Skip to content
14 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • विदेश
  • विश्व-इतिहास

तालिबान की लूट से भीख का कटोरा भरेगा पाकिस्तान | taliban vs pakistan

admin 19 August 2021
Afghanistan and Pakistan border
Spread the love

पाकिस्तान के पास आतंकी तैयार करने के अलावा कमाई का कोई और जरिया नहीं है।
इस समय तालिबान का सबसे बड़ा शत्रु ईरान है क्योंकि तालिबान शिया समुदाय से घृणा करता है।

लुटेरा तालिबान पाकिस्तान के लिए कमाऊ पूत बनकर उभरा है। अफगान धरती पर तालिबान न केवल पाकिस्तानी कट्टरपंथियों और आतंकियों को पालेगा पोसेगा बल्कि उसकी आतंकी सोच को भी आगे बढ़ाएगा। अफगानिस्तान की धरती पाकिस्तानी मंसूबों और आतंकवाद के लिए वरदान साबित होगी। अब पाकिस्तान आराम से अफगान धरती पर तालिबान के संरक्षण में आतंकी कैंप चला सकेगा, जहां से ट्रेंड आतंकी पूरी दुनिया में कोहराम मचा देंगे और पूरी सोच के पीछे चीन अपनी पूरी ताकत और टेक्नोलॉजी झौंक देगा, क्योंकि कभी अफीम और पोस्तदाने की खेती इसी अफगानिस्तान की धरती पर फलती फूलती थी, जो कभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की आय का बड़ा जरिया हुआ करती थी।

पाकिस्तानी सोच और कट्टरपंथी विचारधारा पर गहरी पकड़ रखने वाले विचारक तारिक फतेह की मानें तो यह कोई रातों रात नहीं हुआ है। इस पूरे प्रकरण पर पिछले दस सालों से काम चल रहा था। पाकिस्तानी सरजमीं पर खुद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां और अधिकारी तालिबानी आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे रहे थे। इसके एवज में अमेरिकन आर्मी की ट्रेनिंग एजेंसियों को एक मोटी रकम इस्लामिक देशों द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जरिए दी जा रही थी।

सूत्रों की मानें तो तालिबानी आतंकियों की ट्रेनिंग पूरी होते ही अमेरिका ने अफगानिस्तान की धरती से अपनी सैन्य शक्ति को वापस बुला लिया। थ्योरी यह भी है कि पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद से जिस तरह से 20 साल पहले अफगानिस्तान की इसी धरती से सोवियत यूनियन को भगाने के लिए तालिबान को खड़ा किया था, उसी तरह इस बार सोवियत यूनियन ने भी अमेरिका को उसी के हथियार से उसी अफगान धरती पर गहरी मात दी है। समय बदला है, दुश्मनी वही है।

दरअसल अमेरिका 20 साल पहले जिस तालिबान को मारने के लिए अफगान धरती पर उतरा था, वह तालिबान कभी पूरी तरह से मरा ही नहीं था। तालिबानी लड़ाके रातों-रात नार्थ पाकिस्तान में जाकर आम नागरिकों की तरह रहने लग गए थे। पाकिस्तान के इस हिस्से में पठान समुदाय की बड़ी जनसख्या रहती है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें पूरा संरक्षण दिया और समय आने का इंतजार करने को कहा। इस बीच पाकिस्तान इस्लामिक देशों से तालिबान लड़ाकों को पालने और ट्रेनिंग देने के नाम पर मोटी रकम वसूलता रहा।

ज्ञात हो पाकिस्तान पूरी तरह से बर्बाद देश है और उसके पास आतंकी तैयार करने के अलावा कमाई का कोई और जरिया नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान एक देश का दर्जा प्राप्त किया हुआ संगठनात्मक ढांचा है, इसलिए उस पर कोई अन्य देश आतंकवाद के नाम पर कम से अटैक तो नहीं कर सकता है, इसी कवच का फायदा उठाकर पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों की फौज तैयार करके आतंकी संगठनों को सप्लाई करने का काम करता रहा है, जिसकी एवज में उसे कई इस्लामिक देशों से मोटी रकम प्राप्त होती है, जिससे यह देश चल रहा है। दूसरा यह देश अपने आका चीन को भी इसी तरह से खुश किए हुए है। लेकिन इसके बावजूद तालिबान का भविष्य बेहतर दिखाई नहीं पड़ रहा है, ध्यान रखना चाहिए कि तालिबान का सबसे बड़ा शत्रु ईरान है क्योंकि तालिबान शिया समुदाय से घृणा करता है। कमोबेस यही स्थिति तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान एवं तजीकिस्तान की है जहाँ भारी तादात में शिया समुदाय अफगान सीमा के नजदीक रहता है।

रातों रात कैसे हुआ तख्ता पलट-
अफगानिस्तान में रातों रात तख्तापलट के पीछे कई सवाल हैं, जिनके जवाब बेहद चौंकाने वाले हैं। आखिर तालिबान के अफगानिस्तान में घुसते ही उस देश की करीब तीन लाख सैनिकों की सेना कहां भाग गई। खुफिया सूत्र बताते हैं कि तालिबान लड़ाकों के पास 90 हजार पुराने हथियार थे, अफगान सेना 3 लाख अत्याधुनिक हथियार लेकर मजबूत स्थिति में थी लेकिन तालिबान के आते ही उनकी 3 लाख की सेना अचानक कहां गायब हो गई। तालिबान ने बिना लड़ाई के ही मात्र एक माह में पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कैसे कर लिया।

सूत्रों की मानें तो 2002 में अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबानी सरकार को उखाड़ कर नई सरकार स्थापित की थी तब सारे तालिबानी लड़ाके अमेरिकन अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल झौंककर अफगानिस्तान की नई सेना में भर्ती हो गए थे। जैसे ही अमेरिका ने अपनी सेना को अफगानिस्तान से बाहर निकाला अफगानिस्तान की नई तीन लाख की सेना तालिबान के साथ खड़ी हो गई।

याद कीजिए यही सद्दाम हुसैन के समय इराक में भी हुआ था अमेरिका के एक आक्रमण के साथ ही वहां की सारी सेना गायब हो गई अमेरिका ने वहां एक कठपुतली सरकार स्थापित की लेकिन बाद में वही सेना आईएसआईएस के रूप में सामने खड़ी हो गई थी। खैर जो भी हो आने वाले 20 सालों के लिए विश्व समुदाय को चौकन्ना रहने की जरूरत है।

– कुमार गजेंद्र

About The Author

admin

See author's posts

3,639

Related

Continue Reading

Previous: जासूसी का नजरिया उचित या अनुचित | espionage appropriate or inappropriate
Next: जासूसी की प्राचीनता का महत्व और उद्देश्य

Related Stories

Indravijay An Old Book in Hindi Translation
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास

वेदों में भी इतिहास की भरमार है

admin 19 March 2025
Pashchim ka shadayantr aur praacheenata ka durbhaagy
  • विदेश

पश्चिम का षड़यंत्र और प्राचीनता का दुर्भाग्य

admin 24 December 2024
Hindu temple in the UAE 2
  • विदेश
  • विशेष
  • षड़यंत्र

सनातन धर्म से कोई नाता नहीं है दुबई के इस नए मंदिर का

admin 14 February 2024

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078010
Total views : 142095

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved