लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें भारतीय जनता पार्टी पुनः जीतने में कामयाब रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दो विशाल रैलियों एवं अन्य केन्द्रीय नेताओं की जनसभाओं से दिल्ली के वातावरण को भाजपा के पक्ष में सकारात्मक बनाने में काफी मदद मिली। इसके अतिरिक्त प्रदेश, जिला एवं मंडल के नेताओं द्वारा पूरी दिल्ली में जितनी भी छोटी-बड़ी सभाओं एवं नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया उससे पार्टी जनता के बीच अपनी बातें रखने में कामयाब रही।
वर्ष 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद 2024 में भी सभी सीटें जीतना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस बार के चुनाव की यदि बात की जाये तो पिछले दो चुनावों की अपेक्षा काफी भिन्न था। उसका सबसे प्रमुख कारण यह था कि इस बार कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने संयुक्त प्रत्याशी खड़ा किया था। संयुक्त प्रत्याशी खड़ा करने से चुनौतियां अधिक थीं किंतु दिल्ली भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में इन चुनौतियों का डटकर सामना किया और उसके सुखद परिणाम सामने आये। वास्तव में देखा जाये तो संयुक्त प्रत्याशियों को चुनाव में शिकस्त देना थोड़ा कठिन जरूर था किंतु असंभव नही था।
गौरतलब है कि इस बार चुनावों में गठबंधन की वजह से कांग्रेस पार्टी दिल्ली में तीन सीटों पर और आम आदमी पार्टी चार सीटों पर लड़ी थी। प्रदेश अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में अनवरत दिल्ली की हर छोटी-बड़ी समस्या को धरना-प्रदर्शन, मार्च, जनसभा, प्रेस कांफ्रेंस, सोशल मीडिया एवं अन्य प्रचार माध्यमों से दिल्लीवासियों के समक्ष उठाकर यह बताने का कार्य किया गया कि दिल्ली को 15-20 वर्ष पीछे ले जाने का काम आम आदमी पार्टी की सरकार ने किया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरी दिल्ली में दिल्लीवासियों को बताया कि लंबे समय से राजधानी में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। दिल्लीवासी फ्री पानी की वजह से जितना पैसा बचा रहे हैं, उससे कई गुना अधिक पानी खरीद कर पी रहे हैं। गंदे पानी की वजह से लोगों को जो बीमारियां हो रही हैं, उससे निजात पाने के लिए लोगों को इलाज में जितना पैसा लगाना पड़ रहा है उसकी तो कोई गणना ही नहीं है।
चुनावों के दौरान तो कभी-कभी इतना गंदा पानी आ रहा था कि यदि उससे नहा लिया जाये तो खुजली एवं अन्य चर्म रोग हो सकते थे। उस पानी से लोगों ने कपड़ा एवं बर्तन धोना भी मुनासिब नहीं समझा। गंदे पानी का सिलसिला आज भी पूर्व की भांति जारी है। गंदे पानी की समस्या को चुनाव में दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जनता के बीच बखूबी उठाया। कार्यकर्ताओं ने चुनावों के दौरान यह भी बताया कि फायदे में रहा जल बोर्ड देखते-देखते भारी भ्रष्टाचार के कारण भीषण घाटे में आ गया और आज दिल्ली सरकार पानी की कटी-फटी पाइपों को बदलने की भी स्थिति में नहीं है।
चुनावों के दौरान दिल्ली भाजपा ने दिल्ली परिवहन निगम की बदलाही, बदइंतजामी और बर्बादी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। विज्ञापनों एवं झूठ के सहारे दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों को आाखिर कब तक अंधेरे में रख पाती? भाजपा के लगातार जन जागरण अभियानों से दिल्ली सरकार की असलियत दिल्ली वासियों की समझ में आ गई और उसका परिणाम चुनावों में देखने को मिला। