तंड सूर्य मंदिर और मोढेरा का यह सूर्य मंदिर प्रमुख हैं।

कहा जाता है कि इस सूर्य मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की जो प्रतिमा थी वह शुद्ध सोने से बनी हुई एक विशाल मूर्ति थी, जिसमें भगवान सूर्य अपने 7 घोड़ों के रथ पर बैठे थे और उनके सारथि अरुण को रथ चलाते हुए दर्शाया गया था। यह भी कहा जाता है कि सूर्य देव की मूर्ति में कीमती हीरे भी जड़े हुए थे जो सूर्य की किरणों के पड़ते ही रोशन हो जाते थे।

यह सूर्य मन्दिर तीन हिस्सों में बना हुआ है जिसमें सबसे आगे स्थित है- सूर्यकुंड। इस सूर्य कुंड को रामकुंड भी कहा जाता है। आयताकार संरचना वाले इस कुंड के चारों ओर 108 देवताओं के छोटे-बड़े मन्दिर बने हुए हैं।

कुंड का आकार 120 फूट और 176 फूट है। भक्तों को सूर्य देवता की पूजा करने से पहले इस कुंड में औपचारिक स्नान करना आवश्यक था। कुंड के बाद दाईं ओर मुख्य मन्दिर में प्रवेश करने के लिए एक तोरण द्वार बना हुआ था। अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय यह तोरण द्वार टूट गया था और अब उसके खम्भे ही शेष बचे हैं।

Sun-Temple_Modhera_1

यह क्षेत्र विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनवी सहीत अन्य कई आक्रांताओं के आतंक का केन्द्र रहा है। गजनवी ने सोमनाथ और इसके आस-पास के क्षेत्रों को अपने कब्जे में कर के यहां भारी उत्पात मचाया था। कहा जाता है कि महमूद गजनवी के आक्रमण के प्रभाव से इस क्षेत्र में सोलंकियों की शक्ति और वैभव को बहुत बड़ी क्षति पहुंची थी। ऐसी स्थिति में सोलंकी साम्राज्य की राजधानी कही जाने वाली अन्हिलवाड़ का गौरव और वैभव भी कम होता जा रहा था। अपने उस गौरव को बचाने लिए सोलंकी राज परिवार और वहां के धनी वर्ग व व्यापारियों ने एकजुट होकर इस क्षेत्र में भव्य मन्दिरों के निर्माण की शुरूआत की थी।

वर्तमान में इस मन्दिर के संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व विभाग के पास है। समय की मार को सहते हुए भी यह मन्दिर अपनी भव्यता का प्रमाण प्रस्तुत करता है। मन्दिर का प्रांगण बलुआ-पत्थर से निर्मित है।

यह सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple) गुजरात के मेहसाणा से 30 किलोमीटर दक्षिण की ओर मोढेरा नाम के गांव में स्थित है। इस सूर्य मंदिर में गुजरात पर्यटन विभाग की ओर से हर साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में यहां तीन दिवसीय मोढेरा डांस फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।

मोढेरा के आस-पास ही धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से अनेकों स्थान और इमारतें हैं। उनमें से मेहसाणा जिले में शक्ति पीठों में से एक बहुचरा माता मंदिर भी है। इसके अलावा मोधेश्वरी माता मंदिर, भुवनेश्वरी माताजी मंदिर, हनुमान मंदिर और धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से मोढेरा के नजदीक ही एक अन्य शहर है सिद्धपुर। सिद्धपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत संरक्षित प्राचीनतम रुद्र महालय मंदिर भी है। यहां जाने के लिए सबसे उत्तम समय सितंबर से माार्च के बीच का है।

रेल द्वारा यहां जाने वाले यात्रियों के लिए निकटतम रेल्वे स्टेशन अहमदाबाद में है जहां से यह मंदिर लगभग 102 किमी की दूरी पर है। हवाई जहाज से जाने वाले यात्रियों के लिए निकटतम एयरपोर्ट अहमदाबाद है।

About The Author

admin

See author's posts

1,797

Related

Continue Reading

Previous: आज भी रहस्य बना हुआ है तारा तारिणी शक्तिपीठ मंदिर | Taratarini Shaktipeeth Temple
Next: Sendhwa Fort: इस किले में कोई खजाना तो नहीं दबा हुआ है ?

Related Stories

Mahakal Corridor Ujjain
  • इतिहास
  • तीर्थ यात्रा
  • विशेष

उज्जैन का पौराणिक ‘रूद्र सरोवर’ आज किस दशा में है

admin 26 February 2025
Saras Aajivika Fair Noida
  • देश
  • पर्यटन
  • लाइफस्टाइल

सरस मेले में दूसरे दिन उमड़ी भारी भीड़

admin 17 February 2024
Saras Aajivika Fair 2024 Noida 3
  • कला-संस्कृति
  • देश
  • पर्यटन

सरस आजीविका मेला 2024 का हुआ शुभारम्भ

admin 16 February 2024

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078209
Total views : 142618

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved