जब लाल किले से किसानों के द्वारा तिरंगे का अपमान हुआ था तब सारी दुनिया ने लाइव देखा था। सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाई। आज भी उन्हीं किसानों के द्वारा जो हो रहा है लगता है मोदी सरकार द्वारा अमेरिका की सहायता से जानबूझ कर ये आंदोलन करवाया जा रहा है। क्योंकि इस आंदोलन के जरिये हिन्दुओं के कुछ मुख्य मुद्दे जैसे UCC, worship act, मठ और मंदिर का सरकार से मुक्ति, गो हत्या प्रतिबंधित कानून, वक़्फ़ बोर्ड समाप्ति सहित और भी पचासों मुद्दे हैं जिनसे हिन्दुओं का ध्यान भटकाया जा रहा है।
कुछ आम और मूल हिन्दुओं से भूल हो गई जो दो बार इनको हिन्दू समझ कर वोट दे दिया। इनसे तो कांग्रेस और कोन्ग्रेस्स के वे उसके समर्थक ही अच्छे थे जिसके बारे में कम से कम हिन्दुओं को इतना तो ज्ञान रहता था कि वे हमारे शत्रु हैं और हमारा शत्रु हमारे सामने है। पीठ पीछे वार करने की आदत म्लेच्छों की ही होती है। संघ, बीजेपी और मोदी सभी म्लेच्छों के भी म्लेच्छ निकले। साफ़ पता चल रहा है कि इनके मुँह राम बगल में छुरी है।
संघ-बीजेपी और मोदी सरकार के सामने तिरंगे का मान ही क्या है जो अपमान कहा जाय। सभी को समझ आ गया है कि सिर्फ हिन्दुओं के लिए ही तो है तिरंगा। हिलाते रहो इस तिरंगे को और राष्ट्रवाद के गीत गाते रहो इसके नाम पर। ताकि हिन्दुओं का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटक जाय और इक्का-दुक्का विरोध भी चलते रहे और किसी तरह आचार संहिता लागू हो जाय बस।