दिनांक 21 दिसंबर 2024 को दिल्ली में भारत के इतिहास में अब तक के एक सबसे अलग तरह के सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विषय है, “सनातन धर्म: भारतीय संस्कृति का मूल आधार।” इसमें देश के जाने-माने विद्वानों का न केवल भाषण होगा, अपितु वह शोध पत्र भी प्रस्तुत करेंगे, जिसे बाद उन शोध पत्रों को सरकार और विपक्ष सहित संयुक्त राष्ट्र संघ तक भेजेंगे का कार्य किया जायेगा।
शोध पत्र प्रस्तुत करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. पी.एन. मिश्र भी शामिल हैं, जिनकी वजह से अदालत से हिंदू समाज को रामजन्म भूमि पर अधिकार प्राप्त हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से 40 दिन की बहस में अकेले 28 दिन और सुप्रीम कोर्ट में लगातार 5 दिन और आंशिक रूप से 9 दिनों तक मिश्र जी ने बहस किया था, जबकि अन्य वकीलों को केवल आधा घंटा-एक घंटा का समय ही मिल पाया था। अदालती फैसले को यदि पढ़ेंगे तो पाएंगे कि पुराण, इतिहास, शिलालेख से रामजी का जन्म उसी स्थान पर हुआ था, यह डॉ मिश्र ने ही साबित किया, जिस कारण केस का पूरा रुख हिंदू समाज की ओर मुड़ गया। न्यायधीशों ने भरी अदालत में कहा कि मिश्र जी आपके कारण हमें इस मामले में संपूर्ण जानकारी मिल सकी है।
मिश्र जी के अलावा CBI के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव, जाने-माने विद्वान प्रो. मधु किश्वर, शंकर शरण जी आदि के अलावा वैष्णवाचार्य, तंत्राचार्य सहित 11 विद्वान उपस्थित होंगे।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप इस सेमिनार में पधार कर आयोजकों को अनुग्रहित करें और ज्ञान गंगा में डुबकी लगाएं। यह सेमिनार पूरी तरह से राजनीतिक विचारों और नेताओं से दूर है इसलिए इसमें किसी भी पार्टी के नेता, राजनीतिक पार्टी आदि विचारधारा को महत्व नहीं दिया जा रहा है अर्थात यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से “नो लेफ्ट, नो राइट, ओनली सनातन वाइस” की विचारधारा पर ही आधारित है।
सेमिनार की तिथि: 21 दिसंबर 2024
दिन: शनिवार।
स्थान: दीवान पैलेस, द्वारका सेक्टर -23, दिल्ली।
समय: सुबह 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक।
धन्यवाद।
आपका संदीप देव।
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