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार यह कहते रहे कि दिल्ली में कोई शराब घोटाला हुआ ही नहीं किंतु भाजपा ने दिल्लीवासियों के समक्ष यह बात पुरजोर तरीके से रखी कि यदि शराब घोटाला नहीं हुआ तो शराब की दुकानों की संख्या क्यों बढ़ाई गई, शराब के ठेकेदारों के कमीशन क्यों बढ़ाये गये, ड्राई-डे की संख्या क्यों घटाई गई? पिंक बार किसके लिए खोलने की योजना थी? आखिर यह सब क्यों किया जा रहा था? अंततोगत्वा दिल्लीवासियों को लगा कि यदि भाजपा ने दिल्ली सरकार की शराब नीति के खिलाफ आंदोलन नहीं किया होता तो शराब की चपेट में उनके भी बच्चे आ सकते थे।
कोरोनाकाल में तो दिल्ली सरकार ने लगातार शराब की दुकानें खोलकर आम लोगों की जेब पर डाका डालने का काम किया। दिल्ली सरकार ने खूब ढोल पीटकर एवं विज्ञापनों के माध्यम से भारत सहित पूरी दुनिया को यह बताने का काम किया कि उसने शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति ला दी है जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार के अधिकांश मोहल्ला क्लीनिक स्वयं बीमार हैं। दिल्ली के अस्पताल ऐसे हैं कि आम आदमी पार्टी के अधिकांश नेता अपना इलाज अपने अस्पतालों में करवाने की बजाय विदेशों में या दिल्ली से बाहर करवा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के नेताओं से यदि यह पूछा जाये कि उनके घरों के कितने बच्चे उनके एवं उनकी सरकार द्वारा सुधारे गये उनके स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ रहे हैं तो वे बगले झांकने लगेंगे। दरअसल, झूठ के हाथ-पांव बहुत लंबे नहीं होते। झूठ को एक न एक दिन बेनकाब होना ही पड़ता है। इसी झूठ को बेनकाब करने के लिए दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ता अनवरत लगे हुए हैं। इस तरह से तमाम छोटी-बड़ी समस्याओं को चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जनता के बीच रखा और आज भी कार्यकर्ता उसी कार्य में लगे हुए हैं।
चुनावों के दौरान भाजपा नेतृत्व के द्वारा चुनावी रचना बेहद बेजोड़ रही। सभी सांसद प्रत्याशियों ने केन्द्रीय संकल्प पत्र के साथ-साथ अपने लोकसभा क्षेत्रों के मुताबिक अलग-अलग संकल्प पत्र भी जनता एवं मीडिया के समक्ष रखा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आम जनता के नाम खुला पत्र भी जनता में गया। इस पत्र के माध्यम से लोगों को मोटे तौर पर यह जानकारी मिली कि वास्तव में मोदी सरकार ने देश के लिए अभी तक क्या किया है और आगे क्या करना चाहता है?
हालांकि, चुनावों के दौरान विपक्ष ने संविधान, आरक्षण सहित तमाम तरह के झूठ एवं भ्रम फैलाकर दिल्लीवासियों को बरगलाने का प्रयास किया किंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। आज जो लोग विपक्ष में हैं, वे अपने आप को ऐसे प्रचारित कर रहे हैं जैसे जनादेश उन्हें ही मिला है। 543 में से 99 सीटें जीतकर कांग्रेस ऐसे प्रचारित कर रही है, जैसे उसे 100 में से 99 मिली हों।
कुल मिलाकर कहने का आशय यही है कि दिल्लीवासियों ने सातों सीटें भाजपा को इस बार भी देकर यह बता दिया कि दिल्ली के दिल में भाजपा पहले भी थी और आज भी है। दिल्लीवासियों को लगता है कि दिल्ली के लिए मोदी सरकार ने जितने कार्य किये हैं, वे वास्तव में बेमिसाल हैं। केन्द्र सरकार ने वे काम यदि नहीं किये होते तो शायद दिल्ली और अधिक बदहाल होती। बहरहाल, जो भी हो दिल्ली की सातों सीटें जीतने के बाद दिल्ली भाजपा के हौसले बुलंद हैं और इस बुलंद हौंसले को भाजपा कार्यकर्ता भविष्य में भी बरकरार रखना चाहते हैं। इसके लिए वे अनवरत प्रयासरत एवं संघर्षरत हैं।
– हिमानी जैन, महामंत्री- भारतीय जनता पार्टी, दरियागंज मंडल, दिल्ली प्रदेश