राजधानी दिल्ली सहित देश के तमाम हिस्सों में पानी की समस्या बढ़ती ही जा रही है। अभी से लोग इस बात के लिए चिंतित हैं कि समस्या यदि इसी प्रकार रही तो भविष्य में क्या होगा? दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा है कि जो लोग पानी की बर्बादी करेंगे उन पर जुर्माना लगाया जायेगा। सरकारों को जो करना है, वो करती रहेंगी किंतु यहां समस्या इस बात की है कि क्या दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा पानी पीने के लायक है।
तमाम दिल्लीवासी दूषित पानी की वजह से पेट एवं अन्य तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। कभी-कभी तो पानी इतना गंदा आता है कि उसे पीना तो दूर की बात वह पानी नहाने एवं कपड़ा धोने लायक भी नहीं होता। यदि कोई उससे नहा लेता है तो शरीर में खुजली की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कहने के लिए तो दिल्ली में पानी फ्री है किंतु तमाम लोग दूषित होने की वजह से दिल्ली जल बोर्ड का पानी पीते ही नहीं, वे पीने के लिए पानी खरीदते हैं। पीने के लिए जो पानी लोग खरीदते हैं, उसकी भी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती। ऐसी स्थिति में फ्री पानी होने की वजह से जितना दिल्लीवासी बचाते हैं उससे अधिक वे पीने के लिए पानी खरीदने में व्यय कर देते हैं।
यह बात पूरी दिल्ली के लोग जानते हैं कि दिल्ली जल बोर्ड भारी घाटे में है। पानी की जो पाइपें नालों एवं नालियों से होकर जा रही हैं, उनकी मरम्मत करना दिल्ली जल बोर्ड के लिए टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा है। फ्री पानी देना अच्छी बात है किंतु उसके साथ ही शुद्ध जल जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि पानी शुद्ध न मिल सके ऐसे मुफ्त पानी का कोई औचित्य नहीं है। जिस पानी को पीकर लोग बीमार पड़ने लगें तो उससे समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर ही होती जायेगी।
अभी से कुछ लोग इस बात के लिए चिंतित होने लगे हैं कि राजधानी दिल्ली में यदि पानी की समस्या इसी प्रकार रही तो कहीं दिल्ली छोड़ना न पड़ जाये। जो पाइपें किसी नाले या नाली में से होकर जाती हैं और वह कहीं से टूटी हैं और उसके माध्यम से लोगों के घरों में नालों एवं नालियों का भी पानी चला जाता है। इस पानी को पीकर लोग बीमार नहीं होंगे तो और क्या होगा? इस समस्या की तरफ दिल्ली सरकार तुरंत ध्यान दे। इसके साथ ही जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर दिल्ली सरकार कोई स्थायी योजना तैयार करे, क्योंकि जल ही जीवन है। यदि जल है तो कल है। यदि जल नहीं होगा तो किसी भी रूप में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
आज दुनिया के तमाम शहरों में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। चूंकि, दिल्ली देश की राजधानी है, यदि इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो राजधानी के लिए आने वाला समय ठीक नहीं होगा। वैसे भी पानी की बचत एवं संरक्षण करना हर किसी का कर्तव्य है। इस दिशा में सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। इस दिशा में जितनी जल्दी सचेत हो लिया जाये उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि इसके अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प भी नहीं है।
– जगदम्बा सिंह