भले ही दुनिया के अन्य किसी भी शहर से हम अपने इस शहर की तुलना न करें लेकिन, इतिहासकारों और प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ दुनिया के तमाम सैलानियों ने माना है कि राजस्थान के उदयपुर (Udaipur Tourism) जैसा सुंदर और आकर्षक शहर राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश के अन्य किसी भी राज्य में नहीं है। तभी तो विदेशी सैलानियों की नजर में उदयपुर को पूर्व के वैनिस के रूप में भी जाना जाता है।
प्राकृतिक एवं मानवीय रचनाओं से समृद्ध इस सुंदर और आकर्षक उदयपुर शहर (Udaipur Tourism) को महाराणा उदय सिंह द्वारा बसाया गया थ। जबकि उदयपुर का प्राचीन इतिहास बताता है कि यहां सर्वप्रथम सिसोदिया राजवंश का शासन हुआ करता था। लेकिन, चित्तौड़गढ़ पर होने वाले मुगलों के लगातार और बार-बार के आक्रमणों से परेशान होकर महाराणा उदय सिंह ने पिछौला झील के तट पर अपनी नई राजधानी के रूप में इसे विकसित कर इसे अपने नाम पर उदयपुर नाम दिया गया।
उदयपुर (Udaipur Tourism) के ऐतिहासिक ‘‘लेक पैलेस’’ को देखकर लगता है मानो यह पिछौला झील में तैर रहा है। सन 1743 से 1746 के बीच बने इस महल तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि, अब यह महल एक लग्ज़री होटल में बदल चुका है लेकिन फिर भी यह महल न सिर्फ राजस्थान की शान है बल्कि संपूर्ण राजपुताना समाज के लिए भी गर्व करने के लिए है।
उदयपुर आज न सिर्फ राजस्थान के एक प्रमुख शहरों में से एक है बल्कि देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र के रूप में उदयपुर (Udaipur Tourism) इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहां कई शानदार बाग-बगीचे, प्राकृतिक झीलें, संगमरमर के महल और राजपुताना की शान कहे जाने वाली अनगिनत आलीशान हवेलियां इस शहर की शान को और अधिक बढ़ातीं हैं।
आज अपने सौंदर्य के लिए उदयपुर शहर दुनियाभर में इसीलिए जाना जाता है क्योंकि यहां की हवेलियों और महलों की भव्यता को देखकर दुनियाभर के पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मात्र इतना ही नहीं बल्कि यहां के स्थानीय निवासियों का व्यवहार, उनकी संस्कृति, पारंपरिक पहवाने, लोक-नृत्य, लोक-गीत, उत्सव एवं विभिन्न त्योहारों में जो आकर्षण और भव्यता है उनके कारण हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक, लेखक, फोटोग्राफर, फिल्मकार, कलाकार एवं कई बड़े व्यावसायी यहां खिंचे चले आते हैं।
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उदयपुर की पिछौला झील के पूर्वी किनारे पर बने एक विशालकाय और भव्य सिटी पैलेस की परछाई दुनियाभर के पर्यटकों को न सिर्फ बेहद रोमांचित करती है बल्कि बार-बार यहां आने के लिए भी आकर्षित करती है। सिटी पैलेस नाम का यह महल राजस्थान के कुछ प्रसिद्ध और विशालकाय एतिहासिक महलों में से एक है।
उदयपुर (Udaipur Tourism) के अन्य प्रमुख आकर्षणों में पवित्र धूनी माता व राणा प्रताप का संग्रहालय, भव्य जगदीश मंदिर, जग मंदिर, सज्जनगढ़ महल, कुंभागढ़ का विश्वप्रसिद्ध किला, रनकपुर का जैन मंदिर और भारतीय लोककला संग्रहालय भी है। इन सबसे अलग, उदयपुर शहर में अगर आपको ऊंट की सवारी या फिर घुड़सवारी का भी आनंद लेना हो तो उसके लिए यहां कई प्रमुख पर्यटन स्थलों और कुछ प्रमुख स्थानों पर ऊंट वाले दिख जाते हैं।
देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए उदयपुर में अपने-अपने बजट के अनुसार होटलों और रेस्तरां आदि की भी कोई कमी नहीं हैं। उदयपुर में तमाम प्रकार के देशी और विदेशी, शाकाहारी और मांसाहारी, हर प्रकार के स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया जा सकता है।
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वैसे यहां ये भी सच है कि उदयपुर (Udaipur Tourism) के लोग अपने चटपटे और मिर्च-मसाले वाले भोजन के लिए भी जाने जाते हैं। यदि आप भी भोजन में मिच कुछ ज्यादा खा सकते हैं और पचा सकते हैं तो संपूर्ण राजस्थान और खासतौर पर उदयपुर के स्थानीय लोगों द्वारा खाए जाने वाली गट्टे की सब्जी, मिर्ची वड़ा और कचैड़ी का भी स्वाद ले सकते हैं। लेकिन, अगर सैलानियों को उदयपुर सहीत संपूर्ण राजस्थान के पारंपरिक व्यंजन का स्वाद लेना हो तो उसके लिए यहां दाल-बाटी और चूरमा सबसे अधिक खाया जाता है।
उदयपुर में खरीदारी के लिए अपने-अपने बजट के अनुसार छोटे-बड़े, सस्ते और महंगे-महंगे कई बाजार हैं जहां से राजस्थान के पारंपरिक कपड़े और खिलानों सहित घर-गृहथी के तमाम प्रकार के सामानों की खरीददारी की जा सकती है। जबकि स्थानीय स्तर पर प्रतिदिन और साप्ताहिक दिनों में लगने वाले कई प्रकार के लोकल हाट और मेले यहां के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होते हैं। इन बाजारों में खूबसूरत गुड्डे-डुड़िया, खिलौने, कठपुतलियां, राजस्थानी परिधान और साफा आदि बहुत ही कम दामों पर खरीदे जा सकते हैं।
इसके अलावा इन हाट या बाजारों में हैंड प्रिन्ट, बाटिक प्रिंट, बंधेज के वस्त्र, चद्दरें, लकड़ी के रंग-बिरंके खिलौने, तरह-तरह के आकर्षक मिट्टी के बर्तन, राजस्थानी पेंटिंग और कई प्रकार की कलाकृतियों की भरमार भी होती है जो उचित दाम में मिल जाती हैं।
उदयपुर शहर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 8 पर स्थित है। सड़क और रेल आदि के द्वारा यहां पहुंचने के लिए दिल्ली से यह दूरी लगभग 665 किलोमीटर और राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 400 किलोमीटर और अहमदाबाद से करीब 250 किलोमीटर है। जबकि हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों के लिए उदयपुर में महाराणा प्रताप एयरपोर्ट भी है।
अरावली पर्वत श्रंृखलाओं की पहाड़ियों से घीरे और पांच प्रमुख झीलों वाले इस उदयपुर शहर में पर्यटन का आनंद लेने के लिए वैसे तो मौसम के अनुसार सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल के बीच का होता है, मगर आप यहां अन्य दिनों और महीनों में भी आ सकते हैं और देशी-विदेशी सैलानियों की भीड़ को भी देख सकते हैं।
– अशोक सिंह, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)