लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियां जोरों पर हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ता पूरे जोश एवं उत्साह से चार सौ के लक्ष्य को भेदने में लग गये हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को यह अच्छी तरह पता है कि यदि चार सौ के पार जाना है तो एक-एक सीट को जीतना है। इसी क्रम में दिल्ली प्रदेश के कार्यकर्ता यहां की सातों सीटें जीतने के लिए रात-दिन एक किये हुए हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा का प्रेरणादायी नेतृत्व कार्यकर्ताओं को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में यदि दिल्ली प्रदेश का मूल्यांकन किया जाये तो बिना किसी लाग-लपेट के कहा जा सकता है कि इस बार भी भाजपा 2014 एवं 2019 का इतिहास दोहराने जा रही है यानी सातों सीटें जीतेगी। भाजपा की दिल्ली में सातों सीटें जीतने की स्थिति जो बनी है, वह यूं ही नहीं बनी है, उसके कुछ ठोस कारण भी हैं।
पहली बात तो यह है कि कांग्रेस एवं आप का जो गठबंधन है वह बेमेल गठबंधन है या इसे यूं कहा जा सकता है कि दोनों दलों का वोट एक दल के खाते में शिफ्ट नहीं हो पायेगा। उसका सीधा कारण यह है कि आम आदमी पार्टी अब तक कांग्रेस को सर्वदृष्टि से भ्रष्ट बताती रही है और इसी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर वह सत्ता में आई थी, ऐसी स्थिति में दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरे के साथ मिल पाने में अपने को सहज नहीं पा रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि दोनों दलों का बेमेल गठबंधन भले ही हुआ है किंतु उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को समाप्त करने के नाम पर सत्ता में आई थी किंतु सत्ता का स्वाद चखते ही पार्टी ने सारी नैतिकता एवं सिद्धांत ताक पर रख दिये। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अपने आप को असाधारण मानव समझ रहे हैं। उन्हें लगता है कि कानून के समक्ष पेश होने लायक शख्सियत उनकी नहीं है। ईडी के द्वारा उन्हें बार-बार नोटिस मिलता रहा किंतु उन्होंने ईडी के सामने उपस्थित होकर जवाब देना उचित नहीं समझा। अंततोगत्वा ईडी स्वयं उनके घर पहुंच गई और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल त्याग एवं नैतिकता की बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे किंतु जेल जाने से पहले उन्होंने त्याग पत्र देना उचित नहीं समझा।
अब तक दिल्ली की जनता यह समझ चुकी है कि केजरीवाल में कोई भी त्याग एवं नैतिकता की भावना नहीं है, उन्हें सिर्फ कुर्सी एवं सत्ता से लगाव है। त्याग एवं नैतिकता के नाम पर वे सिर्फ नौटंकी करते हैं। भ्रष्टाचार की मिशाल बन रहा उनका शीश महल वैसे भी आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। दिल्ली में कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी का असली चरित्र क्या है, इससे दिल्लीवासियों को अवगत कराने के लिए दिल्ली भाजपा ने कड़ा संघर्ष किया। इसी संघर्ष की वजह से इन दोनों दलों का असली चेहरा दिल्लीवासियों के समक्ष आ सका। दिल्ली भाजपा के कड़े संघर्ष के कारण ही दोनों दल हाशिये पर हैं। राष्ट्रवाद, तुष्टिकरण एवं अन्य मुद्दों पर कांग्रेस की कोई स्पष्ट नीति नहीं है।
