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हजार स्तंभों वाले मंदिर की अनोखी है महिमा | Thousand Pillar Temple

admin 21 February 2021
Thousand Pillars temple in Hyderabad
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अजय सिंह चौहान | तेलंगाना राज्य की राजधानी से, यानी हैदराबाद शहर से करीब 150 किमी की दूरी पर प्राचीनकाल का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव, विष्णु और सूर्य देव, तीनों ही विराजमान हैं इसलिए इसको ‘त्रिकुटल्यम‘ (Thousand Pillar Temple) के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजित भगवान रुद्रेश्वर महादेव का शिवलिंग स्वयंभू है। स्वयंभू यानी कि स्वयं जन्मा या प्रकट हुआ शिवलिंग। वैसे तो इस मन्दिर में और भी कई छोटे-छोटे शिवलिंग हैं लेकिन इस ‘त्रिकुटल्यम’ की मान्यता यहां मुख्यरूप से विराजित भगवान शिव, विष्णु और सूर्य देव के मंदिर के रूप में है।

दरअसल, आम तौर पर मंदिरों में भगवान महादेव और श्री हरि विष्णु जी के साथ ब्रह्मा जी की पूजा होती है। लेकिन, दक्षिण भारत में ‘त्रिकुटल्यम‘ नाम का ये एक ऐसा इकलौता मंदिर हैं जहां ब्रह्मा जी की जगह सूर्य देवता विराजमान हैं।

वारंगल में स्थित प्राचीन किला और श्री रुद्रेश्वर स्वामी का ये मंदिर, दोनों ही यूनेस्को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल हैं और वारंगल क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण पवित्र और प्राचीन धार्मिक और पर्यटन स्थानों और धरोहरों में आते हैं।

चाहे आप इसे हजार स्तंभों वाला मंदिर कह लें या ‘त्रिकुटल्यम‘ या फिर इसे आप श्री रुद्रेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी पुकारें, स्थानीय लोगों के लिए इन तीनों ही नामों में मात्र एक ही मंदिर का दृश्य उभर कर नजर आता है।

भले ही इस मंदिर संरचना को एक हजार स्तंभों यानी एक हजार खंभों वाला मंदिर कहा जाता है लेकिन सच तो ये है कि इस समय इस मंदिर में एक हजार खंभे नहीं बल्कि इन खंभों की संख्या 300 से थोड़ी अधिक बताई जाती है। लेकिन, कहा जाता है कि जब ये मंदिर बन कर तैयार हुआ था उस समय इसमें 1000 स्तंभ (Thousand Pillar Temple) हुआ करते थे तभी तो इसको ये नाम मिला था।

अगर आप भी यहां घुमने-फिरने जाने का मन बना रहे हों तो बता दें कि यहां 1000 स्तंभों वाले इस मंदिर (Thousand Pillar Temple) के अलावा भी यहां वरंगल का किला, भद्रकाली मंदिर और वारंगल से करीब 70 किलोमीटर दूर रामप्पा मंदिर भी हैं जहां घूमा जा सकता है। शहर के अन्य प्रमुख स्थानों में दो बड़े तालाब भी आकर्षण का केन्द हैं।

इस मंदिर के लिए आप यहां अपने परिवार के साथ साल के किसी भी मौसम में आ-जा सकते हैं, लेकिन, अगर आप यहां सर्दियों के महीनों में जायेंगे तो ये मौसम सबसे अच्छा माना जाता है।

अगर आप यहां रेल द्वारा पहुंचना चाहते हैं तो उसके लिए यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन मंदिर से करीब 10 किमी की दूरी पर काजिपेट जंक्शन के नाम से है।

अगर आप यहां रोडवेज बस से जायेंगे तो हनमकोंडा बस अड्डे से इस मंदिर तक की दूरी मात्र 2 किमी है। इसके अलावा यहां का निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो यहां से करीब 150 किलोमीटर दूर है।

हैदराबाद से मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से होकर जाना होता है। आप चाहें तो टेक्सी या फिर रोडवेज बस के द्वारा भी वहां तक पहुंच सकते हैं।

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