लोकसभा चुनावों की दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी की यदि बात की जाये तो कहा जा सकता है कि चुनाव की रणनीति एवं तैयारियों को लेकर वह कांग्रेस और आप से बहुत आगे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे प्रत्येक बूथ पर 370 वोट बढ़ाने के लिए काम करें। प्रधानमंत्री जी का स्पष्ट रूप से कहना है कि ‘बूथ जीता तो देश जीता।’ इसी मूल मंत्र को लेकर भाजपा के कार्यकर्ता 400 के लक्ष्य को भेदने में लगे हुए हैं किंतु सारी खूबियों के बावजूद भाजपा नेतृत्व सदैव अपने कार्यकर्ताओं को अहसास कराता रहता है कि किसी भी कीमत पर अति आत्म विश्वास से बचना है, इसीलिए भाजपा कार्यकर्ता किसी भी मोर्चे पर कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
चुनावों की दृष्टि से कार्यकर्ता बहुत पहले से ही तैयारियों में जुटे हैं। प्रत्येक बूथ पर त्रिदेव एवं पन्ना प्रमुखों की सक्रिय सूची अपडेट हो गई है। पन्ना प्रमुखों को उनके पन्ने की मतदाता सूची उपलब्ण्ध करा दी गई है। पार्टी के निर्देशानुसार सभी बूथों का वर्गीकरण किया जा चुका है। प्रत्येक बूथ पर व्हाट्सअप गु्रप बना लिये गये हैं। पन्ना प्रमुखों को निर्देश दिया जा चुका है कि प्रत्येक पन्ने से दो गैर भाजपा परिवारों को चिन्हित कर उनसे विशेष रूप से संपर्क करना है।
चुनाव की घोषणा जब से हुई है तभी से बूथों की बैठकें हो रही हैं। केन्द्र सरकार की उपलब्धियों, हिन्दुत्व, राष्ट्रवाद एवं विकास को लेकर कार्यकर्ता जन-जन तक पहुंच रहे हैं। कारवां यदि यूं ही चलता रहा तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि भाजपा प्रत्याशियों की जीत अच्छे अंतर से होगी।
2014 के चुनावों के पहले आम तौर पर देखने को मिलता था कि पार्टी हमेशा छाई रहती थी, किंतु अंत के 15 दिनों में वह सुस्त पड़ जाती थी किंतु आज की भाजपा शुरू से लेकर आखिर तक पकड़ बनाये रखने में महारत हासिल कर चुकी है। अंत्योदय से सर्वोदय तक पहुंचने के लिए पार्टी कार्यकर्ता अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं। प्रति वर्ष प्रत्येक बूथ पर होने वाले कार्यक्रमों की बदौलत पार्टी वैसे भी दिल्लीवासियों तक अपनी पकड़ बनाने के लिए सदैव कार्यरत रहती है। ये छह कार्यक्रम निम्न प्रकार हैं – भाजपा स्थापना दिवस- 6 अप्रैल, डाॅ. अंबेडकर जयंती- 14 अप्रैल, डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जन्म दिवस- 6 जुलाई, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती- 25 सितंबर, स्वामी विवेकानंद जयंती- 12 जनवरी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती- 23 जनवरी। इसके अलावा प्रधानमंत्री जी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम तो प्रत्येक महीने प्रत्येक बूथ पर होता ही है। ये सभी कार्यक्रम आम जनता से जुड़ने में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए निहायत ही उपयोगी साबित हो रहे हैं। आम जनता में पार्टी का वातावरण बनाने में पंच निष्ठाओं की भी भूमिका कम नहीं है। राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय एकता, गांधीवादी दृष्टिकोण पर आधारित समता मूलक समरस समाज की स्थापना, सकारात्मक पंथ निरपेक्षता और नैतिक जीवन मूल्य आधारित राजनीति का सिद्धांत ही आम जनता में पार्टी के प्रति चार चांद लगा
देता है।
उपरोक्त बातों का यदि विश्लेषण किया जाये तो कहा जा सकता है कि पार्टी सर्वदृष्टि से अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देती है जिससे आम जनता के बीच जाकर कार्यकर्ता वाद-विवाद एवं बहस में किसी भी दल के कार्यकर्ता पर भारी पड़ सकें। वास्तव में भाजपा की मजबूती का मूल आधार भी यही है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दावे पर खरी उतरेगी और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी तीसरी बार भी प्रधानमंत्री बनेंगे। राष्ट्र एवं समाज के हित में ऐसा होना बेहद जरूरी भी है।
– हिमानी जैन, महामंत्री- भारतीय जनता पार्टी, दरियागंज मंडल, दिल्ली प्रदेश